वहीं प्रदेश में डेंगू के संक्रमण दर 5 फीसदी पर पहुंच गई है। 1 महीने में ही चार हजार से ज्यादा डेंगू के मरीज मिले हैं। प्रदेश में डेंगू के मरीजों की संख्या 6500 के पार पहुंच गई है। प्रदेश का मंदसौर, रतलाम, नीमच, इंदौर डेंगू का हॉटस्पॉट बन गया है।
डेंगू से बचने के उपाय
डेंगू फैलाने वाला मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपता है। जैसे कि कूलर , पानी की टंकी , फ्रिज की ट्रे , फूलदान , नारियल का खोल , टूटे हुए बर्तन और टायर। इसके लिए सभी लोगों को चाहिए कि वे पानी से भरे हुए बर्तनों और टंकियों को ढक कर रखें। कूलर को हफ्ते में एक दिन आवश्यक रूप से सुखाए । बता दें कि डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है। ऐसे में बदन को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहने। डेंगू के इलाद के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। बुखार उतारने के लिए पैरासीटामाल टेबलेट का उपयोग किया जाता है। लोगों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे एस्प्रीन या आइबु्रफेन का इस्तमाल अपने आप न करें। डेंगू होने पर डॉक्टर की सलाह ले।
कब पनपते हैं डेंगू के मच्छर?
डेंगू के मच्छर अधिकतर जुलाई से अक्टूबर के बीच ही पनपते हैं। इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। एडीज मच्छर 3 फीट से ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता है। एडीज मच्छर गर्म से गर्म माहौल में भी जिंदा रह सकता है। मानसून के समय पानी इकठ्ठा होने से डेंगू के मच्छर पनपने का अधिक खतरा रहता है। इसलिए गर्मियों की शुरुआत के साथ ही और लोगों के घरों में कूलर लगने के बाद ही बारिश में स्वास्थ्य विभाग घरों में कूलर में पानी जमा होने की चेकिंग शुरू कर देते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है की यह बीमारी अभी भी उतनी ही घातक है और इसे लेकर पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है।