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कानूनी कार्य विभाग ने ‘स्पेशल कैंपेन 5.0’ को सफलतापूर्वक संपन्न किया, स्वच्छता और दक्षता की दिशा में हासिल की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ

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विधि एवं न्याय मंत्रालय के कानूनी कार्य विभाग (Department of Legal Affairs - DLA) ने स्पेशल कैंपेन 5.0 के सभी निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण कर सफलतापूर्वक अभियान का समापन किया। यह उपलब्धि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के मार्गदर्शन और विधि सचिव डॉ. अंजु राठी राणा के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में हासिल की गई।

भारत सरकार की “स्वच्छता ही सेवा” की दृष्टि को मूर्त रूप देते हुए, विभाग के देशभर में स्थित सभी कार्यालयों ने असाधारण समन्वय और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया। यह अभियान प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा निर्धारित 12 प्रमुख कार्य बिंदुओं के तहत संचालित किया गया।

योजना से प्रदर्शन तक

सितंबर 2025 में विस्तृत तैयारी चरण (Preparatory Phase) के बाद, कार्यान्वयन चरण (Implementation Phase) की शुरुआत 2 अक्टूबर 2025 को हुई। SCDPM 5.0 पोर्टल के माध्यम से डिजिटल ट्रैकिंग, दैनिक समीक्षा और अंतर-विभागीय निगरानी ने अभियान को सभी मानकों पर संतृप्ति तक पहुँचाया।

मुख्य उपलब्धियाँ

भौतिक फाइलें (Physical Files):

  • 64,401 फाइलों की समीक्षा की गई

  • 26 फाइलें राष्ट्रीय अभिलेखागार (National Archives of India) को हस्तांतरित की गईं

  • 60,216 फाइलें निरस्तीकरण (Weeding) हेतु चिन्हित की गईं

  • 60,216 फाइलें नष्ट की गईं

ई-फाइलें (E-Files):

  • 714 फाइलों की समीक्षा

  • 311 फाइलें बंद की गईं

कार्यालय स्थल एवं राजस्व (Office Space & Revenue):

  • 11,831 वर्ग फुट स्थान मुक्त किया गया

  • ₹4,91,758 का राजस्व अर्जित किया गया

लंबित संदर्भ और शिकायतें (Pending References & Grievances):

  • सांसदों से प्राप्त 50 संदर्भ

  • राज्य सरकारों से प्राप्त 6 संदर्भ

  • 27 अंतर-मंत्रालयी संदर्भ

  • 11 संसदीय आश्वासन

  • 1 पीएमओ संदर्भ

  • 879 सार्वजनिक शिकायतें

  • 10 सार्वजनिक शिकायत अपीलें — सभी का निपटारा किया गया

स्वच्छता, डिजिटलीकरण और पुनर्गठन की दिशा में कदम

सार्वजनिक अभिलेख अधिनियम, 1993 के तहत हजारों भौतिक फाइलों की समीक्षा, वर्गीकरण, डिजिटलीकरण और निरस्तीकरण किया गया, जिससे न केवल कार्यालय स्थान खाली हुआ बल्कि अभिलेख प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ी।

ई-कचरे के निस्तारण के तहत अनुपयोगी आईटी उपकरण — जैसे कंप्यूटर, प्रिंटर, यू.पी.एस., फोटोकॉपी मशीनें आदि — पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा जारी ई-वेस्ट प्रबंधन नियम, 2022 के अनुसार अधिकृत रीसायक्लर्स के माध्यम से निस्तारित किए गए। साथ ही, अनुपयोगी फर्नीचर और अन्य वस्तुओं की नीलामी की गई। खाली हुए स्थानों का उपयोग हरित क्षेत्र (Green Corners) और सुव्यवस्थित रिकॉर्ड प्रबंधन हेतु किया गया।

सांसदों, राज्य सरकारों, पीएमओ और मंत्रालयों से प्राप्त सभी संदर्भों का प्राथमिकता से निपटारा किया गया। CPGRAMS पोर्टल के माध्यम से सभी सार्वजनिक शिकायतों और अपीलों को ट्रैक कर समयबद्ध रूप से बंद किया गया।

देशभर के कार्यालयों की सक्रिय भागीदारी

इस अभियान में विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी कार्यालयों ने भाग लिया — मुख्य सचिवालय (नई दिल्ली), शाखा सचिवालय (कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु), केंद्रीय एजेंसी अनुभाग (सुप्रीम कोर्ट), विधि आयोग, इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट (ILI), इंडिया इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (IIAC), सभी आयकर अपीलीय अधिकरण (ITAT) पीठें, और दिल्ली उच्च न्यायालय, सीएटी (मुख्य पीठ) तथा तिस हजारी न्यायालयों में स्थित वाद अनुभाग।

साइबर सुरक्षा जागरूकता पहल

स्पेशल कैंपेन 5.0 के अंतर्गत, 30 अक्टूबर 2025 को विभाग द्वारा साइबर सुरक्षा जागरूकता वेबिनार का आयोजन किया गया, जो राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के अवसर पर आयोजित हुआ। यह सत्र राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) की Cyber & Information Security Management Division के विशेषज्ञों द्वारा संचालित किया गया। इसमें साइबर सुरक्षा, डेटा संरक्षण, पासवर्ड प्रबंधन, फ़िशिंग से बचाव और सुरक्षित डिजिटल व्यवहार पर चर्चा की गई। यह पहल विभाग में साइबर-सुरक्षित कार्य संस्कृति को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

विधि सचिव का संदेश

विधि सचिव डॉ. अंजु राठी राणा ने कहा —

“स्वच्छता की भावना केवल भौतिक सफाई तक सीमित नहीं है — यह अनुशासन, दक्षता और लोक सेवा में गर्व का प्रतीक है। मैं विभाग के प्रत्येक अधिकारी को स्पेशल कैंपेन 5.0 को सामूहिक सफलता बनाने के लिए बधाई देती हूँ।”

उन्होंने साप्ताहिक रिपोर्टों की व्यक्तिगत समीक्षा की, निरीक्षण दौरों का संचालन किया और यह सुनिश्चित किया कि सभी लक्ष्यों की पूर्ति समयबद्ध और प्रभावी ढंग से हो।

विकसित भारत @2047 की दिशा में योगदान

विभाग निरंतर डिजिटल परिवर्तन, प्रक्रिया सरलीकरण और सेवा-केंद्रित प्रशासन के माध्यम से विकसित भारत @2047 की दृष्टि को सशक्त कर रहा है। यह अभियान उसी संकल्प का प्रमाण है कि स्वच्छता, दक्षता और पारदर्शिता ही सुशासन की वास्तविक पहचान हैं।

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