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किसान, महिलाओं और युवाओं की प्रगति ही राज्य का भविष्य : मुख्यमंत्री साय

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रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायगढ़ जिले के खरसिया में आयोजित कार्यक्रम में रेलवे ओवरब्रिज सहित 66.84 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने 20 करोड़ रुपये से  अधिक के विकास कार्यों की घोषणा भी की। इनमें खरसिया के कबीर चौक से डभरा रोड तक बाईपास सड़क निर्माण के लिए 10 करोड़, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और स्विमिंग पूल सहित अन्य सुविधाओं की मरम्मत के लिए 2 करोड़ तथा खरसिया नगर पालिका क्षेत्र में अन्य विकास कार्यों के लिए 8 करोड़ रुपये की घोषणा शामिल है। 

मुख्यमंत्री साय ने खरसिया में पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया तथा अटल परिसर का लोकार्पण भी किया। साथ ही उन्होंने रेलवे अंडरब्रिज निर्माण के लिए तकनीकी सर्वे कराए जाने की भी घोषणा की।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि रायगढ़ से उनका 20 वर्षों का पारिवारिक संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नगरीय निकायों में मिली जीत अटल विश्वास पत्र के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि  नगरीय क्षेत्र के विकास के लिए सात से आठ हजार करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। अटल विश्वास पत्र में की गई एक-एक घोषणा को पूरा किया जा रहा है। मोदी जी की अधिकांश गारंटियाँ पूरी हो चुकी हैं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रत्येक माह 1000 रुपये दिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं। किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की जा रही है। तेंदूपत्ता संग्राहकों से खरीदी मूल्य 4000 से बढ़ाकर 5500 रुपये कर दिया गया है। 5.62 लाख से अधिक भूमिहीन कृषि मज़दूरों को प्रति वर्ष 10-10 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत स्तर पर भी अटल डिजिटल सेवा केंद्रों के माध्यम से बैंकिंग और शासकीय सेवाएँ गांव-गांव तक पहुँच रही हैं। 1460 पंचायतों में यह सुविधा प्रारंभ हो चुकी है, जहाँ न केवल पैसों का लेन-देन संभव है, बल्कि आय, भूमि, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र जैसी सेवाएँ भी अब गांव में ही उपलब्ध हो रही हैं। उन्होंने घोषणा की कि रजत जयंती वर्ष के दौरान 4000 पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र खोले जाएंगे।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पीएससी घोटाले की सीबीआई जाँच चल रही है। भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन हमारा उद्देश्य है, सुशासन हमारा संकल्प है। भ्रष्टाचार के सभी रास्ते एक-एक कर बंद किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की पहल उन्होंने सांसद रहते हुए की थी। सभी औपचारिकताएँ पूर्ण होने के बाद आज इसका भूमिपूजन संभव हुआ है। आने वाले दो से तीन वर्षों में इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि प्रदेश में विकास कार्यों को निरंतर आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता के साथ काम किया जा रहा है। रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण खरसिया शहर के लिए महत्वपूर्ण आवश्यकता थी। 64.94 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस रेलवे ओवरब्रिज का भूमिपूजन हमारी इसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके निर्माण से क्रॉसिंग पर ट्रेनों के गुजरने से लोगों को होने वाली आवाजाही की समस्या दूर होगी और समय की भी बचत होगी।

वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में पिछले 20 महीनों में छत्तीसगढ़ तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर हुआ है। उन्होंने कहा कि 13 लाख किसानों को 3716 करोड़ रुपये दो वर्षों के बोनस के रूप में दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है जो 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी कर रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित 18 लाख परिवारों को मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की पहली बैठक में मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि रेडी-टू-ईट का जिम्मा पुनः महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा गया है और इसकी शुरुआत रायगढ़ जिले से हो चुकी है, जिसे शीघ्र ही पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अटल परिसर का लोकार्पण राज्य निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि है। वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनवाया, जो 500 वर्षों के बाद संभव हो सका। छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के लिए श्री रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना प्रारंभ की गई है। साथ ही प्रधानमंत्री ने आईटी और जीएसटी में सुधार कर देशवासियों की क्रयशक्ति को बढ़ाया है।

कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, नगरपालिका परिषद खरसिया के अध्यक्ष कमल गर्ग, उपाध्यक्ष अवधनारायण (बंटी) सोनी सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

राष्ट्रपति ने शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए

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 नई दिल्ली-  राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (5 सितंबर2025) शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में देश भर के शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।

सभा को संबोधित करते हुएराष्ट्रपति ने कहा कि भोजनवस्त्र और आवास की तरह हीशिक्षा भी व्यक्ति की गरिमा और सुरक्षा के लिए आवश्यक है। संवेदनशील शिक्षक बच्चों में गरिमा और सुरक्षा की भावना जगाने का काम करते हैं। उन्होंने एक शिक्षिका के रूप में अपने समय को याद करते हुए उस समय को अपने जीवन का एक अत्यंत सार्थक काल-खंड बताया।

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा व्यक्ति को सक्षम बनाती है। कमजोर से कमजोर पृष्ठभूमि के बच्चे भी शिक्षा के बल पर प्रगति के आसमान को छू सकते हैं। बच्चों की उड़ान को शक्ति देने में स्नेही एवं निष्ठावान शिक्षक सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार यही है कि उनके विद्यार्थी उन्हें आजीवन याद रखें और परिवारसमाज तथा  देश के लिए सराहनीय योगदान दें।

राष्ट्रपति ने कहा कि विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण एक शिक्षक का प्राथमिक कर्तव्य है। नैतिक आचरण करने वाले संवेदनशीलजिम्मेदार और समर्पित विद्यार्थीउन विद्यार्थियों से बेहतर होते हैं जो केवल प्रतिस्पर्धाकिताबी-ज्ञान और स्वार्थ में रुचि रखते हैं। एक अच्छे शिक्षक में भावना और बुद्धि, दोनों ही पक्ष प्रबल होते हैं। भावनाओं और बुद्धि के समन्वय का प्रभाव विद्यार्थियों पर भी पड़ता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्मार्ट ब्लैकबोर्डस्मार्ट क्लासरूम और अन्य आधुनिक सुविधाओं का अपना महत्व है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण होते हैं स्मार्ट शिक्षक। स्मार्ट शिक्षक वैसे शिक्षक होते हैं जो अपने विद्यार्थियों के विकास से जुड़ी जरूरतों को समझते हैं। स्मार्ट शिक्षक स्नेह और संवेदनशीलता के साथ अध्ययन की प्रक्रिया को रोचक और प्रभावी बनाते हैं। ऐसे शिक्षक विद्यार्थियों को समाज और राष्ट्र की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा को सर्वाधिक महत्व दिया जाना चाहिए। बालिकाओं की शिक्षा में निवेश करकेहम अपने परिवारसमाज और राष्ट्र के निर्माण में एक अमूल्य निवेश करते हैं। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को सर्वोत्तम संभव शिक्षा प्रदान करना महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को प्रोत्साहित करने का सबसे प्रभावी तरीका है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के विस्तार और वंचित वर्गों की बालिकाओं को विशेष शिक्षा-सुविधाएं प्रदान करने पर बल देती है। लेकिन शिक्षा से जुड़ी किसी भी पहल की सफलता मुख्य रूप से शिक्षकों पर ही निर्भर करती है। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे बालिकाओं को शिक्षित करने में जितना अधिक योगदान देंगेशिक्षक के रूप में उनका जीवन उतना ही सार्थक होगा। उन्होंने शिक्षकों से बालिकाओं सहित उन सभी विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान देने का आग्रह कियाजो अपेक्षाकृत संकोची होते हैं या कम सुविधा संपन्न पृष्ठभूमि से आते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति बनाना है। इसके लिए यह अनिवार्य है कि हमारे शिक्षकों की पहचान विश्व के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के रूप में हो। हमारे संस्थानों और शिक्षकों को शिक्षा के तीनों क्षेत्रों - स्कूली शिक्षाउच्च शिक्षा और कौशल संबंधी शिक्षा - में सक्रिय योगदान देना होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हमारे शिक्षक अपने निर्णायक योगदान से भारत को ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति के रूप में प्रतिष्ठित करेंगे।

मुख्यमंत्री से ट्रिपल आई टी नया रायपुर के निदेशक प्रोफेसर ओमप्रकाश व्यास ने की सौजन्य मुलाकात

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रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से यहाँ उनके निवास कार्यालय में ट्रिपल आई टी नया रायपुर के निदेशक प्रोफेसर ओमप्रकाश व्यास ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री साय ने ‘आदि वाणी’ परियोजना के अंतर्गत गोंडी भाषा अनुवादक मोबाइल ऐप के सफल लॉन्च पर प्रोफेसर व्यास एवं उनकी टीम को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय है

मुख्यमंत्री ने गोंडी अनुवादक ऐप ‘आदि वाणी’ परियोजना की सफलता पर दी बधाई

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस ऐप के माध्यम से गोंडी बोलने वाले जनजातीय भाई-बहनों की आवाज़ राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचेगी। यह तकनीक उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने, शिक्षा तथा शासन-प्रशासन में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने का सशक्त माध्यम बनेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ट्रिपल आई टी नया रायपुर भविष्य में भी इसी प्रकार के नवाचार और समाजोन्मुखी अनुसंधान से प्रदेश एवं देश का गौरव बढ़ाएगा।

प्रोफेसर व्यास ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस परियोजना में गोंडी भाषा के लिए टेक्स्ट-टू-स्पीच एवं अनुवाद प्रणाली विकसित की गई है। इसके माध्यम से गोंडी से हिंदी और अंग्रेज़ी तथा इसके विपरीत अनुवाद संभव होगा। यह सुविधा अब मोबाइल ऐप के रूप में भी उपलब्ध है, जिससे आम नागरिक इसे आसानी से उपयोग कर सकेंगे।

उन्होंने अवगत कराया कि इस परियोजना में ट्रिपल आई टी नया रायपुर के साथ-साथ आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद और बिट्स पिलानी जैसे देश के प्रतिष्ठित संस्थान भी सहभागी हैं। ‘आदि वाणी’ परियोजना को भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा प्रायोजित किया गया है।

प्रोफेसर व्यास ने बताया कि इस उपलब्धि से ट्रिपल आई टी नया रायपुर ने राष्ट्रीय पटल पर अपनी सार्थक उपस्थिति दर्ज कराई है। विशेष रूप से बस्तर अंचल के 30 लाख से अधिक गोंडी भाषी समुदाय को इस तकनीक से अपनी भाषा और संस्कृति की पहचान सुरक्षित करने और डिजिटल युग में अपनी आवाज़ को बुलंद करने का अवसर मिलेगा।


आवास एवं शहरी कार्य मंत्री ने PMAY-Urban 2.0 के अंतर्गत अंगीकार 2025 अभियान की शुरुआत की

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नई दिल्ली, माननीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने आज नई दिल्ली में “अंगीकार 2025” अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर माननीय राज्य मंत्री तोखन साहू, मंत्रालय के सचिव श्री श्रीनिवास कटिकिथला, संयुक्त सचिव एवं मिशन निदेशक (हाउसिंग फॉर ऑल) कुलदीप नारायण तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

अंगीकार 2025, प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) के अंतर्गत अंतिम छोर तक लाभ पहुँचाने का अभियान है। यह पूरे देश में जन-जागरूकता बढ़ाकर योजना के शीघ्र क्रियान्वयन, आवेदन सत्यापन और स्वीकृत घरों के शीघ्र निर्माण में मदद करेगा।

अभियान का उद्देश्य लाभार्थियों को क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड ट्रस्ट (CRGFTLIH) एवं प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना की जानकारी उपलब्ध कराना भी है। विशेष फोकस समूहों की आवासीय आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

अब तक 120 लाख घरों को मंजूरी, और 94.11 लाख घरों का निर्माण पूरा हो चुका है। PMAY-U 2.0 के तहत अतिरिक्त एक करोड़ शहरी परिवारों को ₹2.50 लाख तक की सहायता प्रदान की जाएगी। अंगीकार 2025 दो माह (4 सितंबर से 31 अक्टूबर 2025) तक चलेगा, जिसमें देशभर के 5,000+ नगरीय निकाय शामिल होंगे। घर-घर जाकर जागरूकता, कैंप, ऋण मेले, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं PM आवास मेला – शहरी जैसी गतिविधियाँ आयोजित होंगी।

17 सितंबर 2025 को PMAY-U आवास दिवस मनाया जाएगा, जो PMAY-U 2.0 की पहली वर्षगांठ को चिह्नित करेगा।अंगीकार 2025 सरकार की ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ की प्रतिबद्धता को दोहराता है और यह सुनिश्चित करेगा कि योजनाओं का लाभ समाज के हर तबके तक पहुँचे।


ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उपलब्धि देश के युवाओं के लिए प्रेरणादायी: मुख्यमंत्री साय

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रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज शिक्षक दिवस के विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री निवास परिसर से स्कूली बच्चों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जागरूकता के लिए मिशन अंतरिक्ष और प्रोजेक्ट जय विज्ञान अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान जिला प्रशासन रायपुर और इग्नाइटिंग ड्रीम्स ऑफ यंग माइंड फाउंडेशन तथा जिला प्रशासन रायपुर और विज्ञान भारती के मध्य दो महत्वपूर्ण समझौते हुए, जिनसे बच्चों को अंतरिक्ष से जुड़े विषयों की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।

मुख्यमंत्री साय ने प्रदेशवासियों की ओर से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को उनकी सफल अंतरिक्ष यात्रा के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं और उनका अभिनंदन किया। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को नमन करते हुए सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री श्री साय ने जिला प्रशासन की इस विशेष पहल की सराहना करते हुए कहा कि इन समझौतों का उद्देश्य स्कूली विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना और विज्ञान के प्रति जिज्ञासा एवं उत्साह को बढ़ाना है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक सोच है। विज्ञान प्रश्न पूछने और तर्क करने की शक्ति और समस्याओं का समाधान खोजने की क्षमता प्रदान करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रोजेक्ट जय विज्ञान के अंतर्गत आयोजित कार्यशालाएं, विज्ञान प्रदर्शनियाँ, प्रतियोगिताएँ और नवाचारी परियोजनाएँ विद्यार्थियों को नई चीजें सीखने और आत्मविश्वास बढ़ाने का अवसर देंगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से छत्तीसगढ़ के बच्चे केवल ज्ञान के उपभोक्ता नहीं, बल्कि नए विचारों और खोजों के सृजनकर्ता बनेंगे। यही आत्मनिर्भर भारत और विज्ञान-आधारित समाज की सच्ची नींव है। मुख्यमंत्री ने बच्चों से आह्वान किया कि वे श्री शुभांशु शुक्ला से प्रेरणा लेकर अपनी रुचि के क्षेत्र में आगे बढ़ें और अपना तथा देश का नाम ऊँचा करें।

अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि देश ने जो अवसर उन्हें प्रदान किया है, उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा—“मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी का मैं विशेष आभार व्यक्त करता हूँ कि उनकी पहल से ऐसे सार्थक कार्यक्रम आयोजित हो पा रहे हैं। जब प्रदेश का मुखिया विज्ञान और शिक्षा से जुड़े आयोजनों को महत्व देता है, तो इसका सकारात्मक प्रभाव पूरे प्रदेश पर पड़ता है और बच्चों के भीतर नई ऊँचाइयों तक पहुँचने की प्रेरणा उत्पन्न होती है।”

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, कलेक्टर रायपुर गौरव कुमार सिंह, प्रदेश भर से जुड़े स्कूली छात्र-छात्राएँ और शिक्षकगण उपस्थित थे।


शिक्षक अपने विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल होता है: राज्यपाल रमेन डेका

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रायपुर- राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन के छत्तीसगढ़ मण्डपम् में आयोजित गरिमामय समारोह में वर्ष 2024 के उत्कृष्ट शिक्षकों को राज्य स्तरीय सम्मान प्रदान किया। 

शिक्षा के बिना जीवन अधूरा: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

समारोह में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024 के लिए सभी सम्मानित शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएं दी। प्रदेश के 64 शिक्षकों को राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस मौके पर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने राज्य शिक्षक सम्मान वर्ष 2025 के लिए चयनित 64 शिक्षकों के नामों की भी घोषणा की।

राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री रमेन डेका ने सर्वप्रथम भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति, महान दार्शानिक और प्रख्यात शिक्षाविद् डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को उनकी जयंती पर नमन किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि शिक्षा मानव के सर्वांगीण विकास का सशक्त माध्यम है। एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल होता है। बेहतर शिक्षक एक जिम्मेदार नागरिक तैयार करने में महती भूमिका निभाते हैं। 

उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन के प्रेरणास्रोत होते है। उनके विकास में शिक्षकों की बहुत बड़ी भूमिका है। आज का जीवन सरल नहीं है। गिरकर खड़े होना और जीवन की चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए यह विद्यार्थियों को सीखाना चाहिए। 

डेका ने कहा कि शिक्षक ऐसा पढ़ाएं जिससे बच्चे स्कूलों की ओर आकर्षित हो। स्कूल भवन नहीं बल्कि उसके अंदर क्या पढ़ा रहे है ये महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्राचीन भारत की गुरूकुल परंपरा को श्रेष्ठ बताया।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक गेम चेन्जर है। इस नीति के अनुरूप बच्चों को शिक्षा मिले यह शिक्षकों की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है, जिसका मूल उद्देश्य यही है कि शिक्षा अधिक व्यवहारिक, कौशल आधारित और सर्वांगीण बनाया जाए। इस नीति में विशेष बल मातृभाषा में शिक्षा पर दिया गया है। बालक को उसकी मातृभाषा में शिक्षा देने से वह अधिक रूचि तथा सहजता के साथ शिक्षा ग्रहण करता है। 

डेका ने कहा कि नवाचारी शिक्षा अपने आप में एक मिसाल है। यह गौरव का विषय है कि हमारे शिक्षक साथी अध्यापन के लिए नए-नए उपयोगी शिक्षण सहायक सामग्री का उपयोग कर रहें हैं, जिससे बच्चों को सिखाना, रुचिकर एवं सहज हो गया है। बदलते  परिवेश के अनुसार बच्चों को शिक्षा दिया जाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इस हेतु सार्थक पहल एवं प्रयास की आवश्यकता है। पाठ्यक्रमों में भी उचित पाठों का समावेश किया जाना समय की मांग है। 

समारोह की अध्यक्षता कर रहे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि शिक्षक ही सच्चे राष्ट्र निर्माता होते हैं। वे देश को ऐसे राष्ट्रभक्त नागरिक देते हैं, जो आगे चलकर समाज और राष्ट्र की उन्नति में योगदान देते हैं। जिस प्रकार दीपक स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है, उसी प्रकार शिक्षक भी अनेक कठिनाइयों के बावजूद ज्ञान का उजाला फैलाते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है और इस रजत जयंती वर्ष में प्रदेश ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। शिक्षा विकास का मूलमंत्र है और इसके बिना जीवन अधूरा है। पिछले वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में भी व्यापक विस्तार हुआ है। आज प्रदेश में 20 से अधिक विश्वविद्यालय, 15 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज और राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान जैसे आईआईटी, आईआईएम, एम्स तथा लॉ विश्वविद्यालय स्थापित हैं।

साय ने कहा कि सरकार का संकल्प है कि हर बच्चे को आसानी से शिक्षा उपलब्ध हो। इसी दृष्टि से प्रत्येक 1 किलोमीटर पर प्राथमिक विद्यालय, 3 से 4 किलोमीटर पर माध्यमिक विद्यालय, 6 से 7 किलोमीटर पर हाई स्कूल, 8 से 10 किलोमीटर पर हायर सेकेंडरी विद्यालय और प्रत्येक विकासखंड में महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग के नवाचारी पहल पर भी अपने विचार साझा किए।

समारोह में उपस्थित विशिष्ट अतिथि स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होेने से प्रदेश में शिक्षा का स्तर आने वाले समय में और बेहतर होगा। उन्होंने आगामी वर्ष के लिए राज्य शिक्षक सम्मान के लिए चयनित शिक्षकों के नामों की घोषणा की।

राज्यस्तरीय समारोह में चार उत्कृष्ट शिक्षकों सूरजपुर जिले के अजय कुमार चतुर्वेदी को डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी स्मृति पुरस्कार, कबीरधाम जिले के रमेश कुमार चंद्रवंशी को गजानन माधव मुक्तिबोध स्मृति पुरस्कार, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की श्रीमती सुनीता यादव को डॉ. मुकुटधर पाण्डेय स्मृति पुरूस्कार और रायगढ़ जिले के भोजराम पटेल को डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी तरह प्रधान पाठक, व्याख्याता, व्याख्याता एल.बी., शिक्षक एल.बी., सहायक शिक्षक, सहायक शिक्षक एल.बी वर्ग के 64 उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया गया। 

इस अवसर पर स्कूल शिक्षा सचिव  सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने स्वागत उद्बोधन दिया। आभार प्रदर्शन संचालक लोक शिक्षण ऋतुराज रघुवंशी ने किया। समारोह में राज्य की प्रथम महिला रानी डेका काकोटी, विधायक  श्री पुरन्दर मिश्रा, राज्यपाल के सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक संजीव झा सहित स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षक उपस्थित थे।


बाढ़ प्रभावित मांदर में सहकारी बैंक की खास पहल, पासबुक वितरण और माइक्रो एटीएम से ग्रामीणों को मिली बड़ी राहत

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रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पिछले दिनों बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई एवं जमीनी निरीक्षण करते हुए बाढ़ प्रभावित परिवारों को प्रशासन की ओर से किए जा रहे राहत एवं पुर्नवास कार्यों की प्रगति की जानकारी लेते हुए बाढ़ प्रभावित परिवारों को सभी स्तरों पर संवेदनशीलता एवं तत्परता से प्रशासनिक मदद दिए जाने के निर्देश दिए गए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुपालन में अतिवृष्टि से प्रभावित गाँव मांदर के ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली है। कलेक्टर बस्तर एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक जगदलपुर के प्राधिकृत अधिकारी श्री हरिस एस के द्वारा शाखा लोहंडीगुड़ा और आदिम जाति सेवा सहकारी समिति अलनार ने बाढ़ पीड़ितों को उनके जरूरी दस्तावेज और पैसों तक पहुंचने में मदद की है।

बाढ़ पीड़ितों को मिली बड़ी मदद

बाढ़ के कारण मांदर गाँव के कई घरों का घरेलू सामान बह गया था, जिसमें ग्रामीणों के महत्वपूर्ण दस्तावेज भी शामिल थे। इन दस्तावेजों में आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड और बैंक पासबुक जैसी चीजें शामिल थीं, जिनके बिना सरकारी योजनाओं और बैंक सेवाओं का लाभ उठाना मुश्किल हो रहा था।

पासबुक और माइक्रो एटीएम से हुआ भुगतान

ग्रामीणों की इस समस्या को देखते हुए कलेक्टर एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक जगदलपुर के प्राधिकृत अधिकारी के द्वारा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक लोहंडीगुड़ा ने गाँव में ही नवीन बैंक पासबुक का वितरण किया गया। इसके साथ ही आदिम जाति सेवा सहकारी समिति अलनार ने माइक्रो एटीएम मशीन की व्यवस्था की है। इसके माध्यम से जिन किसानों के पास एटीएम कार्ड था, उन्हें तत्काल उनकी जरूरत के अनुसार नकदी का भुगतान किया जा रहा है।

किसानों को मिली खेती के लिए राहत

इस पहल से सबसे अधिक फायदा उन ग्रामीण परिवारों को हुआ है, जिनकी खेती-किसानी के लिए पैसे निकालने की सख्त जरूरत थी। नई पासबुक मिलने से वे अब अपने बैंक खाते से आसानी से रकम निकाल सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी फसल और खेती से जुड़े कार्यों को फिर से शुरू करने में मदद मिलेगी। इस मुश्किल घड़ी में बैंक और समिति द्वारा किए गए इस प्रयास ने ग्रामीणों को एक बड़ा सहारा दिया है, जिससे वे अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश कर सकें।


लोकसभा अध्यक्ष ने त्वरित न्याय के माध्यम से मानव सम्मान सुनिश्चित करने के लिए संवाद का आह्वान किया

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लोकसभा अध्यक्ष ने आज त्वरित न्याय के माध्यम से मानवीय गरिमा की सर्वोच्चता को बनाए रखने के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच संवाद की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कानूनी और प्रशासनिक प्रणालियों में अनेक बाधाएँ न्याय में देरी का कारण बनती हैं। इस सन्दर्भ में उन्होंने नागरिकों और विचारकों से सभी के लिए शीघ्र और निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करने के महत्वपूर्ण प्रश्न पर विचार करने का आह्वान किया।

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नेतृत्व में भारतीय संविधान निर्माताओं ने संविधान में मानवता, समानता, न्याय, सामाजिक-आर्थिक अधिकारों और स्वतंत्रता के सिद्धांतों को गहराई से समाहित किया। संवैधानिक अनुच्छेदों और संविधान सभा की बहसों, दोनों में मानवीय गरिमा पर विशेष बल दिया गया।

 बिरला ने ये टिप्पणियाँ आज नई दिल्ली में आयोजित 11वें डॉ. एल. एम. सिंघवी स्मृति व्याख्यान के दौरान कीं, जिसका विषय था "मानव गरिमा संविधान की आत्मा: 21वीं सदी में न्यायिक चिंतन"।

बिरला ने न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के बीच आपसी सहयोग के महत्व पर बल दिया ताकि वे अपनी कार्यप्रणाली को बेहतर बना सकें और सभी के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने उन विद्वानों की प्रशंसा की जिन्होंने भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं को मज़बूत बनाने में अपनी विशेषज्ञता का योगदान दिया है। वर्तमान में चल रहे सुधारों पर चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप अपने कानूनी ढाँचे को निरंतर विकसित कर रहा है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि मानवीय गरिमा और न्याय की रक्षा से जुड़ी चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं और इनके लिए व्यापक सुधारों और समाधानों की आवश्यकता है।

पूर्व सांसद, विधिवेत्ता, राजनयिक और विद्वान डॉ. एल.एम. सिंघवी के जीवन और विरासत का जिक्र करते हुए, बिरला ने उनकी यात्रा को प्रेरणादायक बताया। डॉ. सिंघवी ने एक संवैधानिक विशेषज्ञ, विधिवेत्ता, लेखक और कवि के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया और एक ऐसी विरासत छोड़ी जो आज भी प्रेरणादायी है।बिरला ने न केवल भारत पर, बल्कि दुनिया भर के संविधान निर्माण में डॉ. सिंघवी के गहन प्रभाव को याद किया। उन्होंने भारतीय लोकतंत्र, संस्कृति, ज्ञान, व्यापार और विदेशों में भारतीयों के सम्मान को बढ़ावा देने में डॉ. सिंघवी की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। बिरला ने कहा कि डॉ. सिंघवी का बहुमुखी व्यक्तित्व सभी भारतीयों को नवाचार करने, रचनात्मक रूप से सोचने और राष्ट्र के लिए सार्थक योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।


केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद में डायल 112 के अंतर्गत जनरक्षक परियोजनाओं का किया उद्घाटन

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अहमदाबाद- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज अहमदाबाद, गुजरात में डायल 112 के अंतर्गत शुरू किए जा रहे जनरक्षक प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्य सरकार के गृह विभाग ने गुजरात की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए '112 जनरक्षक' परियोजना के रूप में ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि '112 जनरक्षक' परियोजना के उद्घाटन के साथ ही गुजरात पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन द्वारा 217 करोड़ रुपये की लागत से बने नए आवास और कार्यालयों का उद्घाटन किया गया और 1000 पुलिस वाहनों के बेड़े को भी हरी झंडी दिखाई गई। शाह ने कहा कि उनके लिए विशेष महत्व की बात यह है कि मानसा थाने को बीआईएस प्रमाणन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि उनका जन्म मानसा में हुआ, वे वहीं पले-बढ़े और वहीं से वे गुजरात और देश की राजनीति में योगदान देने में सक्षम बने, इसलिए उनके लिए यह खुशी की बात है कि मानसा थाने को बीआईएस प्रमाणन मिला है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि '112' परियोजना देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने, कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आपात स्थिति में समय पर सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी पहल है। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि आज गुजरात 'डायल 112 जनरक्षक' के नक्शे पर अपनी जगह दर्ज कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक अलग-अलग टोल-फ्री नंबर जैसे पुलिस के लिए 100, एम्बुलेंस के लिए 108, फायर सर्विस के लिए 101, महिला हेल्पलाइन के लिए 181, चाइल्ड हेल्पलाइन के लिए 1098, और आपदा प्रबंधन के लिए 1070 व 1077 जैसी उलझनों से लोग भ्रमित होते थे। लेकिन अब लोग सिर्फ एक नंबर 112 डायल करके आपदा प्रबंधन, चाइल्ड हेल्पलाइन, महिला हेल्पलाइन, फायर सर्विस, एम्बुलेंस और पुलिस सहायता जैसी किसी भी सुरक्षा सेवा को बहुत कम समय में प्राप्त कर सकेंगे।

अमित शाह ने कहा कि सभी प्रकार की सेवाओं का संचालन अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर से चलने वाले एक उच्च स्तरीय कंट्रोल रूम से किया जाएगा और जीपीएस युक्त वाहन एक वैज्ञानिक प्रणाली के तहत काम करेंगे। उन्होंने कहा कि इन वाहनों में 108 एम्बुलेंस का बड़ा बेड़ा शामिल है, जो कॉल करने वाले व्यक्ति का स्थान पता करेगा और निकटतम पुलिस, एम्बुलेंस या फायर ब्रिगेड वाहन को जानकारी भेजेगा। श्री शाह ने कहा कि यह गुजरात सरकार द्वारा न्यू एज स्मार्ट पुलिसिंग सिस्टम की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना अहमदाबाद में स्टेट इमरजेंसी रिस्पॉन्स सेंटर के माध्यम से संचालित होगी, जिसे केंद्रीय रूप से प्रबंधित किया जाएगा और 24x7 चलाया जाएगा। 150 सीटों की क्षमता वाला यह कॉल सेंटर हर पल सतर्क रहेगा और एकीकृत प्रणाली के माध्यम से सभी सेवाओं से जुड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि डायल 112 जनरक्षक पीसीआर वैन का बेड़ा, जिसमें कुल 1000 वाहन शामिल हैं, आज से ही जनता की सेवा में लगाया जाएगा। गुजरात सरकार इस परियोजना के संचालन पर प्रति वर्ष 92 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इन वाहनों में लाइट बार, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, एमडीटी वायरलेस सेट, लोकेशन ट्रैकर जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इनके प्रभावी उपयोग के लिए प्रशिक्षित स्टाफ की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे भारत में स्मार्ट पुलिसिंग का आह्वान, गुजरात ने इस उन्नत तकनीक के साथ उत्कृष्ट रूप से लागू किया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गुजरात पुलिस हाउसिंग बोर्ड ने पुलिस, होमगार्ड और जेल कर्मचारियों के कार्य और निवास के लिए 217 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न परियोजनाओं का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में, इन इमारतों में उपलब्ध बेहतर सुविधाओं के साथ, पुलिसकर्मी, होमगार्ड जवान और जेल कर्मचारी गुजरात की जनता की और अधिक प्रभावी ढंग से सेवा कर सकेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गुजरात देश के सबसे संवेदनशील सीमा राज्यों में से एक है। देश की उत्तरी सीमा से लेकर गुजरात तक पूरा सीमावर्ती क्षेत्र कई दृष्टिकोणों से संवेदनशील है। चाहे गुजरात का समुद्र तट हो, कच्छ की सीमा हो या बनासकांठा की सीमा – सभी क्षेत्रों में सुरक्षा का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी के शासनकाल में गुजरात की सीमाओं से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े करने वाली कई घटनाएं हुईं। लेकिन उनकी पार्टी के सत्ता में आने के बाद और खासकर जबसे नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री बने, गुजरात सरकार ने राज्य की सीमाओं को दुश्मनों के लिए अभेद्य बनाने का काम किया है।

 अमित शाह ने कहा कि गुजरात इस बात का सर्वोत्तम उदाहरण है कि यदि सुशासन से प्रेरित नेतृत्व शासन की बागडोर संभाले तो कितना परिवर्तन संभव है। उन्होंने कहा कि आज गुजरात ने न केवल सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत किया है, बल्कि आतंकवाद, मादक पदार्थ, साइबर अपराध जैसे विभिन्न अपराधों पर भी प्रभावी रोक लगाई है। उन्होंने कहा कि मोदी जी द्वारा गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में रखी गई राह को वर्तमान मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री श्री हर्ष सांघवी ने आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकारों ने गुजरात को देश का सबसे सुरक्षित राज्य बनाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 साल के कार्यकाल में, यह न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में स्थापित हो गया है कि भारत की सेना और उसकी सीमाओं से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। उन्होंने याद दिलाया कि विपक्षी पार्टी के शासनकाल में देश के विभिन्न हिस्सों में बार-बार बम धमाके होते थे और केंद्र सरकार की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी जाती थी। राज्य सरकारों द्वारा कुछ कार्रवाई को छोड़कर कोई और कदम नहीं उठाया गया। लेकिन मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, जब भी पाकिस्तान ने उरी, पुलवामा और पहलगाम जैसे बड़े हमले किए, मोदी सरकार ने हर बार पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए, दूसरी बार एयर स्ट्राइक से और जब तब भी सुधार नहीं हुआ, तो तीसरी बार आतंकवादियों के ठिकानों को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान की सीमा से 100 किलोमीटर अंदर जाकर नष्ट कर दिया गया। श्री शाह ने कहा कि भारत ने दुनिया को कड़ा संदेश दिया है कि वह आत्मरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और अपने नागरिकों और सीमाओं की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक घटनाओं के मास्टरमाइंड्स को सबक सिखाया और ऑपरेशन महादेव के जरिए पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले सभी तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश के प्रधानमंत्री और गुजरात के गौरव पुत्र श्री नरेंद्र मोदी जी ने 'आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता' की नीति को न केवल सैद्धांतिक रूप से बल्कि वास्तविकता में भी लागू किया है। उन्होंने कहा कि चाहे देश का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र हो, नक्सल प्रभावित क्षेत्र हो या कश्मीर – मोदी सरकार ने इन सभी तीन हॉटस्पॉट्स में आतंकवादियों और सशस्त्र समूहों को सबक सिखाया है। उत्तर-पूर्व में 10,000 से अधिक उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने एक बार फिर विश्वास व्यक्त किया कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह देश से समाप्त कर दिया जाएगा – यही मोदी सरकार का संकल्प है।

जनरक्षक प्रोजेक्ट्स के उद्घाटन समारोह से पहले केंद्रीय गृह मंत्री ने अहमदाबाद में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया। उन्होंने चांदलोडिया वार्ड में अर्बन हेल्थ सेंटर का उद्घाटन किया और रानीप, स्टेडियम और घाटलोडिया वार्ड में वृक्षारोपण किया। इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री ने अहमदाबाद शहर की कुलदेवी श्री भद्रकाली माताजी के प्राचीन मंदिर में दर्शन-पूजन किया और टोरेंट ग्रुप-यूएनएम फाउंडेशन द्वारा पुनर्विकसित 'सरदार बाग' का उद्घाटन किया।


विश्व पर्यटन दिवस 2025 :-छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने राज्य स्तरीय पर्यटन पुरस्कारों की घोषणा, ऑनलाईन आवेदन 15 सितम्बर तक

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रायपुर, छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और नवाचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विश्व पर्यटन दिवस 2025 के अवसर पर राज्य स्तरीय पर्यटन पुरस्कारों की घोषणा की है। इन पुरस्कारों के लिए कुल 1 लाख 11 हजार रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। इसके लिए ऑनलाईन आवेदन 15 सितम्बर तक आमंत्रित किया गया है। राज्य में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े उत्कृष्ट कार्य करने वाले संस्थानों एवं व्यक्तियों को विश्व पर्यटन दिवस 27 सितम्बर को राज्य स्तरीय पर्यटन पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के जारी प्रेस नोट के अनुसार पुरस्कार के लिए विभिन्न 10 श्रेणियाँ निर्धारित की गई है, जिसमें सर्वश्रेष्ठ होटल, सर्वश्रेष्ठ टूर ऑपरेटर, सर्वश्रेष्ठ जिला पर्यटन प्रोत्साहन पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्टार्टअप/उद्यमिता पुरस्कार, सीटीबी स्टार परफॉर्मर (सर्वश्रेष्ठ रिसॉर्ट), सीटीबी स्टार परफॉर्मर (पर्यटक सूचना केन्द्र), सर्वश्रेष्ठ होमस्टे, सर्वश्रेष्ठ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, सर्वश्रेष्ठ इको-टूरिज्म साइट पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ एडवेंचर टूरिज्म पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। आवेदक 1 से 15 सितम्बर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रत्येक पुरस्कार के लिए 11,000 रुपये की राशि, स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। ऑनलाइन आवेदन के लिए छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के आधिकारिक वेबसाइट का अवलोकन कर सकते हैं।


भारतीय नौसैनिक युद्धपोत पोर्ट मोरेस्बी पहुँचा, पापुआ न्यू गिनी के 50वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में होगा शामिल

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दिल्ली- भारतीय नौसेना का स्वदेश निर्मित पनडुब्बी रोधी युद्धपोत आईएनएस कदमत आज पोर्ट मोरेस्बी पहुँचा, ताकि पापुआ न्यू गिनी के 50वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग ले सके। यह सद्भावना यात्रा भारत और पापुआ न्यू गिनी के बीच बढ़ती मित्रता और समुद्री साझेदारी का प्रतीक है। यह यात्रा भारत की "एक्ट ईस्ट नीति" के तहत प्रशांत द्वीपीय देशों के साथ संबंध मजबूत करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समावेशी विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

इस यात्रा के प्रमुख आकर्षणों में आईएनएस कदमत का पापुआ न्यू गिनी के आधिकारिक स्वतंत्रता दिवस परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेना शामिल है, जिससे दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और विरासत का सम्मान किया जाएगा। जहाज़ का दल पापुआ न्यू गिनी डिफेंस फोर्स (PNGDF) के साथ समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों में सहयोग की संभावनाओं का अन्वेषण करेगा। इसके अतिरिक्त, जहाज़ पर पापुआ न्यू गिनी के चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस फ़ोर्सेस का स्वागत किया जाएगा, ताकि भारतीय नौसेना की ‘आत्मनिर्भरता’ की यात्रा को प्रदर्शित किया जा सके।

यह दौरा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की वर्ष 2023 में पापुआ न्यू गिनी की ऐतिहासिक यात्रा के बाद हो रहा है, जिसमें दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने, विकासात्मक साझेदारी का विस्तार करने और रक्षा सहयोग को बढ़ाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। भारतीय नौसेना अपनी कूटनीतिक भूमिका निभाते हुए ‘मित्रता के सेतु’ बनाने के संकल्प पर दृढ़ है, जो सद्भावना यात्राओं, क्षमता निर्माण पहलों और सामूहिक समुद्री प्रयासों के माध्यम से राष्ट्रों को जोड़ती है।



शहर के 200 फुटपाथ व्यवसायियों काे मिला प्रशिक्षण

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महासमुंद। महासमुंद के स्ट्रीट फूड वेंडरों का 2 दिवसीय प्रशिक्षण एवं किट, प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम स्थानीय स्टेशन रोड स्थित होटल स्वर्ण में किया गया। प्रशिक्षण में फूड सेफ्टी से संबंधित जानकारी देकर ट्रेनर द्वारा दिया गया। जिसमें शहर के 150 वेंडरों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद सभी वेंडरों को किट जिसमें ड्रेस व तौलिया सहित अनेक प्रकार के सामग्री एवं नासवी (नेस्ले) संस्था का प्रमाण पत्र तथा एफएसएसएआई का सर्टिफिकेट निःशुल्क प्रदान किया गया। उक्त कार्यक्रम दिल्ली से संचालित नासवी संस्था जो स्ट्रीट फूड वेंडरों के हितों के लिए भारत के 25 राज्यो में अपनी सेवा दे रहे हैं। द्वारा किया गया। स्ट्रीट वेंडरों उक्त प्रशिक्षण दिलाने में समाजसेवी पंकज साहू का प्रमुख योगदान रहा। उन्होंने स्ट्रीट वेंडराें, फुटपाथ व्यवसायियों के हितों व अधिकार के लिए उन्हें जागरूक करने की दिशा में प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण बताया।

स्ट्रीट वेंडरों के हित व अधिकारों की रक्षा के लिए प्रशिक्षण जरूरी : पंकज

नेस्ले द्वारा महासमुंद में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराने में पंकज साहू का योगदान रहा।पंकज साहू उक्त संस्था के राष्ट्रीय सदस्य हैं। कार्यक्रम पश्चात पंकज साहू ने स्थानीय फुटपाथ लघु व्यवसायी संघ महासमुंद के 200 स्ट्रीट फूड वेंडरों को नासवी में विलय कर विधिवत सदस्यता दिलाया। अब फुटपाथ लघु व्यवसाई सम्बद्ध नासवी महासमुंद के नाम से राष्ट्रीय संगठन बन गया। उक्त कार्यक्रम में अध्यक्षता पंकज साहू, अतिथि  खाद्य औषधि विभाग से शंखनाद भोई एवं मुंबई से जय मिश्रा (नासवी) तथा ट्रेनर पटना के विशाल आनंद सहित जबलपुर के प्रदीप तिवारी उपस्थित रहे।


हमारा तिरंगा पूर्वजों के वर्षों के संघर्षों और बलिदान का जीवंत प्रतीक : मुख्यमंत्री साय

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रायपुर- हमारा तिरंगा पूर्वजों के वर्षों के संघर्षों और बलिदान का जीवंत प्रतीक है। हम सभी तिरंगे की शान को हमेशा बनाए रखेंगे, अपने अमर बलिदानियों को कभी नहीं भूलेंगे और सभी मिलकर विकसित, समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के मरीन ड्राइव में आयोजित स्वतंत्रता दौड़ में शामिल हुए और कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने हजारों युवाओं के साथ स्वतंत्रता दौड़ लगाई और भारत माता और अमर बलिदानी रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। 

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि तिरंगे में करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाएं समाई हैं और यह हमारी वीरता, शांति और समृद्धि के भाव की अमिट चेतना है। साय ने पवित्र तिरंगे को प्रणाम करते हुए कहा कि हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पिछले कुछ वर्षों से स्वतंत्रता दिवस में पूरा देश तिरंगामय हो जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम सभी अलग-अलग तरीकों से इस पावन दिवस को उत्साह के साथ मना रहे है।  तिरंगा यात्राएं और हर-घर तिरंगा फहराने के संकल्प ने इस पावन अवसर को जन-जन से जोड़ दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तिरंगा यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी एकता, अखंडता और राष्ट्रीय गौरव का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमें यह स्मरण कराती है कि आज़ादी अनगिनत बलिदानों की अमूल्य देन है। लाखों-करोड़ों देशभक्तों ने अपने प्राण न्योछावर किए, तब जाकर हमें यह स्वतंत्रता प्राप्त हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के खास अवसर ने मुझे बचपन के दिनों की याद दिला दी। जब मैं स्कूल में था तब स्वतंत्रता दिवस पर प्रभात फेरी निकलती  थी, गांव-गांव में देशभक्ति गाने गूंजते थे। उन्होंने कहा कि उस समय जो गर्व महसूस होता था, वही गर्व आज भी हमारे दिल में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारा दायित्व है कि हम अपने देश और प्रदेश को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जाएं। वर्ष 2047 तक के लिए हमने विकसित छत्तीसगढ़ विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया है, और हमारी सरकार उसी के अनुरूप कार्य कर रही है। यह सरकार के साथ-साथ हम सभी का साझा संकल्प है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर उपस्थित सभी को स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं दी। 

कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता दौड़ सिर्फ एक दौड़ नहीं बल्कि आजादी के लिए किये गए संघर्ष का प्रतिसाद है। देश को वीर सपूतों के बलिदान से आजादी मिली है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित, स्वच्छ, स्वस्थ और श्रेष्ठ भारत के विजन के साथ चलते हुए हमारे मुख्यमंत्री ने भी विकसित और समृद्धशाली छत्तीसगढ़ का सपना संजोया है। उन्होंने कहा कि इस स्वप्न को पूर्ण करने अपना अमूल्य योगदान देने का संकल्प लें।

इस दौरान विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक अनुज शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष नवीन अग्रवाल, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव यशवंत कुमार मौजूद रहे।


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