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आकाशीय बिजली गिरने से 9 लोगों की मौत, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

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MP में बारिश और आकाशीय बिजली का कहर जारी है। प्रदेश में मौसम केंद्र ने आधे से ज्यादा हिस्से में तेज बारिश का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। भोपाल में सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई। नर्मदापुरम और रतलाम में भी पानी गिरा है। 36 घंटे में प्रदेश में बिजली गिरने से 9 लोगों की मौत हुई है। सीहोर के आष्टा में दोपहर में बारिश से बचने के लिए पेड़ के नीचे खड़े दो युवकों पर बिजली गिर गई। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। छतरपुर में महिला और बच्चे की मौत हो गई। इससे पहले भोपाल के बैरसिया में 2, विदिशा में 3 लोगों की मौत हो चुकी है।बुधवार को भी जबलपुर के अलावा बुंदेलखंड-बघेलखंड में अच्छी बारिश हुई। जबलपुर में जहां नाले उफान पर आ गए।  भोपाल और इंदौर में झमाझम बारिश की संभावना है।

मौसम वैज्ञानिक के मुताबित एक ट्रफ लाइन राजस्थान से मध्यप्रदेश होते हुए जा रही है। अरब सागर से नमी मिलने से प्रदेश में इसका असर भी शुरू हो चुका है। इधर, ग्वालियर में बुधवार शाम तेज बारिश हुई, जिससे गंगा नगर के पास बस्ती में पानी भर गया। रात को जब नगर निगम का अमला वहां पहुंचा, तो स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। एक बुजुर्ग ने तो टीम को मारने के लिए हाथ में पत्थर तक उठा लिया। टीम ने हाथ जोड़ते हुए माफी मांगी, तब बुजुर्ग का गुस्सा शांत हुआ। मौसम विभाग के मुताबिक भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभाग के इलाकों समेत मालवा-निमाड़ के कुछ जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 

भारी बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट जारी

वहीं रीवा, सीधी, सतना, सिंगरौली, उमरिया, अनूपपुर, शहडोल, छिंदवाड़ा, बालाघाट, छतरपुर और निवाड़ी में भारी बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। ग्वालियर के पश्चिमी इलाके में कई घरों में पानी भर गया। गृहस्थी का सामान खराब होने से बुजुर्ग को गुस्सा आ गया और उन्होंने पत्थर उठा लिया। ओडिशा और पश्चिमोत्तर अरब सागर के ऊपर मध्य चक्रवातीय गतिविधियां सक्रिय हैं। पूर्व-पश्चिम ट्रफ पंजाब-हरियाणा से लेकर दक्षिणी उत्तरप्रदेश, पूर्वोत्तर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और दक्षिणी ओडिशा से होते हुए पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी तक फैला है। 

इन इलाकों में हुई बारिश

मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि उत्तरी महाराष्ट्र से दक्षिणी कर्नाटक तट के समांतर ट्रफ है। अब दक्षिण पश्चिम मानसून के और आगे बढ़ने पर अब इसकी उत्तरी सीमा विदिशा, रतलाम, शिवपुरी, रीवा, मिर्जापुर, अयोध्या, हरिद्वार, ऊना और धर्मशाला से गुजर रही है। इसी कारण बघेलखंड, माकौशल और बुंदेलखंड में जमकर बारिश हुई। अगले 4 दिन तक ऐसा ही मौसम रहेगा। नर्मदापुरम में गुरुवार सुबह तेज बारिश हुई। शहर के मुख्य बाजार, हलवाई चौक, जय स्तम्भ चौक में सड़कों पर पानी बहा। रतलाम में भी गुरुवार सुबह झमाझम पानी गिरा। शहर के न्यू रोड, चौमुखी पुल, खेरादीवास में पानी भर गया। 

गाज गिरने से बाप-बेटे की मौत

नौगांव के ग्राम कीरतपुरा निवासी‎ सुकरतिया कुशवाहा, बेटे राजेश‎ और कमलेश के साथ खेत पर‎ थी। सभी खेत पर काम कर रहे‎ थे। तभी बारिश होने लगी तो सभी खेत‎ पर बनी झोपड़ी के अंदर चले‎ गए। कुछ ही देर बाद तेज गरज‎ के साथ बिजली‎ आकर झोपड़ी पर गिरी।‎ जिससे‎ सुकरतिया की मौके पर ही मौत हो गई, बाकी सभी झुलस‎ गए। वहीं, छतरपुर का 13 साल का प्रिंस‎ रैकवार अपने मामा राजू रैकवार‎ के यहां ईशानगर के गहरवार‎ सगुनियां गया था। वह अपने मामा‎ के लड़के मनोज पिता राजू रैकवार‎ के साथ खेत पर गया था। बिजली‎ गिरने से प्रिंस रैकवार की मौके पर‎ मौत हो गई। जबकि उसका ममेरा‎ भाई मनोज झुलस गया।

कई जिलों में बरपाया कहर

जबलपुर में बुधवार शाम तेज बारिश हुई। नाले उफनाने से शहर के ज्यादातर इलाकों में पानी सड़क पर आ गया। कांग्रेस के महापौर उम्मीदवार जगत बहादुर अन्नू जलभराव वाले स्थानों पर पहुंचे और जायजा लिया। बीना में झांसी गेट के अंडपास पर तेज बारिश के बाद पानी भर गया। खंडवा में बुधवार देर शाम बारिश हुई। आधे घंटे में 9 मिमी पानी गिरा। बारिश ने प्रदेश के कई जिलों में जमकर कहर बरपाया है।

आकाशीय बिजली गिरने पर इस तरह बचें

आकाशीय बिजली गिरने पर खुले आकाश में रहने को बाध्य हो तो नीचे के स्थलों को चुनें, एक साथ कई आदमी इकट्ठे न हो, दो आदमी की दूरी कम से कम 15 फीट हो, तैराकी कर रहे लोग, मछुवारे जितना जल्दी हो सके पानी से बाहर निकल जाए, गीले खेतों में हल चलाते, रोपनी या अन्य काम कर रहे किसानों और मजदूरों या तालाब में कार्य रहे व्यक्ति तुरंत सूखे और सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।

तेज रफ्तार ट्रक ने दंपती को रौंदा, शादी में शामिल होने जा रहा था परिवार

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MP में सड़क हादसे कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला नर्मदापुरम जिले का है, जहां पिपरिया स्टेट हाईवे पर माखननगर में ट्रक ने बाइक सवार दंपती को रौंद दिया। हादसे में पति-पत्नी की मौके पर मौत हो गई। जबकि 14 साल का बेटा घायल हो गया। घटनास्थल पर एंबुलेंस या शव वाहन नहीं पहुंचने से मृतकों को ट्रैक्टर-ट्रॉली और लोडिंग ऑटो से रखकर पोस्टमार्टम कराने ले जाना पड़ा।

पुलिस‎ के मुताबिक जावली बर्रा टोला‎ के रहने वाले कैलाश अपनी पत्नी गिरजा और बेटे सौरभ (उम्र 14) के साथ शादी में पातलकोह बुदनी बाइक से जा‎ रहे थे। इसी बीच कुठारिया कॉलेज के पास‎ ट्रक ने बाइक काे‎ टक्कर मार दी, जिससे पति-पत्नी‎ की मौत हो गई। वहीं बेटे को गंभीर‎ चोट आई है। उसका प्राथमिक‎ इलाज करने के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।‎ 

सूचना के बाद भी नहीं पहुंची एंबुलेंस

जानकारी के मुताबिक माखन नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जिस जगह घटना हुई, वहां पर एक भी एंबुलेंस घटनास्थल पर नहीं पहुंची। इस कारण मृतकों को लोडिंग ऑटो और ट्रैक्टर से माखन नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर ले जाना पड़ा। दूसरी ओर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखा गया कि 2 एंबुलेंस खड़ी हुई थी। अब सवाल ये उठता है कि आखिर माखननगर में एंबुलेंस होने के बावजूद भी वह घटनास्थल पर समय पर क्यों नहीं पहुंचती है। इसे लेकर लोगों में आक्रोश है।

नदी में डूबने से 3 लड़कियों की मौत, नहाने के दौरान हुआ हादसा

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मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले से दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां मयापुर गांव में सीप नदी में डूबने से तीन लड़कियों की मौत हो गई। ये लड़कियां नदी में नहाने गई थीं। ​​​​गांव से बहने वाली सीप नदी में शनिवार को मयापुर गांव की रहने वाली ललिता (उम्र 14), रीना (उम्र 13), रानी (उम्र 10) और आरती (उम्र 21) नदी में नहाने गई थीं। अंचल में तेज बारिश के कारण नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। तीनों नहाते-नहाते गहरे पानी में चली गई और डूब गईं।

तीनों को डूबते देख आरती ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान आरती भी डूबने लगी। वहां मौजूद चरवाहे मानसिंह, लोकेश और सत्यवीर ने देखा तो वह बचाने के लिए दौड़े। चरवाहों ने आरती को बचा लिया, लेकिन बाकी ललिता, रीना और रानी पानी में बह गईं। सूचना पर देहात पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे, जिन्होंने गोताखोरों की मदद से तीनों के शव को नदी से बाहर निकाल लिया। साथ ही शवों को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।

सोनीपत में 2 युवकों की हुई थी मौत

इससे पहले हरियाणा के सोनीपत में यमुना नदी में डूबने से 2 युवकों की मौत हो गई। युवकों के नहर में बहने की सूचना के बाद प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान चलाया और काफी मशक्कत के बाद दोनों को बाहर निकाला। तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। दोनों की पहचान UP के जिला संभल के गांव मुटैना के सुनील (उम्र 19) और सुनील (उम्र 20) के तौर पर हुई है। दोनों यहां फैक्टरी में काम करते थे और फिलहाल गन्नौर के हरी नगर में किराए पर रहते थे।

नहाते वक्त डूब गए थे दोनों

जानकारी के मुताबिक गुरुवार को जेठ के दशहरा के मौके पर बड़ी संख्या में लोग यमुना नहर में स्नान के लिए मुरथल क्षेत्र में मिमारपुर घाट पर पहुंचे थे। इस बीच यमुना में नहाने के लिए उतरे दो युवक पानी में डूब गए। आसपास के लोगों ने उनको बचाने का प्रयास किया, लेकिन कामयाब नहीं हुए। हालांकि यमुना में इन दिनों पानी का बहाव बहुत कम है। दोनों युवकों के नहाते समय गड्‌ढे में फंसने से हादसा हुआ। युवकों के डूबने की सूचना के बाद प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और कई घंटों की मशक्कत के बाद दोनों युवकों को यमुना से बाहर निकाला। दोनों की मौत हो चुकी थी। 

राजस्थान में 3 बच्चों की मौत

वहीं 7 मई को राजस्थान के धौलपुर के राजघाट गांव में चंबल नदी में नहाने गए तीन बच्चों की डूबने से मौत हो गई थी। तीनों बच्चे सुबह नदी में नहाने गए थे, तभी तीनों डूबने लगे। वहीं भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पद्दार गांव सोहल के पास चिनाब नदी में फंसे दो युवकों को बचाया। जानकारी के मुताबिक सुनील और बाबुल नाम के ये युवक शनिवार रात जेसीबी मशीन के जरिए नदी पार करने की कोशिश कर रहे थे। तभी नदी में अचानक पानी बढ़ गया, जिसके बाद दोनों युवक नदी के बीच फंस गए। हालांकि करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद सेना के जवानों ने दोनों युवकों को सकुशल निकाल लिया था।

कुकदा डैम में डूबने से 3 लोगों की मौत

14 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में कुकदा डैम में डूबने से युवती समेत 3 लोगों की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक तीनों लोग अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के कर्मचारी थे, जो अपने साथियों के साथ रायपुर, धमतरी और कांकेर से पिकनिक मनाने के लिए कुकदा डैम पहुंचे थे। सूचना मिलने पर ASP चंद्रेश ठाकुर भी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच की। 5 सितंबर को राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के मंगलवाड़ क्षेत्र में तालाब में नहाने गए एक ही परिवार 5 बच्चों की डूबने से मौत हो गई थी।

बारातियों से भरी पिकअप पलटी, 5 लोगों की मौत, 30 से ज्यादा घायल

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मध्यप्रदेश हादसों का गढ़ बन गया है। ताजा मामला शहडोल जिले का है, जहां बारातियों से भरी पिकअप पलटने से 5 लोगों की मौत हो गई। पिकअप जयसिंहगर के डोहका गांव से देवलोंद जा रही थी। हादसे में 30 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। इनमें 10 की हालत ज्यादा नाजुक है। हादसा ब्यौहारी थाना इलाके के टिहकी गांव के पास हुआ। बताया जा रहा है कि हादसे में पिकअप में सवार 4 बारातियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घायलों को ब्यौहारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

घटना की सूचना मिलते ही ADGP डीसी सागर, कलेक्टर वन्दना वैद्य समेत एसपी एडिशनल एसपी मौके पर पहुंचे। वहीं ब्यौहारी थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंची। पिकअप में 42 लोग सवार थे। मृतकों की पहचान बलवंत सिंह उम्र 20 साल, मालिक गोंड उम्र 55 साल, बुधमान उम्र 45 साल, रामबहोर गोंड, उम्र 45 साल और दीपक सिंह गोड उम्र 15 साल के रूप में हुई है। 

हादसे को लेकर CM शिवराज ने जताया दुख

हादसे को लेकर CM शिवराज सिंह चौहान दुख जताया है। उन्होंने कहा कि शहडोल में बारातियों से भरा वाहन पलटने से कई अनमोल जिंदगियों के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। दिवंगतों को ईश्वर से अपने श्री चरणों में स्थान देने और परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना है। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं। 

दर्दनाक: खाई में गिरी 30 यात्रियों से भरी बस, MP के 26 लोगों की मौत

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उत्तराखंड के उत्तराकाशी में बड़ा और दर्दनाक हादसा हुआ है, जहां MP के करीब 30 तीर्थयात्रियों से भरी बस खाई में गिर गई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई है। सभी यात्री चारधाम यात्रा पर जा रहे थे। NDRF टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। उत्तराखंड CM आपदा नियंत्रण कक्ष से रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर रख रहे हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी देहरादून पहुंच चुके हैं।

बस हरिद्वार से चली थी। थानाध्यक्ष पुरोला अशोक कुमार ने कहा कि गहरी खाई और अंधेरे की वजह से शवों को सड़क तक पहुंचाने में दिक्कत हुई। उत्तराखंड के DGP अशोक कुमार ने कहा कि सभी यात्री मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के हैं। हादसे के बाद एम्बुलेंस के साथ मेडिकल की टीम भी मौके पर मौजूद थी। घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

उत्तराखंड के CM ने कलेक्टर को मौके पर भेजा 

बस हादसे के बाद उत्तराखंड के CM ने कलेक्टर को मौके पर भेजा। बस में ड्राइवर और कंडक्टर के अलावा 14 पुरुष और 14 महिलाएं सवार थे। मृतकों की पहचान राजकुमार (38) राजकुंवर (58, महिला) मेनका प्रसाद (56) सरोज (54, महिला) बद्रीप्रसाद (63) करन सिंह (62) उदय सिंह (63) हक्की राजा (60) चंद्रकली (61, महिला) मोतीलाल (62) बलदेव (77, महिला) कुसुम बाई (77, महिला) अनिल कुमारी (50, महिला) कारसन बिहारी (69) प्रभा (63, महिला) शकुंतला (60, महिला) पार्वती (62, महिला) शीला बाई (61, महिला) विश्वकांत (39) चंद्रकला (57, महिला) कंछेदीलाल (62) राजाभाई (59) धनीराम (72) कामबाई (57, महिला) वृंदावन (61) कमला (59, महिला) और रामसखी (63) गीताबाई (55, महिला) के रूप में हुई है।

PM नरेंद्र मोदी ने जताया दुख 

हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने कहा कि- उत्तराखंड में हुआ बस हादसा अत्यंत पीड़ादायक है। इसमें जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मैं अपनी शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन मौके पर हरसंभव सहायता में जुटा है। प्रधानमंत्री ने रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। उत्तराखंड में दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए PMNRF की ओर से 2-2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी जताया दुख

उत्तराखंड में बस हादसा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दुख जताया है। अमित शाह ने कहा कि श्रद्धालुओं से भरी बस खाई में गिर गई। मैंने इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा- उत्तराखंड में चारधाम की तीर्थयात्रा पर यमुनोत्री धाम जा रही बस के खाई में गिरने से मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के तीर्थयात्रियों की मृत्यु बेहद दुखद, पीड़ाजनक है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिजनों को गहन दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। एक अन्य ट्वीट में शिवराज ने कहा कि और मेरी टीम उत्तराखंड सरकार समेत स्थानीय जिला प्रशासन के सतत संपर्क में है। घायलों के इलाज और मृतकों के शव को मध्यप्रदेश लाने की व्यवस्था की जा रही है। दुख की इस घड़ी में परिवार स्वयं को अकेला ना समझे, हम सब शोकाकुल परिवारों के साथ हैं।

मिठाई खाने के बाद फिर 100 से ज्यादा लोग हुए बीमार, अलग-अलग अस्पताल में कराया गया भर्ती

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MP के मंदसौर के बाद रतलाम के आलोट में फूड पॉइजनिंग से 100 से ज्यादा लोग बीमार हो गए। उल्टी-दस्त होने के बाद उन्हें एंबुलेंस और ग्रामीणों की मदद से सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया, जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं। दरअसल, गांव के मगीगाल धन्नालाल के घर मानता का कार्यक्रम था, जिसमें लोगों ने दाल-बाफले और लड्डू खाए थे। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई। गंभीर होने पर 70 ग्रामीण आलोट के अस्पताल पहुंचे। करीब 30 लोग निजी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे। 

मरीजों की संख्या ज्यादा होने पर गांव में मेडिकल टीम भेजी गई। कुछ लोगों को ताल शहर के अस्पताल में भी भेजा गया। वहीं ताल शहर के अस्पताल में भी कुछ लोगों को भेजा। कार्यक्रम में मेहमानों को ग्रामीण ने मिलकर भोजन कराया। इसे खाने के बाद करीब 100 लोगों की हालत बिगड़ गई। नायब तहसीलदार मुकेश सोनी, आलोट थाना प्रभारी बीएल भाभर, बीएमओ समेत प्रशासनिक अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर अब्दुल कादिर ने बताया कि ग्रामीण मावे से बनी मिठाई खाने की बात बता रहे हैं, जिससे फूड पॉइजनिंग के समस्या हुई है। डॉक्टर विष्णु प्रकाश फुलंब्रीकर समेत स्वास्थ्य विभाग की टीम इलाज में लगी हुई है।

मिठाई खाने के बाद हुए थे 300 से ज्यादा लोग बीमार

बता दें कि इससे पहले मंदसौर जिले में एक शादी समारोह में दूषित मावे से बनी मिठाई खाने से 300 से ज्यादा लोग बीमार हो गए थे। बीमार लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद भानपुरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भानपुरा तहसीलदार नागेश पंवार ने बताया कि नीमथूर गांव के कारुलाल के बेटे कन्हैयालाल की शादी में सामूहिक भोज का आयोजन किया गया था। इसमें दूषित मावे से बनी मिठाई खाने के बाद अधिकंश लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत शुरू हो गई। इसके बाद कुछ लोगों का स्थानीय इलाज किया गया। इनमें करीब 180 लोगों को भानपुरा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया था। 

इन चीजों का किया था सेवन

पंचायत के सरपंच दुलीचंद अहीर ने बताया कि पहले एक बच्चे को शिकायत हुई। इसके बाद लगातार बीमार लोगों की संख्या बढ़ती गई। इस पर कस्बा पटवारी को सूचना दी। इसके भोजन में मावे की मिठाई, छाछ का रायता, पूड़ी, पापड़ और सब्जी बनाई गई थी।

शादी समारोह में मिठाई खाने के बाद 300 से ज्यादा लोग हुए बीमार, खाई में कार गिरने से 3 की मौत

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MP के मंदसौर जिले में एक शादी समारोह में दूषित मावे से बनी मिठाई खाने से 300 से ज्यादा लोग बीमार हो गए। बीमार लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद भानपुरा अस्पताल में भर्ती कराया गया। भानपुरा तहसीलदार नागेश पंवार ने बताया कि नीमथूर गांव के कारुलाल के बेटे कन्हैयालाल की शादी में सामूहिक भोज का आयोजन किया गया था। इसमें दूषित मावे से बनी मिठाई खाने के बाद अधिकंश लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत शुरू हो गई। इसके बाद कुछ लोगों का स्थानीय इलाज किया गया। इनमें करीब 180 लोगों को भानपुरा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।

पंचायत के सरपंच दुलीचंद अहीर ने बताया कि पहले एक बच्चे को शिकायत हुई। इसके बाद लगातार बीमार लोगों की संख्या बढ़ती गई। इस पर कस्बा पटवारी को सूचना दी। इसके भोजन में मावे की मिठाई, छाछ का रायता, पूड़ी, पापड़ और सब्जी बनाई गई थी।

खाई में कार गिरने से 3 की मौत

इधर, शिवपुरी जिले के नरवर थाना क्षेत्र में टपकेश्वर के पास कार हादसे का शिकार हो गई। टायर फटने के बाद कार अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई। जबकि 6 लोग घायल हो गए। घायलों को ग्वालियर रेफर किया गया है।

अनियंत्रित होकर पलटी कार

ग्वालियर के पिछोर से लड़की वाले कार से शिवपुरी के रहने वाले ब्रजेश शर्मा बेटे राहुल शर्मा को फलदान देने जा रहे थे। ये लोग नरवर के रास्ते शिवपुरी आ रहे थे। इसी दौरान टपकेश्वर क्षेत्र में कार का टायर फट गया, जिसके बाद गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। MP में लगातार सड़क हादसों की खबरें सामने आ रही है।

गोमांस तस्करी के शक में 2 आदिवासियों की पीट-पीटकर हत्या, कांग्रेस ने कहा- जंगलराज...

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देश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है। ताजा मामला MP के सिवनी जिले के बादल पार चौकी क्षेत्र का है, जहां गोमांस तस्करी के शक में तीन आदिवासियों को लाठियों से जमकर पीटा गया। इसमें दो लोगों की मौत हो गई। वहीं एक युवक घायल है। मौत की खबर से गुस्साए ग्रामीणों ने जबलपुर-नागपुर नेशनल हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। हत्या और चक्काजाम की जानकारी मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा और ग्रामीणों को समझाइश देकर मामले को शांत कराया। हालांकि इस दौरान यातायात बाधित रहा। 

जानकारी के मुताबिक कुरई के गांव के सागर और सिमरिया गांव के धानशाह (उम्र 54) समेत संपत बट्टी (उम्र 60) को कुछ युवकों ने लाठियों से पीटा था। मृतकों के परिजन का आरोप है कि हत्या करने वाले बजरंग दल से जुड़े हैं। इधर, सूचना मिलने पर बरघाट से कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोडिया भी कुरई पहुंचे। उन्होंने गुस्साए लोगों के साथ हाईवे पर बैठकर प्रदर्शन किया। विधायक ने आरोप लगाया है कि आरोपी बजरंग दल के कार्यकर्ता हैं। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

कुरई थाना प्रभारी गनपत सिंह उइके का कहना है कि मौके से लगभग 12 किलो मांस मिला है, जिसकी जब्ती बनाकर जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा जा रहा है। आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 

कांग्रेस ने इसे जंगलराज बताया है। कांग्रेस ने कहा कि बजरंग दल के लोगों ने 2 आदिवासियों की हत्या की। सिवनी जिले में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने 2 आदिवासी की पीट-पीट कर हत्या की और 1 युवक की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है, कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह माकोड़िया धरने पर बैठे और कहा कि शिवराज जी ये जंगलराज नहीं तो क्या है...?। 

घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग 

वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि सिवनी जिले के आदिवासी ब्लॉक कुरई में दो आदिवासी युवकों की निर्मम हत्या किए जाने की बेहद दुखद जानकारी मिली है। इस घटना में एक आदिवासी युवक गंभीर रूप से घायल है। परिवारजनों व क्षेत्रीय ग्रामीण जनों द्वारा आरोपियों के बजरंग दल से जुड़े होने की बात कही जा रही है। कमलनाथ ने सरकार से मांग की है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा कर, दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद की जाए और घायल युवक के सरकारी खर्च पर इलाज की पूरी व्यवस्था हो। 

घटना की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने तीन विधायकों की एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी घटनास्थल पर जाकर पीड़ित परिवारों से मिलेगी और घटना की पूरी जानकारी लेकर अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को प्रस्तुत करेगी। कमेटी में विधायक ओंकार सिंह मरकाम,अशोक मर्सकोले, नारायण पट्टा शामिल हैं। बता दें कि MP में मारपीट की घटनाएं आए दिन सामने आते रहते हैं।

नर्मदा नहर में डूबने से 4 बच्चियों की मौत, ऋतम्भरा आश्रम में रहकर करते थे पढ़ाई

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मध्यप्रदेश हादसों का गढ़ बनता जा रहा है। प्रदेश में किसी न किसी दुर्घटना की खबर रोजाना सामने आ रही है। ताजा मामला खंडवा जिले के ओंकारेश्वर के कोठी गांव का है, जहां नर्मदा नहर में नहाते समय 4 बच्चियां डूब गईं। बताया जा रहा है कि पहले एक बच्ची का पैर फिसला, उसे बचाने के लिए तीन और सहेलियां पानी में कूद गई। इससे चारों की मौत हो गई। 5वीं क्लास में पढ़ने वाली बच्चियां खरगोन-बड़वानी के आदिवासी वन ग्रामों से थीं और कोठी में साध्वी ऋतम्भरा के परमशक्ति पीठ आश्रम में रहकर पढ़ाई कर रही थीं।

जानकारी के मुताबिक बुधवार सुबह 7 बजे 11 बच्चियां आश्रम के पीछे नर्मदा नहर में नहाने के लिए निकलीं। 5 लौटकर आश्रम चली गईं। 6 में से एक का पैर फिसला तो वह नहर में गिर पड़ी, जिसे बचाने बाकी की पांचों सहेलियों ने छलांग लगा दी। इन 5 बच्चियों में से 2 तो किनारे पर सुरक्षित लौट आईं, लेकिन 3 बच्चियां और जिस बच्ची का पैर फिसला वो नहीं लौटीं। इन चारों के शव निकाले गए। बच्चियों की उम्र 10 से 11 साल के बीच है।

आश्रम प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

जिस नहर में हादसा हुआ, वह कोठी से गुजरात की तरफ जाने वाली बड़ी नहर है। यहां बगैर सुरक्षा संसाधनों के बच्चियों को नहाने के लिए भेजना आश्रम प्रबंधन की लापरवाही बताता है। यह नहर आश्रम के ठीक पीछे है। नहाने के लिए घाट बना हुआ है। नहर के अंदर तक सीढ़ियां हैं, लेकिन पानी में दबी सीढ़ियों पर काई जमी हुई है। इसी काई में पैर फिसलने से यह हादसा हुआ। ग्रामीणों के अनुसार, यहां रोजाना बच्चियां नहाने आती हैं। आश्रम में सुविधाएं होने के बाद भी उन्हें यहां भेजा जा रहा था। बताया जा रहा है कि घाट पर काई की वजह से बच्ची का पैर फिसला था।

 बच्चियों ने कक्षा पहली से लिया था प्रवेश

साध्वी ऋतम्भरा के परमशक्ति पीठ आश्रम में बच्चियों को पहली कक्षा से प्रवेश दिया जाता है। नहर में डूबने वाली सभी बच्चियां आश्रम में रहकर पढ़ाई कर रही थीं। जिन गांवों से बच्चियां यहां पढ़ने आई थी, उनके परिवारवालों में भी अब डर पैदा हो गया है। जान गंवाने वालों में वैशाली पिता नवलसिंह, प्रतिज्ञा पिता छमिया, दिव्यांशी पिता चेतन और अंजना पिता रमेश शामिल है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

तालाब में डूबने से एक ही परिवार के 5 बच्चों की मौत

बता दें कि 5 सितंबर को राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के मंगलवाड़ क्षेत्र में तालाब में नहाने गए एक ही परिवार 5 बच्चों की डूबने से मौत हो गई थी। पानी के बाहर खड़े अन्य बच्चों ने गांव के लोगों को इसकी सूचना दी, जिस पर ग्रामीण तत्काल मौके पर पहुंचे और पांचों बच्चों को पानी से बाहर निकाला और सभी बच्चों को मंगलवाड़ के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया। 

नहाने के दौरान हुआ हादसा

पुलिस के मुताबिक चित्तौड़गढ़ के मंगलवाड़ क्षेत्र के एक तालाब में 8 बच्चे नहाने के लिए रविवार सुबह निकले थे, जिनमें से दो बच्चे तालाब में नहीं उतरे। वहीं मंगलवाड़ के सूरज ( उम्र 12) का पैर स्लिप होने पर वो भी तालाब से बाहर निकल गया। जबकि मंगलवाड़ के भावेश (उम्र 10), चंद्रशेखर (उम्र 12), सुमित (उम्र 12), प्रिंस (उम्र 8) और इंदौरा के हरीश (उम्र 8) नहाने के लिए तालाब में उतर गए। इस दौरान गहरे पानी में जाने की वजह से बच्चे डूबने लगे, जिन्हें डूबते देख बाहर खड़े बच्चों ने इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी, जिन्होंने पहुंचकर पांचों बच्चों को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया।

बोरवेल में गिरे बच्चे की पानी में डूबने से मौत, सिर के बल फंसा था 4 साल का बच्चा

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MP के उमरिया में दर्दनाक हादसा हुआ है। दरअसल, यहां बोरवेल में गिरे 4 साल के गौरव की पानी में डूबने से मौत हो गई है। मासूम को करीब 16 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाहर निकाला गया। बोर 150 से 200 फीट गहरा है। बताया जा रहा है कि बच्चा गुरुवार सुबह करीब 11 बजे गिरा था। बच्चा सिर के बल गिरा था। उसके पैर कैमरे में ऊपर की तरफ दिख रहे थे। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम ने रेस्क्यू शुरू कर दिया था।

25 फरवरी की सुबह 4 बजे रेस्क्यू पूरा हुआ। बच्चे को कटनी जिले के बरही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां डॉक्टर राजमणि पटेल ने गौरव को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने मौत का कारण पानी में डूबना और सांस लेने में दिक्कत बताया है। डॉक्टर का कहना है कि बच्चे की बाहर निकालने के 7 से 8 घंटे पहले ही मौत हो चुकी थी।

16 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन 

मामला मानपुर विकास खंड के बरछड़ गांव का है। संतोष दुबे का बेटा गौरव सुबह करीब 11 बजे खेलते-खेलते खेत में बने बोरवेल में गिरा था। उसे निकालने के लिए जेसीबी की मदद से गड्ढे के पैरलल खुदाई की गई। एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट दिनेश ने बताया कि मिट्‌टी थोड़ी सख्त होने से खुदाई में दिक्कत आ रही थी।  मासूम को बाहर निकालने के लिए करीब 16 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला, लेकिन बच्चे की जान नहीं बच सकी। 

सड़क हादसों से भरा रहा रविवार, 6 जिलों में हुए हादसे में 15 लोगों की मौत

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मध्यप्रदेश सड़क हादसों का गढ़ बनता जा रहा है। प्रदेश में किसी न किसी दुर्घटना की खबर रोजाना सामने आ रही है। इसी बीच प्रदेश में रविवार का दिन सड़क हादसों से भरा रहा। यहां के 6 जिलों में हुए अलग-अलग सड़क हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई। जबकि 7 से ज्यादा लोग घायल हो गए। ये सड़क हादसे सतना, दमोह, मंडला, गुना, दतिया और रतलाम जिले में हुए हैं। कोलगवा थाना निरीक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि रविवार को सतना जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर अमरपाटन थाना क्षेत्र में इटमा नदी के पास एक ट्रक ऑटो-रिक्शा के ऊपर पलट गया।

इस हादसे में ऑटो-रिक्शा चालक समेत 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है। उन्होंने बताया कि मृतकों में ऑटो-रिक्शा चालक, दो महिलाएं और एक बच्चा शामिल है। इस बीच दमोह के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार सिंह ने बताया कि जिले के तेजगढ़ के लकलका गांव के पास कोहरे के चलते 2 बाइक के बीच आमने-सामने की टक्कर हो गई, जिसमें रामलाल यादव (उम्र 20), राजेंद्र यादव (उम्र 28) और तीरथ (25) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

ASP ने दी घटना के बारे में जानकारी

ASP ने बताया कि इस हादसे में 2 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर है और उसे जबलपुर रेफर किया गया है। जबकि दूसरे का दमोह जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। ASP सिंह ने बताया कि दमोह जिले में ही कुम्हारी थाना अंतर्गत चील घाट के पुल पर रविवार की सुबह दमोह से रीवा जा रही एक कार कोहरे के कारण अनियंत्रित होकर नदी में जा गिरी, जिसमें सवार कवींद्र तिवारी नामक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि वैभव तिवारी नामक एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ट्रैक्टर पलटने से 3 मजदूरों की मौत

इधर, मंडला जिले के बिछिया पुलिस थाना प्रभारी एस राम मरावी ने बताया कि एक अन्य हादसे में एक ट्रैक्टर के बिछिया थाना क्षेत्र अंतर्गत गणेश पेट्रोल पंप के पास पलट जाने से उसमें सवार तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान संजू मरकाम (उम्र 18), नंदू मरावी (उम्र 18) और संदीप धुर्वे (उम्र 17) के रूप में की गई है। मरावी ने बताया कि घायल व्यक्ति को बिछिया स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।

कार की चपेट में आने से 2 लोगों की गई जान

चांचौड़ा पुलिस थाना प्रभारी रवि गुप्ता ने बताया कि गुना जिले के बीनागंज क्षेत्र में एक तेज रफ्तार कार की चपेट में आने से पैदल चल रहे बलवीर सहरिया (उम्र 40) और उसके भतीजे फूल सिंह (उम्र 26) की मौके पर ही मौत हो गई। नगर निरीक्षक राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि दतिया में झांसी राजमार्ग पर रविवार सुबह घने कोहरे के कारण दो ट्रकों के बीच आमने-सामने की टक्कर में एक ट्रक चालक की मौत हो गई। जबकि दूसरा ट्रक चालक गंभीर रूप से घायल हो गया।

सड़क पर गिरी महिला को कार ने रौंदा

वहीं रतलाम जिले के सैलाना कस्बे में तेज रफ्तार कार के कुचले जाने के कारण एक महिला की मौत हो गई। ये घटना एक CCTV कैमरे के दायरे में हुई। सैलाना पुलिस थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह कनेश ने बताया कि मृतका की पहचान मनीषा परिहार (उम्र 40) के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त मनीषा अपने भाई के साथ बाइक पर जा रही थी, तभी कार ने उनके वाहन को टक्कर मार दी, जिससे महिला सड़क पर गिर गई और कार से कुचलने के कारण उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि इस हादसे में महिला का भाई घायल हो गया है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सिंह ने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और कार ड्राइवर की तलाश  की जा रही है।

अजब-गजब: विदाई के दिन दूल्हे के सामने प्रेमी के साथ फरार हुई दुल्हन, जानिए क्या है पूरा मामला

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MP के सतना से एक अजब-गजब मामला सामने आया है। दरअसल, यहां शादी के बाद पति के साथ विदा हुई दुल्हन रास्ते में अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई। बताया जा रहा है कि सतना के अहिरगांव में 14 दिसंबर को एक लड़की की शादी धूमधाम से हुई थी। पूरे हिंदू रीति रिवाज से परिवार ने शादी की सभी रस्में पूरी की। अगले दिन कुशवाहा परिवार ने अपनी बेटी को उसके दूल्हे के साथ विदा कर दिया। 

दुल्हन कार में सवार होकर अपने पति के साथ ससुराल के लिए रवाना हो गई, लेकिन रास्ते में उसने कार रुकवाई और पहले से बाइक लेकर वहां खड़े अपने बॉयफ्रेंड अशोक यादव के साथ फरार हो गई। नई नवेली दुल्हन को किसी और के साथ भागता देखकर दूल्हा हैरान रह गया, जिसके बाद उसे खाली हाथ अपने घर वापस लौटना पड़ा। दूल्हे के परिवार ने मामले की खबर तुरंत दुल्हन के परिवार को दी। ये खबर सुनते ही उसके मायके में हड़कंप मच गया। 

प्रेमी और दुल्हन को किया गया SDM के सामने पेश

पूरा परिवार तुरंत उसके ससुराल पहुंचा और सिविल लाइन थाने में उन्होंने मामले की शिकायत की। दुल्हन को ढूंढने के लिए पुलिस ने चारों तरफ नाकाबंदी करा दी। मोबाइल लोकेशन के आधार पर देर रात पुलिस ने दुल्हन को उसके बॉयफ्रेंड के साथ पकड़ लिया। जानकारी के मुताबिक दुल्हन और उसके प्रेमी को SDM के सामने पेश किया गया। लड़की ने  SDM से कहा कि वो अपने मायके और ससुराल दोनों ही जगह नहीं जाना चाहती है। 

प्रेमी के साथ चली गई दुल्हन

लड़की ने कहा कि वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ जिंदगी बिताना चाहती है, जिसके बाद उसने अपने सारे गहने मायके वालों को सौंप दिए और अपने बॉयफ्रेंड अशोक यादव के साथ चली गई। बयान दर्ज कराने के बाद SDM उस पर कोई दवाब नहीं बना सके। मायके और ससुराल वालों के सामने दुल्हन अपने प्रेमी के घर चली गई। वहीं नई नवेली दुल्हन के प्रेमी संग फरार होने की खबर गांव में चर्चा का विषय बनी हुई है। 

गांव में हो रही चर्चा

इस घटना का खामियाजा सबसे ज्यादा दूल्हे को भुगतना पड़ा है। उसकी कोई गलती न होने के बाद भी उसे बिना दुल्हन के ही अपने घर लौटना पड़ा। उसकी दुल्हन उसकी आंखों के सामने अपने प्रेमी के साथ चली गई और वह कुछ न कर सका। इधर, इस घटना को लेकर लोग तरह-तरह की बाते कर रहे हैं। ये गांव में चर्चा का सबसे बड़ा विषय बना हुआ है। 

झारखंड से मजदूरी करने राजस्थान गए मजदूर की मौत, मजदूरी का पैसा मांगने पर दलित का काटा हाथ

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झारखंड से मजदूरी के लिए राजस्थान गए वीरेंद्र तुरी (उम्र 36) की मौत हो गई है। वीरेंद्र गिरिडीह के तुरिया टोला गांव का रहने वाला था। जानकारी के मुातबिक राजस्थान में वीरेंद्र की तबीयत खराब होने पर वो ट्रेन से घर के लिए निकला था।  यात्रा के दौरान ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन पर उसकी हालत और ज्यादा बिगड़ गई और मौत हो गई। मजदूर के शव को ट्रेन से कोडरमा स्टेशन भेज दिया गया है। 

वीरेंद्र का परिवार गरीब है। घर की जिम्मेदारियों को निभाने और पैसे कमाने के लिए वो कुछ दिन पहले गांव के दूसरे साथियों के साथ कमाने के लिए राजस्थान गया हुआ था। राजस्थान में उसकी तबीयत खराब हुई तो साथियों ने उसे एक नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के बाद वीरेंद्र घर लौटना चाहता था। विरेंद्र की बात मानते हुए साथियों ने उसे घर भेज दिया, लेकिन बीच रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मृतक वीरेंद्र की 3 बेटियां और एक बेटा है। बेटी की शादी करनी थी और घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। 

रास्ते में ही हुई मौत

शादी करने के लिए पैसे जुटाने थे तो विरेंद्र नौकरी की तलाश में राजस्थान गया था। वीरेंद्र की मौत के बाद परिवार का भरण पोषण करने वाला भी कोई नहीं है।  परिवार से गरीबी दूर करने का वादा करके वीरेंद्र ने घर से बाहर कदम रखा था। दोस्तों ने काम दिलाने की बात भी कही थी, जिसके बाद वीरेंद्र उनके साथ राजस्थान चला गया, लेकिन राजस्थान जाते ही वीरेंद्र की तबीयत खराब हो गई। वीरेंद्र घर लौटना चाहता था, परिवार से मिलना चाहता था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

मजदूरी का पैसा मांगने पर सजा 

इधर MP के रीवा जिले में मजदूरी के रुपए मांगने पर 45 साल के एक दलित मजदूर का हाथ धारदार हथियार से काटने के आरोप में उसके नियोक्ता समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये घटना रीवा के डोलमऊ गांव में शनिवार को हुई। रीवा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार वर्मा ने बताया कि डोलमऊ गांव में मजदूरी के रुपए मांगने पर नियोक्ता गणेश मिश्रा ने अपने साथियों के साथ मिलकर श्रमिक अशोक साकेत के एक हाथ को धारदार हथियार से काट दिया। उन्होंने कहा कि साकेत पड़री गांव का निवासी है और अनुसूचित जाति से संबंध रखता है।

ASP ने जी मामले के बारे में जानकारी

ASP ने बताया कि साकेत ने डोलमऊ गांव में मिश्रा के लिए निर्माण कार्य में मजदूर के रूप में काम किया था और मिश्रा उसे मेहनताना देने में कथित रूप से आनाकानी कर रहा था। उन्होंने कहा कि मामले को सुलझाने के लिए साकेत और एक अन्य व्यक्ति ने शनिवार को मिश्रा से मुलाकात की। इस दौरान उनमें विवाद हो गया, जिसके बाद कथित तौर पर मिश्रा और अन्य लोगों ने साकेत पर धारदार हथियार से हमला कर दिया और उसका एक हाथ काट दिया।

मजदूर की हालत नाजुक

ASP वर्मा ने बताया कि आरोपियों ने कटे हाथ को पास ही छिपाने की कोशिश भी की, लेकिन बाद में उसे बरामद कर लिया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस साकेत को संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टर्स के एक दल ने ऑपरेशन के बाद कटे हाथ को फिर से जोड़ दिया है। ASP ने डॉक्टर्स के हवाले से बताया कि बहुत ज्यादा खून बहने के कारण साकेत की हालत नाजुक है। फिलहाल मजदूरी का इलाज जारी है।

कांग्रेस विधायक के बेटे ने खुद को गोली मारकर की खुदकुशी, 4 पेज का सुसाइड नोट बरामद

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देश में आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है। आत्महत्या करने वालों में युवाओं का नाम सबसे ज्यादा सामने आ रहा है। ताजा मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर का है, जहां कांग्रेस विधायक संजय यादव के 16 साल के बेटे ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। ये हादसा विधायक के हाथी ताल वाले घर पर हुआ है।

पुलिस के मुताबिक विभु ने घर पर रखी लाइसेंसी बंदूक से गुरुवार को खुद को गोली मार ली। परिवार के सदस्य उसे तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। संजय यादव के बेटे ने आत्महत्या के लिए लाइसेंसी बंदूक का इस्तेमाल किया है। विभु ने खुद को जैसे ही गोली मारी। परिवार के लोग तुरंत वहां पहुंच, लेकिन तब तक विभु बेहोश होकर गिर गया था। घरवाले उसे लेकर अस्पताल गए, लेकिन तब तक विभु की मौत हो चुकी थी।

विभु ने छोड़ा 4 पेज का सुसाइड नोट

संजय यादव जबलपुर में बरगी विधानसभा सीट से विधायक हैं। पुलिस के मुताबिक विभु ने 4 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है, लेकिन सुसाइड नोट में क्या लिखा है पुलिस ने इसका खुलासा नहीं किया है। इसलिए आत्महत्या की वजह अभी तक पता नहीं चल पाई है। पुलिस ने विभु यादव के कमरे को लॉक कर जांच शुरू कर दी है। घटना की खबर मिलते ही कांग्रेस नेता और शुभचिंतक अस्पताल पहुंचे। 

विधायक का छोटा बेटा था मृतक

घटना की सूचना मिलते ही पूर्व मंत्री तरुण भनौट, राज्यसभा सांसद विवेक तंखा, भाजपा विधायक इंदु तिवारी समेत भाजपा-कांग्रेस के कई नेताओं ने विधायक संजय यादव के आवास पर पहुंचकर सांत्वना दी। वहीं भारी भीड़ को देखकर अस्पताल के बाहर पुलिस बल को तैनात किया गया। सुसाइड की वजह क्या है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि विभु कांग्रेस विधायक संजय यादव का छोटा बेटा था। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी विभोर की मौत को लेकर दुख जताया है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 'मेरे करीबी साथी विधायक संजय यादव के पुत्र विभु यादव के निधन की बेहद दुखद खबर प्राप्त हुई है। परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान और पीछे परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।'

SP ने दी जानकारी    

SP सिद्धार्थ बहुगणा ने बताया कि कक्षा 12वीं के छात्र विभोर ने मौत से पहले 4 पेज का सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने अपने 5 दोस्तों को सेंड करने के साथ ही किसी दोस्त के पास जाने की बात लिखी है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि उसने किसी दोस्त की मौत के बाद ये कदम उठाया है। घटना के वक्त घर में नौकर के अलावा कोई भी नहीं था। विधायक संजय यादव ग्रामीण क्षेत्र के दौरे पर थे। वहीं विधायक का बड़ा बेटा पेट्रोल पंप पर था। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

फिर एक किसान ने की आत्महत्या, ये बनी खुदकुशी की वजह

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मध्यप्रदेश में किसानों के आत्महत्या (Farmers' suicide in MP) करने की खबरें लगातार सामने आ रही है। कई किसान कर्ज के तनाव में अपनी जान दे रहे हैं तो कई फसल खराब होने के कारण मौत को गले लगा रहे हैं। ताजा मामला ईसागढ़ थाने के बड़ी पिररोल गांव का है, जहां एक किसान ने खाद नहीं मिलने के कारण जहर खा कर आत्महत्या कर ली। किसान धनपाल यादव के परिजनों का‌ आरोप है कि वे खाद नहीं मिलने से काफी समय‌ से परेशान चल रहे थे। इसीलिए उन्होंने सल्फास खा कर अपनी जान दे दी।‌ 

मृतक धनपाल के भाई विवेक ने बताया कि वो 10-15 दिन से खाद के लिए परेशान थे। पुलिस के मुताबिक ईसागढ़ स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल भेजे गए घनपाल की यहां पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी थी। मौत का कारण पोस्टमॉर्टम के बाद ही पता चल पाएगा। विवेक यादव ने बताया कि उसके चाचा ने सल्फास खा कर जान दी है। किसान के आत्महत्या करने के पीछे एक और वजह सामने आ रही है कि धनपाल की 12 बीघा सोयाबीन की फसल पूरी तरह से खराब हो चुकी थी, जिसकी वजह से वो पहले से परेशान चल रहा था। आगामी फसल बोने के लिए तैयार है, लेकिन खाद नहीं मिल पाने से बुआई नहीं हो पा रही थी।

किसानों की आत्महत्या के मामले बढ़े

साल 2020 में 2019 की तुलना में किसान और कृषि मजदूर की आत्महत्याओं में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।  4 हजार 006 आत्महत्याओं के साथ महाराष्ट्र एक बार फिर लिस्ट में सबसे आगे हैं। इसके बाद कर्नाटक 2 हजार 016, आंध्रप्रदेश 889, मध्यप्रदेश 735 और छत्तीसगढ़ 537 में कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों ने आत्महत्या की है। ये राज्य 2019 में भी इस मामले में दूसरे राज्यों से आगे थे।

खुदकुशी के मामले में कृषि क्षेत्र से जुड़े लोग सबसे ज्यादा

गुरुवार 28 अक्टूबर को भारत में आत्महत्या पर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों से पता चलता है कि किसानों और कृषि मजदूरों की आत्महत्या रुकने के बजाय बढ़ रही है। कुल मिलाकर देश में 2020 के दौरान कृषि क्षेत्र में 10 हजार 677 लोगों ने आत्महत्या की, जो देश में कुल आत्महत्याओं (1 लाख 53 हजार 052) का 7 प्रतिशत है। इसमें 5 हजार 579 किसान और 5 हजार 098 खेतिहर मजदूरों की आत्महत्याएं शामिल हैं। लगातार 4 साल गिरावट के बाद कृषि क्षेत्र में आत्महत्या के मामले बढ़े हैं। 2016 में कुल 11 हजार 379 किसान और कृषि मजदूरों ने आत्महत्या की थी। 2017 में इसमें गिरावट आई और संख्या 10 हजार 655 रह गई। 2018 में 10 हजार 349 तो 2019 में इस तरह के आत्महत्या के कुल 10 हजार 281 मामले सामने आए थे। 2020 में ऐसे मामलों की संख्या 10 हजार 677 रही।

भंडारे का खाना खाकर इस गांव के 70 से ज्यादा लोग बीमार, 5 लोगों की हालत गंभीर

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MP के ग्वालियर जिले के दमोरा गांव में भोज के कार्यक्रम का खाना खाकर लगभग 70 बच्चे और महिलाएं बीमार हो गईं हैं। सभी बीमार लोगों को ग्वालियर के मुरार अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां फर्स्ट ऐड देने के बाद उन्हें गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया है। इनमें से पांच मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। जानकारी के मुताबिक शनिवार की शाम गांव के बलवंत सिंह गुर्जर के घर पर भंडारे का आयोजन किया गया था। भोजन करके जब लोग अपने घर पहुंचे तो उन्हें उल्टियां, पेट दर्द और दस्त की दिक्कत होने लगी। 


मुरार अस्पताल प्रभारी डॉ. आलोक पुरोहित ने बताया कि फूड पाइजनिंग के कारण करीब 70 बच्चे और महिलाएं बीमार हुए हैं। इनमें से पांच मरीज गंभीर रूप से बीमार हैं। उन्होंने कहा कि गांव में अन्य लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति का पता लगाने के लिए डॉक्टर और पैरामेडिकल कर्मियों की टीम एंबुलेंस के साथ भेजी गई है। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने से जिला अस्पताल में भी हालात बिगड़ने लगे। स्थिति ये है कि यहां पर गैलरी में जमीन पर भर्ती करके मरीजों को इलाज देना पड़ रहा है। बीमार हुए लोगों में 35 बच्चे, 25 महिलाएं और 10 पुरुष शामिल हैं। 


गैलरी में किया जा रहा इलाज

पूरी गैलरी में ड्रिप स्टैंड लगा दिए गए हैं, क्योंकि मरीजों का आना लगातार जारी रहा था। वहीं गांव में फूड पॉइजनिंग की जानकारी मिलने के बाद CMHO डॉ. मनीष शर्मा, SDM एचबी शर्मा टीम के साथ हस्तिनापुर पहुंच गए। जेएएच में भर्ती मुन्नेश, रानी, कृष्णा, ज्योति, गीता बाई का इलाज चल रहा है। जबकि बच्चों में नंदनी (उम्र 10 साल), सौरव (उम्र 16 साल), रोशनी (उम्र 16 साल), लक्ष्मण सिंह (उम्र 65 साल), शीला बाई (उम्र 65 साल), योगेंन्द्र (उम्र 14 साल), शालू (उम्र 8 साल) और कन्हा (उम्र 5 साल) शामिल हैं।

ये लोग हैं अस्पताल में भर्ती

इसी तरह राजेन्द्र (उम्र 23 साल), प्रीति (उम्र 20 साल), बलवंत (उम्र 50 साल), केदार (उम्र 55 साल), देवकी बाई (उम्र 48 साल), किरन (उम्र 48 साल), दुर्गेश (उम्र 7 साल), बिपाशा (उम्र 14 साल), अंकिता (उम्र 10 साल), रितु (उम्र 14 साल), रामवरण (उम्र 63 साल), लवकुश (उम्र 8 साल), छोटू (उम्र 25 साल),कैलाशी (उम्र 48 साल), जामवती (उम्र 44 साल), मधु (उम्र 35 साल), पूरन (उम्र 30 साल), बेटू (उम्र 8 साल), राजा (उम्र 50 साल), विवेश (उम्र 16 साल), ममता (उम्र 30 साल), ज्योति राम अख्तियार (उम्र 10 साल), कुंती (उम्र 60 साल), तान्या (उम्र 5 साल), कैलाशी (उम्र 65 साल), रश्मि (उम्र 15 साल) और शिवम (उम्र 8 साल) शामिल हैं। इसके अलावा अन्य कुछ लोगों का भी इलाज अस्पताल में चल रहा है।

सावधान: इस राज्य में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मरीज, ये जिले बने हॉटस्पॉट

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देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर अभी थमा नहीं है। अभी भी रोजाना 15 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। वहीं रोजाना 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। इसी बीच मध्यप्रदेश में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। राजधानी भोपाल में डेंगू के 13 नए मरीज सामने आए हैं। भोपाल में नए मरीजों को मिलकर संख्या 560 के पार पहुंच गई है। 

वहीं प्रदेश में डेंगू के संक्रमण दर 5 फीसदी पर पहुंच गई है। 1 महीने में ही चार हजार से ज्यादा डेंगू के मरीज मिले हैं। प्रदेश में डेंगू के मरीजों की संख्या 6500 के पार पहुंच गई है। प्रदेश का मंदसौर, रतलाम, नीमच, इंदौर डेंगू का हॉटस्पॉट बन गया है। 

डेंगू से बचने के उपाय 

डेंगू फैलाने वाला मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपता है। जैसे कि कूलर , पानी की टंकी , फ्रिज की ट्रे , फूलदान , नारियल का खोल , टूटे हुए बर्तन और टायर। इसके लिए सभी लोगों को चाहिए कि वे पानी से भरे हुए बर्तनों और टंकियों को ढक कर रखें। कूलर को हफ्ते में एक दिन आवश्यक रूप से सुखाए । बता दें कि डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है। ऐसे में बदन को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहने। डेंगू के इलाद के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। बुखार उतारने के लिए पैरासीटामाल टेबलेट का उपयोग किया जाता है। लोगों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे एस्प्रीन या आइबु्रफेन का इस्तमाल अपने आप न करें। डेंगू होने पर डॉक्टर की सलाह ले।

कब पनपते हैं डेंगू के मच्छर?

डेंगू के मच्छर अधिकतर जुलाई से अक्टूबर के बीच ही पनपते हैं। इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। एडीज मच्छर 3 फीट से ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता है। एडीज मच्छर गर्म से गर्म माहौल में भी जिंदा रह सकता है। मानसून के समय पानी इकठ्ठा होने से डेंगू के मच्छर पनपने का अधिक खतरा रहता है। इसलिए गर्मियों की शुरुआत के साथ ही और लोगों के घरों में कूलर लगने के बाद ही बारिश में स्वास्थ्य विभाग घरों में कूलर में पानी जमा होने की चेकिंग शुरू कर देते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है की यह बीमारी अभी भी उतनी ही घातक है और इसे लेकर पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है।

शर्मनाक: 10 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म, शिक्षक ने दिया वारदात को अंजाम

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देश में दुष्कर्म की घटना लगातार बढ़ती (incidence of rape cases in india) ही जा रही है। रोजाना देश के अलग-अलग राज्यों से दुष्कर्म की खबरें सामने आ रही है। ताजा मामला मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल का है, जहां एक शिक्षक ने 10 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है।  फिलहाल पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है। 


मामला बैरसिया थाना क्षेत्र का है। बच्ची 5वीं कक्षा की छात्रा है। जानकारी के मुताबिक बैरसिया इलाके में रहने वाली पीड़ित बच्ची के घर के पास सरकारी स्कूल का टीचर (उम्र 50) प्रेम सिंह दांगी रहता है। दांगी यहां अपने खेत पर ही रहता है। उसके घर से खेत तक ट्यूबवेल की पाइप लाइन बिछी है। इस पाइप लाइन से पड़ोसी भी पानी लेते हैं। दुष्कर्म की घटना के दिन 3 मार्च को बच्ची भी उसके घर से पानी लेने गई थी। इस दौरान मौका पाकर शिक्षक ने उसके साथ दुष्कर्म किया। बताया जा रहा है कि इसके बाद बच्ची ने डर के मारे उसके घर जाना छोड़ दिया।

मां की शिकायत पर आरोपी गिरफ्तार 

वहीं आरोपी ने चाल चलते हुए ज्यादा पानी का लालच देकर उसे घर आने के लिए मना लिया। पीड़िता के परिजन ने पुलिस को बताया कि 9 सितंबर को बच्ची फिर दांगी के घर पानी भरने गई, जहां आरोपी उसे मौका पाकर बाथरूम ले गया और दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद बच्ची दर्द से परेशान हो गई और उदास रहने लगी। उसे ब्लीडिंग होने लगी थी। उसकी ब्लीडिंग को मां ने पीरियड समझा, लेकिन जब तकलीफ बढ़ गई तो मां ने फिर कारण पूछा। बच्ची ने दर्द से परेशान होकर सब सच-सच बता दिया। मां तुरंत मासूम को लेकर बैरसिया थाने पहुंची और आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने  आरोपी शिक्षक को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। 

लगातार बढ़ रहे दुष्कर्म के मामले

बता दें कि देश में दुष्कर्म की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी किए आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2019 में हर दिन बलात्कार के 88 मामले दर्ज किए गए। साल 2019 में देश में बलात्कार के कुल 32 हजार 033 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 11 फीसदी पीड़ित दलित समुदाय से हैं। NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले राजस्थान और उत्तर प्रदेश से दर्ज हुए। 2019 में राजस्थान में करीब 6,000 और उत्तर प्रदेश में 3,065 बलात्कार के मामले सामने आए। NCRB के आंकड़ों से पता चलता है कि बीते 10 सालों में महिलाओं के बलात्कार का खतरा 44 फीसदी तक बढ़ गया है।  

Breaking News: डंपर और बस की टक्कर, 7 लोगों की मौत, 13 से ज्यादा लोग घायल

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मध्यप्रदेश हादसों का गढ़ बनता जा रहा है। प्रदेश में किसी न किसी दुर्घटना की खबर रोजाना सामने आ रही है। ताजा मामला भिंड जिले का है, जहां एक बस और डंपर के बीच हुई टक्कर में 7 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 13 लोग घायल हुए हैं। ये हादसा भिंड के गोहाड स्क्वायर पर हुआ है। हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया। वहीं कुछ लोगों ने अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ दिया, जिन्हें डॉक्‍टरों ने मृत घोषित कर दिया। फिलहाल पुलिस सभी मृतकों की पहचान में जुटी हुई है। 


अभी फिलहाल बस में सवार 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मृतकों में 5 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं। बताया जा रहा है कि हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। जानकारी के मुताबिक हादसा शुक्रवार सुबह गोहद चौराहा थाना क्षेत्र के डांग विरखड़ी गांव के सामने एनएच 92 पर हुआ, जहां भिंड की ओर से आ रहे डंपर और ग्वालियर की ओर से रही बस की टक्कर हो गई। बस ग्वालियर से बरेली के लिए जा रही थी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

सालाना डेढ़ लाख लोगों की मौत

बता दें कि भारत में दुनिया के एक फीसदी वाहन हैं, लेकिन सड़कों पर वाहन दुर्घटनाओं के चलते विश्वभर में होने वाली मौतों में 11 प्रतिशत मौत भारत में होती हैं। विश्वबैंक की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। भारत में सालाना करीब साढ़े चार लाख सड़क हादसे होती हैं, जिनमें डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है।

सड़क हादसों से हर 4 मिनट में एक मौत

रिपोर्ट के मुताबिक 'सड़क हादसों में हताहत होने वाले लोगों में सबसे ज्यादा भारत के होते हैं। भारत में दुनिया के सिर्फ एक फीसदी वाहन हैं, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं में दुनिया भर में होने वाली मौतों में भारत का हिस्सा 11 प्रतिशत है। देश में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं और हर 4 मिनट में एक मौत होती है।' 

आकाशीय बिजली गिरने से 10 लोगों की मौत, 2 बच्चियों समेत 20 से ज्यादा घायल, 25 से ज्यादा मवेशियों की भी गई जान

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कुदरत ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में जमकर कहर बरपाया है। दरअसल, मध्यप्रदेश के 3 अलग-अलग जिलों में  आकाशीय बिजली गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं, जिसमें 2 बच्चियां और 2 बुजुर्ग महिलाएं शामिल हैं। सभी का इलाज अस्पताल में जारी है। पहला मामला प्रदेश के देवास जिले के सतवास थाना अंतर्गत दो अलग-अलग क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने से 4 मौत हो गई। जबकि 2 लोग गंभीर बताए जा रहे हैं। डेरिया गुड़िया गांव में खेत में काम कर रहे रामस्वरूप (24) उसकी पत्नी माया (18) और टीना बाई (19) की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हुई है। 


वहीं मावली गांव की रेखा (34) ने भी बिजली गिरने से दम तोड़ दिया है। दूसरे मामले में खातेगांव में 36 साल की रेशम बाई की बिजली गिरने से मौके पर मौत हो गई। तीसरे मामले में टोंकखुर्द की रहने वाली 19 साल की रानी की भी आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक सोमवार को दोपहर बाद हुई बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से जिले में अलग-अलग क्षेत्रों से 6 मौते हुई हैं। 

आगर मालवा  में 3 लोगों की मौत

आगर मालवा जिले के 3 अलग-अलग हादसों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 3 लोगों की मौत हो गई। जबकि 10 गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है। घायलों की संख्या में और भी बढ़ोतरी हो सकती है।

CM शिवराज ने जताया दुख

इधर, धार जिले में गुल्ला की भी गाज गिरने से मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि बिजली मृतक के सीधे मुंह पर गिरी थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देवास जिले में बिजली गिरने से 6 लोगों की हुई मौत पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि देवास और आगर मालवा जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से कई अमूल्य जिंदगियों के असमय निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। विनम्र श्रद्धांजलि!

25 से ज्यादा मवेशियों की मौत

वहीं गुलाब तूफान के असर के चलते छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बड़ी संख्या में पशुओं की मौत हो गई है।  बता दें कि दंतेवाड़ा में आकाशीय बिजली गिरने से 25 से ज्यादा मवेशियों की मौत हो गई है। दंतेवाड़ा जिले के गदापाल गांव में किसान अपने मवेशियों को चराने के लिए गए थे। सभी किसान रोज की तरह पहाड़ी इलाकों में मवेशियों को चरा रहे थे, तभी अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। इसके बाद किसान बारिश से बचने इधर-उधर खड़े हो गए, लेकिन मवेशी चरते रहे। इसी बीच अचानक तेज गड़गड़ाहट के साथ मवेशियों पर बिजली गिरी और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। बारिश के कारण किसान तुरंत तो मौके पर नहीं पहुंच पाए, लेकिन जैसे ही पानी थोड़ा कम हुआ, सभी मौके पर गए। तब तक 25 से ज्यादा मवेशियों की जान चली गई थी।

तूफान हुआ कमजोर

किसानों ने बताया कि उनका जीवनयापन करने के लिए उनके गाय-बैल ही सहारा थे। मौसम विभाग के मुताबिक अब तूफान का प्रेशर कमजोर हो गया है, जो घटकर 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर पहुंच गया है। पहले माना जा रहा था ये 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ेगा। मौसम विभाग के अनुसार अगले 12 घंटे के अंदर इस तूफान के और कमजोर होने की भी संभावना है।

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