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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाकर किया शुभारंभ, सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर एकता की शपथ दिलाई

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केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज राष्ट्रीय एकता दिवस – 2025 के अवसर पर नई दिल्ली में ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित जनसमूह को एकता प्रतिज्ञा भी दिलाई। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, डॉ. मनसुख मांडविया, दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता तथा गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज का दिन हम सबके लिए विशेष महत्व रखता है। उन्होंने कहा कि 2014 से हर वर्ष 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की स्मृति में ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि आज सरदार पटेल की 150वीं जयंती है और इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह निर्णय लिया है कि इसे पूरे देश में विशेष रूप से मनाया जाए।

अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल ने स्वतंत्रता संग्राम में ही नहीं, बल्कि स्वतंत्र भारत के वर्तमान स्वरूप को गढ़ने में भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी के आह्वान पर सरदार पटेल ने अपने वकालत के पेशे को त्याग दिया और स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। 1928 के बारडोली सत्याग्रह के दौरान उनके नेतृत्व कौशल की सच्ची झलक देखने को मिली, जब किसानों के साथ अन्याय के विरोध में आंदोलन छेड़ा गया। यह आंदोलन जो एक छोटे से कस्बे में शुरू हुआ था, वह देखते ही देखते पूरे देश में फैल गया और ब्रिटिश शासन को किसानों की माँगें मानने पर मजबूर होना पड़ा। इसी आंदोलन के बाद महात्मा गांधी ने उन्हें “सरदार” की उपाधि दी और वे सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से प्रसिद्ध हुए।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के 562 रियासतों में विभाजन की चुनौती थी और यह प्रश्न उठता था कि इतनी बिखरी हुई रियासतों वाला देश एकजुट भारत कैसे बनेगा।अमित शाह ने बताया कि सरदार पटेल के अथक प्रयास, दृढ़ निश्चय और राजनीतिक कौशल से इन सभी रियासतों का विलय संभव हुआ और वर्तमान भारत का नक्शा आकार में आया। काठियावाड़, भोपाल, जूनागढ़, जोधपुर, त्रावणकोर और हैदराबाद जैसी रियासतों ने अलग रहने की कोशिश की, लेकिन सरदार पटेल की लौह इच्छाशक्ति ने उन्हें भारत के साथ जोड़ दिया।

अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल का केवल एक अधूरा कार्य शेष रह गया था — कश्मीर का पूर्ण एकीकरण। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाकर वह कार्य पूरा किया, जो सरदार पटेल का सपना था, और आज हमारे सामने वास्तविक रूप से एकीकृत भारत है।

अमित शाह ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के दिन जब देश के लोग तिरंगा फहरा रहे थे, तब सरदार पटेल नौसेना के युद्धपोत की निगरानी कर रहे थे। उस समय लक्षद्वीप पर नियंत्रण को लेकर प्रश्न उठा था, और सरदार पटेल ने तत्काल नौसेना को वहाँ भेजकर तिरंगा फहरवाया, जिससे लक्षद्वीप भारत का अभिन्न अंग बन गया।

गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष की सरकारों ने सरदार पटेल को वह सम्मान नहीं दिया, जिसके वे वास्तव में अधिकारी थे। उन्हें भारत रत्न प्राप्त करने में 41 वर्ष लग गए। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल के योगदान के अनुरूप कोई भव्य स्मारक भी नहीं बनाया गया था। जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब उन्होंने केवडिया में एक भव्य स्मारक — स्टैच्यू ऑफ यूनिटी — बनाने का संकल्प लिया। इस स्मारक की आधारशिला 31 अक्टूबर 2013 को रखी गई और केवल 57 महीनों में 182 मीटर ऊँची यह प्रतिमा तैयार हुई, जो आज पूरे देश की एकता का प्रतीक है।

अमित शाह ने बताया कि सरदार पटेल किसानों के नेता थे, और इस प्रतिमा के निर्माण में उपयोग किए गए लगभग 25,000 टन लोहे का संग्रह किसानों के उपकरणों को पिघलाकर किया गया। प्रतिमा के निर्माण में लगभग 90,000 घन मीटर कंक्रीट और 1,700 टन कांसे का प्रयोग हुआ। अब तक लगभग 2.5 करोड़ लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का भ्रमण कर चुके हैं।

अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल ने जिस मार्ग पर चलकर देश की एकता, अखंडता और आंतरिक सुरक्षा की नींव रखी, उसी मार्ग पर आज भारत आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में केवडिया में सभी राज्यों की पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) ने सरदार पटेल को भव्य परेड के माध्यम से श्रद्धांजलि दी। गृह मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपरांत हर वर्ष यह एकता परेड इसी भव्य स्वरूप में आयोजित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष ‘रन फॉर यूनिटी’ और प्रतिज्ञा कार्यक्रम भी विशेष रूप से मनाए जा रहे हैं।अमित शाह ने बताया कि कश्मीर से कन्याकुमारी और द्वारका से कामाख्या तक पूरे देश में सरदार पटेल के विचारों को विशेषकर युवाओं तक पहुँचाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो युवा आज राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा की प्रतिज्ञा ले रहे हैं, वही भारत के उज्ज्वल भविष्य के निर्माता होंगे।

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