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पारिवारिक विवाद में पेट्रोल पंप व्यवसायी ने की मां की हत्या, फिर खुद भी दे दी जान

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छत्तीसगढ़ में हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है। ताजा मामला बस्तर जिले का है, जहां पारिवारिक विवाद के चलते पेट्रोल पंप व्यवसायी ने गुस्से में अपनी मां और दो छोटे भाई-बहन पर जानलेवा हमला कर दिया। हमले में मां की मौत हो गई। जबकि दोनों छोटे भाई-बहन गंभीर रूप से घायल हैं। वारदात को अंजाम देने के बाद व्यवसायी ने खुद भी जहर खाकर जान दे दी। घायलों को मेकाज में भर्ती किया गया है। ये पूर्व विधायक मन्नूराम का परिवार बताया जा रहा है।  

जानकारी के मुताबिक तोकापाल ब्लॉक के आरापुर के रहने वाले सुरेंद्र कच्छ पेट्रोल पंप व्यवसायी थे। उनका अपनी मां राधिका कच्छ और छोटे भाई-बहन कृष्णा और सरिता कच्छ के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो गया। बात इतनी ज्यादा बढ़ गई कि सुरेंद्र ने खुखरी से अपनी मां के ऊपर हमला किया, जिससे मां की मौके पर ही मौत हो गई। मां को मारने के बाद दोनों छोटे भाई-बहन पर भी धारदार हथियार से वार कर अधमरा कर दिया। दोनों बेहोश हो गए थे।

पुलिस ने घर को किया सील

वहीं पुलिस ने घर को सील कर दिया है। वारदात को अंजाम देने के बाद सुरेंद्र ने जहर खा कर सुसाइड कर लिया। जब घायलों को होश आया तो रात में ही इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंचे जवानों ने दोनों घायलों को मेडिकल कॉलेज भिजवाया, जहां दोनों का इलाज चल रहा है। वहां बहन की हालत भी गंभीर बताई जा रही है। SDOP ऐश्वर्य चंद्राकर ने बताया कि सरिता बोलने की स्थित में है। घर को सील कर दिया गया है। फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची है, जांच की जा रही है।

व्यापारिक घाटे के चलते रहते थे  परेशान 

बताया जा रहा है कि व्यापारिक घाटे के चलते सुरेंद्र परेशान रहते थे। हालांकि अभी वारदात का कारण स्पष्ट नहीं है। सुरेंद्र के पिता सेल्स टैक्स ऑफिसर थे। करीब तीन साल पहले उनकी मौत हो चुकी है। यह भी बताया जा रहा है कि केशलूर के पूर्व विधायक मन्नूराम कच्छ के बड़े भाई सुखराम कच्छ का परिवार है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं घायल भाई बहन से पूछताछ की तलाश में हैं।

संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने में दूसरे पायदान पर बस्तर जिला

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बस्तर क्षेत्र में संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को संस्थागत प्रसव के प्रति प्रोत्साहित करने लिए बस्तर जिले में सांघा-जाना कार्यक्रम चलाया जा रहा है। बास्तनार विकासखंड के बड़े किलेपाल पहुंचे, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाट बाजार अवलोकन के दौरान इस कार्यक्रम से अवगत हुए। 

गर्भावस्था के दौरान, महिलाएं अपनी तकलीफों को लेकर संकोच करती हैं। ऐसे में सही समय पर उनकी हर प्रकार की जांच सुनिश्चित हो, इसके लिए सांघा-जाना कार्यकम संचालित किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन कर, उन्हें चार बार खून, रक्तचाप, वजन,  ब्लड शुगर की जांच के लिए दूरभाष के मध्यम से सचेत किया जाता है। वहीं महिलाओं को चिकित्सा केंद्र तक लाकर उनकी जांच की जाती है। प्रसव के पूर्व महिलाओं को अस्पताल में ही भर्ती कर लिया जाता है, ताकि जच्चा और बच्चा दोनों चिकित्सकीय देखरेख में रहे। 

कलेक्टर ने CM भूपेश बघेल को दी जानकारी

बस्तर जिला कलेक्टर रजत बंसल ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि इस कार्यक्रम के संचालन से जिले में 99.9 प्रतिशत तक संस्थागत प्रसव सुनिश्चित हो रहा है। बस्तर जिला पूरे राज्य में संथागत प्रसव सुनिश्चित करने में दूसरे स्थान पर है। इस कार्यक्रम की बदौलत मातृ और शिशु मृत्यु दर में भी कमी दर्ज हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अभिनव पहल की सराहना की है।

शराब पीकर स्कूल आने पर 2 शिक्षकों को किया गया निलंबित

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बस्तर विकासखंड के दो शिक्षकों को निलंबित किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन के मुताबिक चितलवार प्राथमिक शाला के सहायक शिक्षक प्रहलाद सिंह सेन और बनियागांव प्राथमिक शाला के सहायक शिक्षक उदय सिंह ठाकुर शराब पीकर स्कूल पहुंचे थे। साथ ही दोनों ने स्कूल में छात्रों से अभद्र व्यवहार किया था, जिसकी शिकायत के आधार पर संबंधित शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

वहीं बलरामपुर कलेक्टर कुंदन कुमार ने 20 अप्रैल को प्राथमिक शाला हरदीदोहर और पहाड़ी कोरवा आश्रम सरगड़ी का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में विद्यालय और आश्रम में अव्यवस्था, बच्चों का स्तर न्यून पाया गया। साथ ही साफ-सफाई, रंग-रोगन, प्रिंट चार्ट और कई प्रकार के काम अपूर्ण पाए गए, जो लापरवाही को प्रदर्शित करता है। जिला शिक्षा अधिकारी ने पदीय दायित्वों का सजगता से निर्वहन नहीं करने पर प्राथमिक शाला हरदीदोहर के सहायक शिक्षक एलबी सिरधनी सिंह और पहाड़ी कोरवा आश्रम सरगड़ी के सहायक शिक्षक एलबी प्रभारी आश्रम अधीक्षक मोहन राम को निलंबित कर दिया था। निलंबन अवधि में सिरधानी सिंह और मोहन राम मुख्यालय कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी बलरामपुर निर्धारित किया गया था।  

3 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस 

कलेक्टर ने 20 अप्रैल को ही हरदीदोहर आंगनबाड़ी का भी आकस्मिक निरीक्षण किया था। इस मौक पर ग्रामवासियों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता देवपति के खिलाफ नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खोलने, पोषण आहर वितरण नहीं करने और प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित नहीं किए जाने की गंभीर शिकायत की गई थी। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने इस संबंध में कार्यकर्ता देवपति को  स्पष्टिकरण प्रस्तुत करने को कहा गया था।

शराब पीकर छात्रों से मारपीट करने पर निलंबित 

12 मार्च को जशपुर जिले के दुलदुला विकासखंड के शिक्षक के द्वारा शराब के नशे में स्कूल आकर बच्चों से मारपीट की घटना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक जशपुर जिले के दुलदुला विकासखंड अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कस्तुरा में पदस्थ शिक्षक दिनेश कुमार लक्ष्मे के खिलाफ विद्यालयीन समय में शराब सेवन कर विद्यालय पहुंचने और विद्यालय में उपस्थित छात्र-छात्राओं को क्रिकेट बैट से पीटने की शिकायत मिली थी। 

शिकायत की जांच विकासखंड शिक्षा अधिकारी दुलदुला द्वारा की गई थी। जांच प्रतिवेदन और बयान के आधार पर दिनेश कुमार लक्ष्मे के खिलाफ शिकायत सही पाया गया था। शिक्षक की ये हरकत छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 और नियम 23 के सर्वथा विपरीत है, जो कदाचरण की श्रेणी में आता है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने शिक्षक को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।  

चिहरो के प्रभारी प्रधान पाठक भी सस्पेंड

इधर, कांकेर के दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के प्राथमिक शाला चिहरो के प्रभारी प्रधान पाठक बसंत कुमार साहू को जिला शिक्षा अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया था। इस अवधि में उनका मुख्यालय खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय दुर्गूकोंदल निर्धारित की गई था। जिला शिक्षा अधिकारी TR साहू ने बताया कि प्राथमिक शाला चिहरो के 20 बच्चें फूड पॉइजनिंग से पीड़ित पाए गए थे, जिसे लेकर प्रभारी प्रधान पाठक के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।

देवस्थल आस्था के केंद्र के साथ-साथ सांस्कृतिक गौरव: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में कदम-कदम पर स्थापित अनेकों शक्तिपीठों और मंदिरों कों आस्था का केंद्र के साथ सांस्कृतिक गौरव बताया। उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग के सातों जिलों के गांव-गांव में ऐसे अत्यंत प्राचीन मंदिर, प्राचीन प्रतिमाएं और प्राचीन परंपराएं बिखरी पड़ी है। इन प्राचीन वैभव को हमारे सिरहा, गुनिया, बैगा लोगों ने सहेज कर रखा है। वे सही मायने में हमारे सांस्कृतिक दूत हैं। 

उन्हीं के माध्यम से पुरखों का ज्ञान पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ रहा है। बस्तर की संस्कृति को सहेजना और संवारना है तो हमें सिरहा-गुनिया-बैगा-मांझी के ज्ञान को सहेजना होगा। गांव में देवस्थलों से जुड़े 8 पहरिया और बाजा मोहरिया की परंपराओं का संरक्षण करना जरूरी है। मुख्यमंत्री बघेल  बस्तर विकासखंड मुख्यालय के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित सिरहा गुनिया सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बस्तर संभाग के कुछ जिलों की तहसीलों का क्षेत्र व्यापक होने के कारण दूरस्थ क्षेत्र के निवासियों को जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र प्राप्त करने तथा राजस्व प्रकरणों के निराकरण के मामले में असुविधा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने बस्तर जिले की बकावंड तहसील को राजस्व अनुविभाग, सुकमा जिले की छिंदगढ़ तहसील को राजस्व अनुविभाग और बीजापुर जिले की आवापल्ली तहसील को राजस्व अनुविभाग तथा करपावंड को तहसील बनाने की घोषणा की। 

स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मंजूरी

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में जिला मुख्यालय सुकमा में शहीद गुंडाधुर की प्रतिमा स्थापित करने, जिला दंतेवाड़ा के नवीन शासकीय महाविद्यालय कुआकोंडा का नामकरण शहीद कवासी रोड़ापेदा के नाम से करने और जिला सुकमा के नवीन शासकीय महाविद्यालय तोंगपाल का नामकरण शहीद डेबरीधुर के नाम पर करने की घोषणा की। उन्होंने बकावंड में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की भी मंजूरी दी।

11 हितग्राहियों को दिया वन अधिकार पत्र  

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बघेल ने लगभग 104 करोड़ रुपए के 31 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। साथ ही बस्तर और बकावंड विकासखंड के 151 जोड़ों को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत नव दाम्पत्य जीवन में प्रवेश करने पर आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम में नगर पंचायत बस्तर के 11 हितग्राहियों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र प्रदान किया। 

कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित

इस अवसर पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, प्राधिकरण के उपाध्यक्ष संतराम नेताम, विक्रम मंडावी, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, ऊर्जा विकास बोर्ड के अध्यक्ष मिथलेश स्वर्णकार, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एमआर निषाद समेत जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में सिरहा-गुनिया उपस्थित रहे।

मजदूर न्याय योजना के तहत लाभ देने की घोषणा 

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इस वर्ष शासन ने बजट में देवगुड़ियों की सेवा करने वाले बैगा, गुनिया, मांझी और देवस्थल के 8 पहरिया और बाजा मोहरिया को राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत लाभ देने की घोषणा की गई है। इस योजना के अंतर्गत उन्हें 07 हजार रूपए की सालाना सहायता दी जाएगी। 

11 करोड़ 46 लाख रुपए से अधिक राशि खर्च

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा देवगुड़ियों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। संभाग में लगभग 4 हजार से अधिक देवगुड़ी हैं, जिनमें 2115 देवगुड़ियों के विकास के लिए कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इनमें 1261 देवगुड़ियों का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इसके लिए लगभग 11 करोड़ 46 लाख रुपए से अधिक राशि खर्च की गई है। इस वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ 98 लाख रुपए से अधिक का प्रावधान रखा गया है।

मल्लखंब प्रशिक्षण केंद्र खोलने का प्रावधान

मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि बस्तर की सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्य रखने के साथ ही इसे विकास की राह में आगे बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निरतंर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में किसानों के जीवन में बदलाव लाने वाली राजीव गांधी किसान न्याय योजना का दायरा बढ़ाते हुए कोदो-कुटकी और रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने का प्रावधान किया गया। बस्तर में खेल-कूद को बढ़ावा देने के लिए शहीद गुंडाधुर तीरंदाजी अकादमी की शुरुआत की गई है। इसके अलावा नारायणपुर में मल्लखंब प्रशिक्षण केंद्र खोलने का प्रावधान किया गया है।

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण शुरू

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नदियां भी हमारी आस्था और संस्कृति से जुड़ी हुई है। इंद्रावती नदी को साफ-सुथरी बनाए रखने के लिए जगदलपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण शुरू किया जा चुका है। इसी तर्ज पर इस बजट में दंतेवाड़ा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना भी की जा रही। आदिवासी बाहुल्य बस्तर अंचल में हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधा मिले। इसके प्रयास किए जा रहे हैं। 

आरक्षकों को पदोन्नति और वेतन भत्तों का लाभ 

इसी कड़ी में सुकमा जिले के सुदूरवर्ती जगरगुंडा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की जाएगी। दुर्दांत नक्सलियों की क्रूर घटनाओं से यह अंचल दशकों से प्रभावित रहा है। बस्तर में शांति की स्थापना और विकास के लिए उतावले युवाओं की कमी नहीं है। बस्तर के ऐसे युवाओं को अवसर प्रदान करने के लिए संभाग में डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही सहायक आरक्षकों को पदोन्नति और वेतन भत्तों का लाभ दिया जाएगा।  

चिराग परियोजना का संचालन

मुख्यमंत्री ने कहा कि वनांचल में बहुतायत में पाए जाने वाले तेंदूपत्ता यहां के ग्रामीणों की आजीविका का एक प्रमुख साधन है। तेंदूपत्ता संग्राहकों को अधिक लाभ प्रदान करने के लिए प्रति मानक बोरा तेंदूपत्ता की दर को ढाई हजार रुपए से बढ़ाकर चार हजार रुपए किया गया है। समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले लघु वनोपजों की संख्या 07 से बढ़ाकर 65 किया गया है, उनका वैल्यू एडीशन करने, प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने के लिए साथ-साथ सरकार बस्तर के आदिवासियों और वनवासियों की आय में बढ़ोतरी के लिए चौतरफा प्रयास कर रही है। यहां के लोगों की आय में बढ़ोतरी करने और उन्हें रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर उपलब्ध कराने के लिए चिराग परियोजना का संचालन किया जा रहा है। 

लाखों माताओं-बहनों को मिल रहा रोजगार: CM

राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम का लाभ पूरे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ बस्तर के लोगों को भी लगातार मिल रहा है। गौठानों में तरह-तरह की आजीविका मूलक की गतिविधियों से लाखों माताओं-बहनों को रोजगार मिल रहा है।

बस्तर फाइटर्स बल के 2100 आरक्षक पद के लिए 53 हजार से ज्यादा आवेदन, मई में दूसरे हफ्ते से शुरू होगा फिजिकल टेस्ट

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर बस्तर पुलिस में अंदरूनी क्षेत्र के युवाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने और बस्तर पुलिस को नई धार देने के उद्देश्य से नवीन बस्तर फाइटर्स बल का गठन कर 2800 नवीन पदों का सृजन किया गया है। इसमें बस्तर फाइटर आरक्षक के 2100 पद सम्मिलित हैं। बस्तर फाइटर आरक्षक के 2100 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए थे, जिसमें 53 हजार से ज्यादा आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। मई 2022 के द्वितीय सप्ताह से आवेदकों की शारीरिक नापजोख और शारीरिक दक्षता परीक्षा शुरू होगी। इसके लिए आवेदकों को समय रहते सूचित किया जाएगा। 

                               फाइल फोटो

वहीं छत्तीसगढ़ पुलिस के उपनिरीक्षक संवर्ग, प्लाटून कमांडर और सूबेदार के 975 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिसमें 01 लाख 48 हजार से ज्यादा ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदकों की शारीरिक नापजोख और प्रमाण-पत्रों की जांच मई 2022 के चौथे हफ्ते से शुरू होगी। मई के पहले हफ्ते से अभ्यर्थी अपना प्रवेश पत्र छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकेंगे। 

नक्सलियों ने जताया भर्ती का विरोध

बता दें कि बस्तर फाइटर्स की भर्ती से नक्सली भी घबराए हुए हैं। नक्सली प्रेस नोट जारी कर विरोध भी जता चुके हैं। करीब 5 महीने पहले नक्सलियों के संगठन पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी ने प्रेस नोट जारी किया । प्रेस नोट के माध्यम से नक्सलियों ने बस्तर फाइटर्स की भर्ती को बंद करने की बात कही है। नक्सलियों ने कहा है कि उच्च जाति के लोगों को उच्च स्तर की नौकरी दी जाती है। 

आपस में लड़वाकर मरवा रहे पुलिस: नक्सली

निचले तबके के युवाओं को मूर्ख बना कर उन्हें अपने ही मां-बाप, भाई के खिलाफ खड़े करवा कर नरसंहार जैसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए बस्तर फाइटर्स में भर्ती किया जा रहा है। नक्सलियों ने प्रेस नोट में लिखा कि बस्तर के अमूल्य संसाधनों को अडानी, अंबानी जैसे बड़े कॉर्पोरेट घरानों को सौंपने के लिए ही यहां के आदिवासी, गैर आदिवासी, दलितों को नक्सल उन्मूलन के नाम से आपस में लड़वाकर मरवा रहे हैं। बता दें कि नक्सली अपनी बात पुलिस और जनता तक पहुंचाने के लिए प्रेस नोट जारी करते हैं।

तेलंगाना से 33 बंधक मजदूरों को छुड़ाया गया, कलेक्टर ने गठित की थी 3 सदस्यीय टीम

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बस्तर में श्रम विभाग ने तेलंगाना के सिद्धीपेठ ईंट फैक्ट्री में काम कर रहे 33 बंधक श्रमिकों की सकुशल वापसी कराई है। श्रम पदाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक 9 फरवरी 2022 को लोहंडीगुड़ा ग्राम पंचायत के हेमुधर नाग ने बस्तर कलेक्टर रजत बंसल के सामने ककनार के 5 बंधक श्रमिकों को मुक्त कराकर वापस लाने की अपील की थी। 

फाइल फोटो

इस पर कलेक्टर बंसल के निर्देशानुसार श्रम पदाधिकारी ने 3 सदस्यों का दल गठित किया, जिसमें श्रम निरीक्षक नमिता जॉन, राजस्व निरीक्षक पवन नेताम, सहायक उप निरीक्षक सरजू राम ध्रुव शामिल थे। ये दल 19 मार्च को दल साई ईंट फैक्ट्री, सिद्दीपेट, तेलंगाना के लिए रवाना हुई और 25 मार्च को सभी 05 श्रमिकों को कार्यस्थल से मजदूरी भुगतान समेत मुक्त कराकर सकुशल वापस लाया। 

33 बंधक मजदूरों को छुड़ाया गया

बस्तर जिले के 24 और अन्य 5 जिले यानी कोंडागांव-1, नारायणपुर-04, सुकमा- 1,  बीजापुर- 01 और गरियाबंद के 02 श्रमिकों को छुड़ाया गया। इस तरह अलग-अलग जिलों के कुल 33 श्रमिकों को सिद्दीपेठ के पेगनापुर गांव से मुक्त कराकर लाया गया। वहीं अपर कलेक्टर अरविंद कुमार एक्का के निर्देश पर सभी श्रमिकों का सकुशल उनके गृह ग्राम तक पंहुचाया गया है।

बड़ी कार्रवाई: पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ , 2 महिला समेत 5 नक्सली ढेर, 1 पुलिसकर्मी भी घायल

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छत्तीसगढ़ के बस्तर में 2 अलग-अलग इलाकों में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें पुलिस ने 2 महिला नक्सली समेत 5 नक्सलियों को मार गिराया है। जानकारी के मुताबिक तेलंगाना-छत्तीसगढ़ के सरहद पर स्थित पेरूर, ईलमिड़ी और उसूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पहाड़ी क्षेत्र में तेलंगाना स्टेट कमेटी के सीनियर नक्सल लीडर सुधाकर डिविजनल कमेटी मेंबर और वेंकटापुरम एरिया कमेटी मेंबर समेत लगभग 40-50 सशस्त्र नक्सलियों के उपस्थिति की सूचना पर तेलंगाना की ग्रेहाउंड और बीजापुर से DRG और CRPF के जवानों को मौके के लिए रवाना किया गया था। इस दौरान ईलमिड़ी के ग्राम सेमलडोडी और तेलंगाना राज्य के थाना पेरूर के ग्राम पेनुगोलू के सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा बलों की नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई।

मुठभेड़ में जवानों ने 1 महिला समेत कुल 4 नक्सलियों को ढेर किया है। इनमें 8 लाख रूपये का इनामी नक्सली सुधाकर भी मारा गया है। इनके शव भी बरामद कर लिए गए हैं। इस मुठभेड़ में ग्रेहाउंड का एक जवान भी घायल हुआ है, जिसे हेलीकॉप्टर से रायपुर रेफर किया गया है।

ACM मुन्नी के रूप में हुई पहचान

वहीं सुकमा, दंतेवाड़ा और बस्तर जिले की सरहद पर तोंगपाल, टहकवाड़ा क्षेत्र के मोरेंगा, जुनापानी, जैमेर पहाड़ी, नंदेल डोंगरी, मारजुम और ध्रुवापारा क्षेत्र में दरभा डिवीजन के DVMC मंगतू, कटेकल्याण एरिया कमेटी सदस्य मंहगू, मुन्नी, प्रदीप, सोमडू के साथ लगभग 20-25 की संख्या में हथियार बंद नक्सलियों की उपस्थित होने की सूचना मिली थी। इसी सूचना के आधार पर तीनों जिलों से जवानों को निकाला गया था। इस बीच सुकमा के टहकवाड़ा और कटेकल्याण के मारजुम इलाके में जवानों की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई, जवानों ने एक महिला नक्सली को ढेर किया है, जिसकी शिनाख्त ACM मुन्नी के रूप में हुई है।

जवानों का सर्च ऑपरेशन जारी

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर बड़े नक्सली लीडरों की उपस्थिति की सूचना पर ग्रेहाउंड की टीम सुबह नक्सल ऑपरेशन पर निकली हुई थी। इस बीच जवान जब बीजापुर के उसूर थाना क्षेत्र के जंगलों में पहुंचे तो पहले से ही घात लगाए नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी, जिसका जवानों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। जवाबी कार्रवाई में दो नक्सलियों को ढेर कर दिया गया है, जिसमें एक की शिनाख्त हार्डकोर नक्सली सुधाकर के रूप में हुई है। वहीं घटनास्थल से सर्चिंग करने के बाद जवानों ने LMG और एक SLR रायफल भी बरामद किया है। फिलहाल इस इलाके में भी जवानों का सर्च ऑपरेशन चल रहा है।

तीन जिलों की सीमा के बीच मुठभेड़

इधर, दंतेवाड़ा, बस्तर और सुकमा जिले की सीमा पर स्थित मारजुम इलाके में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। बताया जा रहा है कि इस इलाके में भी कई बड़े नक्सली लीडरों की सूचना पर तीनों जिलों से बड़ी संख्या में फोर्स को रवाना किया गया था। मारजुम के जंगल में जवानों ने तीन तरफ से नक्सलियों को घेर रखा है। यहां पर मंगलवार की सुबह से रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है। पुलिस अधिकारियों की माने तो इस मुठभेड़ में जवानों के हाथ बड़ी सफलता लगी है। हालांकि नेटवर्क नहीं होने की वजह से अभी संपर्क नहीं हो पा रहा है।

छत्तीसगढ़ पुलिस चला रही कई तरह के अभियान

बता दें कि नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस कई तरह के अभियान चला रही है, जिससे प्रभावित होकर कई नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे है। जबकि सूरक्षाबल के जवान कई नक्सलियों को गिरफ्तार भी कर रहे है, जिससे बौखलाएं नक्सली इस तरह के कायरना हरकत कर रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में बीते साल के मुताबले इस साल नक्सली हमले और गतिविधियां कम हुई है। वहीं छत्तीसगढ़ पुलिस और सरकार नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। 

नक्सली लगातार दे रहे वारदात को अंजाम

पुलिस की लगातार कार्रवाई से बौखलाए नक्सली लोगों में दहशत फैलाने के लिए लगातार किसी न किसी कायराना करतूत को अंजाम देने में लगे हुए हैं। नक्सली लगातार पुलिस की नाक के नीचे मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं।

5 साल में नक्सली हिंसा में इतने लोगों की गई जान

बीते 5 साल में छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा (Naxalite violence) में 1000 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 314 आम लोग भी शामिल हैं। इनका नक्सल आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था। वहीं 220 जवान शहीद हुए हैं, साथ ही 466 नक्सली भी मुठभेड़ में मारे गए हैं।

गैस एजेंसी में अनियमितता पर कार्रवाई, 452 गैस सिलेंडर जब्त, मारडूम पंचायत सचिव निलंबित

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कोरिया कलेक्टर श्याम धावड़े के निर्देश पर जिला खाद्य अधिकारी एन शुक्ला के मार्गदर्शन में सहायक खाद्य अधिकारी संजय ठाकुर और खाद्य निरीक्षक शुभा गुप्ता ने खड़गवां-चिरमिरी स्थित मेसर्स श्रीराम गैस एजेंसी में दबिश देकर  जांच की।  जांच दल ने गैस ऐजेंसी के संचालक भुवनेश्वर सिंग की उपस्थिति में जांच किया। इस फर्म BPCL कंपनी के माध्यम से संचालित है। फर्म के स्टॉक पंजी के जांच में 14.2 कि.ग्रा. घरेलू भरे सिलेंडरों की संख्या 615 और खाली सिलेंडरों की संख्या 292 पाया गया। 

इसी तरह 19 कि.ग्रा. व्यवसायिक वर्ग के भरे सिलेंडरों की संख्या 125 और खाली सिलेंडरों की संख्या 45 पाई गई। वहीं फर्म के हल्दीबाड़ी स्थित कार्यालय के बगल स्थित गोदाम में अवैध रूप से भंडारित 14.2 कि.ग्रा. भरे हुए 69 , खाली 31 और 19 कि.ग्रा. वर्ग के 08 भरे और 02 खाली सिलेंडर भंडारित पाए गए। फर्म के चिरमिरी-बिलासपुर रोड पर स्थित गैस गोदाम के भौतिक सत्यापन में घरेलु उपयोग के 14.2 कि. ग्रा. भरे 182 खाली और व्यवसायिक उपयोग के 19 कि.ग्रा. भार के 113 भरे, 47 बग खाली सिलेंडर पाए गए। 452-gas-cylinders-seized-in-Korea

452 गैस सिलेंडर जब्त

श्रीराम गैस एजेंसी हल्दीबाड़ी की जांच में घरेलू उपयोग 14.2 कि.ग्रा. के 407 भरे सिलेंडर और 74 नग खाली सिलेंडर कम पाए गए। इसी प्रकार व्यवसायिक उपयोग 19 कि.ग्रा. के भरे हुए 04 नग सिलेंडर कम और 04 खाली सिलेंडर ज्यादा पाए गए। फर्म के संचालक द्वारा इस संबंध में समाधान कारक जवाब नहीं देने के कारण भौतिक रूप से उपलब्ध 14.2 कि.ग्रा. के 69 भरे हुए जिनका मूल्य 2 हजार 439.50 रूपए प्रति सिलेंडर के आधार पर कुल 1 लाख 68 हजार 326.50 रुपए है, 213 खाली जिनका मूल्य  1 हजार 450 रुपये  प्रति सिलेंडर के आधार पर कुल  3 लाख 8 हजार 850 रुपए है।

कलेक्टर को भेजा गया प्रतिवेदन

वहीं व्यवसायिक उपयोग के 19 कि.ग्रा. भार वाले 121 भरे हुए जिनका मूल्य 3 हजार 679.50 रुपए प्रति सिलेंडर के आधार पर कुल 4 लाख 45 हजार 219.50 रूपए, 49 खाली मूल्य 1 हजार 750 रुपए प्रति सिलेंडर के आधार पर  कुल 85 हजार 750 रुपए मतलब कुल 10 लाख 8 हजार 145 रूपए के 452 गैस सिलेंडरों को द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस प्रदाय और वितरण विनियमन आदेश के उल्लंघन किए जाने के कारण फर्म संचालक भुवनेश्वर सिंग से जब्त कर लिया है। वहीं कार्रवाई के लिए कलेक्टर श्याम धावड़े के सामने जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है।

कलेक्टर ने  मारडूम पंचायत सचिव को किया निलंबित 

कलेक्टर रजत बंसल बस्तर जिले में चल रहे कोरोना टीकाकरण महाअभियान का जायजा लेने मारडूम पहुंचे, यहां टीकाकरण केंद्र को सुबह 8 बजे खुला नहीं पाए जाने पर मारडूम के पंचायत सचिव धनसिंह ठाकुर को निलंबित करने के निर्देश कलेक्टर रजत बंसल ने दिए हैं। शनिवार को टीकाकरण के महाअभियान का जायजा लेने के दौरान कलेक्टर रजत बंसल ने ये कार्रवाई की है।

टीकाकरण का जायजा लेने पहुंचे थे कलेक्टर

टीकाकरण काम का जायजा लेने के लिए कलेक्टर रजत बंसल जब मारडूम पहुंचे, तब सुबह 8 बजे टीकाकरण केंद्र बंद पाया गया। इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कलेक्टर बंसल ने निलंबन की ये कार्रवाई के निर्देश दिए। बता दें कि शत-प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को जल्द प्राप्त करने के लिए बस्तर जिले में शनिवार को महाअभियान चलाया गया, जिसके तहत एक लाख से अधिक लोगों के टीकाकरण के लिए 650 से अधिक केंद्र बनाए गए हैं। 

अधिकारी कर्मचारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी

टीकाकरण के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग के साथ ही राजस्व, पंचायत, महिला और बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस कार्य में युवोदय और अन्य सामाजिक संगठनों की सहायता भी ली जा रही है।

धान खरीदी के पहले दिन इस संभाग के 152 केंद्रों पर नहीं पहुंचा कोई किसान, जानिए क्या है वजह

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छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो गई है। वहीं बस्तर संभाग के सभी खरीदी केंद्रों में स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने पहुंचकर धान खरीदी की शुरुआत कराई। हालांकि बस्तर संभाग में कुल 320 उपार्जन केंद्रों में से सिर्फ 168 केंद्र में ही आज पहले दिन धान की खरीदी हुई, जिसमें कुल 842 किसानों ने लगभग 28 हजार 222 क्विंटल धान बेचा। वहीं 152 केंद्रों में एक भी किसान धान बेचने नहीं पहुंचे। जिला विपणन अधिकारी आरबी सिंह ने बताया कि बस्तर संभाग में कुल 2 लाख 29 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है, जिनमें से 38 हजार नया पंजीयन है। इन किसानों से 85 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है, जिसकी कीमत करीब 16 अरब 15 करोड़ रुपये हैं। 

अधिकारी ने बताया कि इस साल पहले दिन काफी कम किसानों ने धान बेचने में रुचि दिखाई। अधिकारी ने माना कि कई धान खरीदी केंद्रों में व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने की वजह से किसानों को टोकन नहीं मिल पाया, जिसकी वजह से किसान पहले दिन धान नहीं बेच पाए। बस्तर संभाग के बस्तर, कोंडागांव और दंतेवाड़ा जिला में सबसे ज्यादा धान खरीदी हुई। वहीं सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर के कई उपार्जन केंद्र में किसानों की गैर मौजूदगी देखी गई और इसकी वजह किसानों को एक दिन पहले समय पर टोकन नहीं मिलना बताया जा रहा है। इस पर विपक्ष ने राज्य सरकार पर आधी अधूरी तैयारी के बीच किसानों से धान खरीदने का आरोप लगाया है। 

विपक्ष ने सरकार पर लगाए आरोप

विपक्ष ने धान खरीदी केंद्रों में सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं। कई केंद्रों में किसानों के लिए ना तो बैठने की व्यवस्था की गई है, ना शौचालय की और ना पेयजल की। किसान अपने धान को लेकर धूप में खड़े होकर बेचने को मजबूर हैं। विपक्ष का कहना है कि कई किसान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था की वजह से बिना धान बेचे आज वापस लौट गए। इधर, किसान धान खरीदी में काफी चिंतित दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि बेमौसम बारिश ने बस्तर संभाग के भी सैकड़ों किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। धान के लाल होने से किसान शासन से मांग कर रहे हैं कि उनकी धान खरीदा जाए क्योंकि उन्होंने कर्ज लेकर फसल उगाया है। किसानों को डर है कि धान शासन की ओर से रिजेक्ट करने पर काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए किसान जल्द से जल्द धान बेचना चाहते हैं।

आया मौसम सैर सपाटे और मनोरंजन का, करीब से निहारे छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता

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हल्की ठंड के अहसास के साथ छत्तीसगढ़ में मौसम का रूख बदल सा गया है। सुबह-सुबह ओस की बूंदे और आसपास घने कोहरे की चादरे हैं। दोपहर में आकाश का रंग नीला है,  तो बारिश में उफान पर रही नदियां शांत होकर बहने लगी है। तालाब हो या फिर नदी के रास्तों में पानी का ठहराव, एक बड़े आइने की तरह आकाश से लेकर अपने आस-पास के हरे-भरे पेड़-पौधों की तस्वीरों को इस तरह समेटे हुए हैं कि किसी सिनरी से कम नहीं..। मंद-मंद चलती हवाओं से यह मौसम इतना प्यारा हो चला है कि दिल कहता है कि चलों घूम आए...। जी, हां ये छत्तीसगढ़ का मौसम है। अपनी खूबसूरती के दम पर सबकों मोह लेने के साथ हर पर्यटकों को ताजगी और उमंग का अहसास कराने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी पर्यटन स्थल आपके स्वागत के लिए बेताब है।

देश के पर्यटन के नक्शे पर अपनी पहचान बना चुके छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन जोखिम से परे एक अनुकूल और सुखद माहौल में संभव है। छत्तीसगढ़ में पर्यटन की अपार संभावनाएं ही नहीं, बल्कि धरातल पर आपकी संभावनाओं को सच साबित करती सैकड़ों दर्शनीय स्थल भी है। भारत के हृदय स्थल में स्थित छत्तीसगढ़ प्राचीन स्मारकों, बौद्ध स्थलों, दुर्लभ वन्य प्राणियों, नक्काशीदार मंदिरों, राजमहलों, गुफाओं और शैलचित्रों से परिपूर्ण है। 

उत्तर से लेकर दक्षिण तक हरियाली से परिपूर्ण जंगल, जलप्रपात, झरने, जलाशय समेत प्रकृति की नैसर्गिक सुंदरता को करीब से निहारने और यहां की संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों को समझने के साथ आदिवासी समाज के जनजीवन को जानने और उनकी कलाकृतियों को देखने का भरपूर आनंद आप यहा उठा सकते हैं। समय के साथ यही वह सबसे अच्छा मौसम है, जो आपकी यात्रा को आसान बनाने के साथ आपके भीतर रोमांच भी भर देगी। वैसे तो यहां पर्यटन का आनंद हर मौसम में लिया जा सकता है, लेकिन वर्षा ऋतु के बीत जाने के बाद का समय आपके पर्यटन यात्रा को सुलभ और सहज बनाने के साथ यादगार बनाता है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू की पहल से छत्तीसगढ़ के पर्यटन को नई पहचान मिल रही है। पर्यटन स्थलों की पहचान के साथ उन स्थानों के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए पर्यटकों के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। दोपहर में आकाश का रंग नीला है तो, बारिश में उफान पर रही नदियां शांत होकर बहने लगी है। 

देशी-विदेशी पर्यटकों को भाने लगा है छत्तीसगढ़ का पर्यटन

मुख्यमंत्री बघेल और पर्यटन मंत्री साहू के द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में किए जा रहे विकास कार्यों और सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की वजह से छत्तीसगढ का पर्यटन देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाता जा रहा है। यहा आने वाले पर्यटकों की संख्या से साबित होती है कि यहां की खूबसूरती और प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल पर्यटकों को अपनी ओर खींच ला रही हैं। पर्यटक संबंधी आंकडे़ देखे तो जनवरी 2019 से लेकर अक्टूबर 2021 तक राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों में 2 करोड़ से अधिक घरेलू पर्यटक और 9145 विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ है। सूचना केंद्रों के माध्यम से जनवरी 2019 से लेकर अक्टूबर 2021 तक कुल 9782 आगंतुकों के द्वारा पर्यटन संबंधी जानकारी प्राप्त की गई। 4750 पर्यटकों द्वारा टूरिज्म बोर्ड के सूचना केंद्रों के माध्यम से टूरिज्म बोर्ड द्वारा संचालित होटल-रिसॉर्ट के लिए आरक्षण कराया गया। इससे 174.92 लाख रुपए की राजस्व प्राप्ति हुई।

पर्यटन के रूप में प्रसिद्ध महत्वपूर्ण स्थल

छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक पर्यटन स्थल अपनी पहचान स्थापित कर लगातार पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहे हैं। राज्य में बाहर से आने वाले पर्यटकों को सर्वाधिक पसंद आने वाले स्थानों में अचानकमार टाइगर रिजर्व, बारनवापारा वन्य जीव अभ्यारण, पामेड़ अभ्यारण, गोमर्डा, बादलखोल, भोरमदेव, भैरमगढ़, तमोरपिंगला अभ्यारण, सेमरसोत वन्यजीव अभ्यारण, सीतानदी अभ्यारण, भोरमदेव मंदिर, दंतेश्वरी मंदिर, प्रज्ञागिरी मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, वारसूर गणेश प्रतिमा, चम्पारण्य, चित्रकोट जल प्रपात, तीरथगढ़ जलप्रपात, देवपहरी जलप्रपात, अमृत धारा, राजपुरी, रानीदाह, टाइगर पॉइंट, केंदाई, देवधारा, सातधारा जलप्रपात, मैनपाट, कुतुंब मीनार से ऊंचा जैतखाम और गुरू घासीदास की जन्म स्थली गिरौधपुरी धाम महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है।

बौद्ध तीर्थ स्थल सिरपुर, रतनपुर, ताला, मल्हार, पाली, लाफा, तुम्हान,बस्तर, डोंगरगढ़, राजिम, बांगो बांध, सतरेंगा जलाशय, खूटाघाट, मदकूद्वीप, चैतुरगढ़, देश-देखा, जशपुर का चाय बागान, दामाखेड़ा, कुदुरमाल, गंगरेल बांध, कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान, गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, शबरी का मंदिर शिवरीनारायण, रामवनगमन पर्यटन परिपथ, रायपुर सिटी, जंगल सफारी, कुटुमसर गुफा, कैलाश गुफा, जोगी मारा, रामगढ़, अरण्य, सिंघनपुर गुफा समेत कई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। आस-पास के हरे-भरे पेड़-पौधों की तस्वीरों को इस तरह समेटे हुए है कि किसी सिनरी से कम नहीं..।

पर्यटकों को उपलब्ध कराई जा रही कई सुविधाएं

छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की ओर से पर्यटकों की सुविधा के लिए कई पर्यटन इकाइयां संचालित की गई है। इनमें राजधानी रायपुर में होटल जोहार छत्तीसगढ़, बिलासपुर जिले में छेर-छेरा टूरिस्ट कॉटेज कबीर चबुतरा और गौरा-गौरी लेक व्यू टूरिस्ट कॉटेज खूंटाघाट, बस्तर जिले में दंडामी लक्जरी रिसॉर्ट चित्रकोट और गोरगा टूरिस्ट रिसॉर्ट तीरथगढ़, धमतरी जिले में बरदिहा लेक व्यू टूरिस्ट कॉटेज गंगरेल, महासमुंद जिले में हरेली ईको रिसॉर्ट मोहदा बारनवापारा और व्हेनसांग टूरिस्ट रिर्सार्ट सिरपुर, मुंगेली जिले में सोनभद्र टूरिस्ट रिसॉर्ट आमाडोब, सरगुजा जिले में शैला टूरिस्ट रिसॉर्ट मैनपाट, बालोद जिले में सुआ लेक व्यू टूरिस्ट रिसॉर्ट तान्दुला, कवर्धा जिले में नागमोरी टूरिस्ट कॉटेज भोरमदेव और बैगा टूरिस्ट रिसॉर्ट सरोधादादर-रायपुर जिले में पर्यटक विश्रामगृह चंपारण्य शामिल है।

छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों के बारे में पर्यटकों को सुलभ जानकारी उपलब्घ कराने और पर्यटन स्थलों के भ्रमण के लिए व्यक्तिगत-टूर पैकेज के अन्तर्गत आरक्षण की सुविधा प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा नई दिल्ली समेत प्रदेश में तेरह स्थानों पर पर्यटन सूचना केंद्र स्थापित किया गया है। पर्यटन मंडल द्वारा स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट माना रायपुर, टिकट काउंटर के पास रेल्वे स्टेशन रायपुर, महंत घासीदास संग्रहालय परिसर रायपुर, रेल्वे स्टेशन बिलासपुर ग्राम सिरपुर जिला महासमुन्द, रेल्वे स्टेशन डोंगरगढ़, अनारक्षित टिकट काउंटर के सामने रेल्वे स्टेशन दुर्ग, धनवंतरी भवन सिहावा रोड जिला धमतरी, शहीद पार्क चौपाटी परिसर जगदलपुर, सरहुल होटल चंडीरमा अंबिकापुर, बस स्टैण्ड चंपारण्य, कोडातरई रायगढ़ और चाणक्य भवन नई दिल्ली में पर्यटन सूचना केंद्र स्थापित की गई है। 

पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप के माध्यम से रायपुर स्थित होटल जोहार छत्तीसगढ़ परिसर को उच्च स्तरीय पर्यटन और व्यवसायिक परिसर के रूप में विकसित किया जा रहा है। माना-तूता में लगभग 80 एकड़ भूमि पर थीम-एम्यूजमेंट पार्क विकसित करने और मैनपाट रिसॉर्ट और पंड्रापाट रिसॉर्ट को वेलनेस सेंटर-नेचर केयर सेंटर के रूप में विकसित करने  का काम किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों के बारे में ज्यादा जानकारी, पैकेज टूर और रिसॉर्ट बुकिंग के लिए कॉल सेंटर 1800-102-6415 पर संपर्क किया जा सकता है।

बस्तर क्षेत्र में वैलनेस टूरिज्म की शुरुआत

बस्तर अंचल में पर्यटकों को वैलनेस टूरिज्म की सुविधाएं देने सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों में योगा, प्राणायाम, ध्यान, आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपचार, नेचर हीलिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जगदलपुर में वैलनेस टूरिज्म का भी औपचारिक शुभारंभ भी किया है। वैलनेस टूरिज्म के तहत पर्यटकों को स्वस्थ जीवन शैली के लिए मार्गदर्शन और परामर्श भी दिया जायेगा। शारीरिक, मानसिक-आत्मिक स्वास्थ्य के गुर भी सिखाए जाएंगे। वैलनेस टूरिज्म के जरिए  देश-विदेश के पर्यटक बस्तर अंचल में आने के लिए आकर्षित होंगे।

सालों पुरानी सड़क निर्माण की मांग हुई पूरी, बस्तर जिला मुख्यालय से बारहमासी जुड़े रहेंगे ग्रामीण

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छत्तीसगढ़ के दक्षिण में स्थित बस्तर जिले में विकास की बयार बहने लगी है। शासन इस इलाके को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। जिले के सुदूर इलाकों में हो रहे सड़क निर्माण से यहां के ग्रामीणों को आवागमन में तो सुविधा हो रही है। वहीं सरकार की तमाम योजनाएं धरातल पर आसानी से पहुंचने लगी है। बस्तर जिले में वनों से आच्छादित ग्राम कोलेंग से नेतानार को जोड़ने वाली 25 किलोमीटर की यह सड़क बन जाने से आम लोगों को जिला मुख्यालय से बारहमासी संपर्क बनाए रखने की सुविधा हो गई है। 


सालों पुरानी मांग पूरी होने पर ग्रामीणों ने शासन के प्रति आभार व्यक्त किया है। 43 करोड़ रूपए से ज्यादा की लागत से बनी इस सड़क के निर्माण में लोक निर्माण विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन तमाम बाधाओं को दूर करते हुए विभाग ने यह सड़क का निर्माण कार्य पूरा किया। प्रशासन ने ग्रामीणों की मांग पर लोक निर्माण विभाग को सड़क बनाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। पहाड़ों के चट्टान को काटकर सड़क का निर्माण किया गया है। साथ ही जंगल के मध्य कांगेर नाला में पुल का निर्माण की आवश्यकता थी। 


बारिश के मौसम में कांगेर नाला में बने पुल की ऊंचाई कम होने से ग्रामीण मुख्यालय से कट जाया करते थे। इसको देखते हुए बड़े पुल का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जो कि पूर्णता पर है। कोलेंग गांव में लंबे समय से कार्यरत आयुर्वेद डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि इस सड़क के बन जाने से स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच अब अंदरूनी इलाकों मे भी होने लगी है। चारों ओर जंगल से घिरे इस गांव में अब सभी प्रकार की सुविधाओं का धीरे-धीरे विस्तार होने लगा है।

बस्तर के सेमरा का ट्राईफूड पार्क पूरे देश में आदर्श फूड पार्क के रूप में स्थापित होगा: केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा

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सेमरा स्थित फूड पार्क में आयोजित ट्राईफेड के वनधन सम्मेलन 2021 कार्यक्रम में केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बस्तर जिले के बाबू सेमरा का ट्राईफूड पार्क पूरे देश में एक आदर्श फूड पार्क के रूप में स्थापित होगा। जो अपने उच्च गुणवत्ता के उत्पादों के कारण बस्तर के नाम को पूरे देश और दुनिया को परचित करने के अलावा स्वरोजगार प्रदान कराने वाला महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। 


मंत्री मुंडा ने कहा कि ट्राईफूड प्रदेश में एक मात्र लघु वनोपज उत्पाद केन्द्र के रूप में इसके संकल्पना को साकार करने जा रहा है। यह उत्पादन केन्द्र राज्य का मुख्य केंद्र बनेगा। इसके माध्यम से बड़ी संख्या में वनोपज उत्पाद को बाजार उपलब्ध होगा। 


ट्राईफूड के माध्यम से लघु वनोपज ऐथिनिक प्रोडेक्ट, हैंडीक्राप्ट, हैण्डलूम, आर्गेनिक फूड सप्लिमेंट के परिष्कृत उत्पाद को प्रस्तुत किया जाएगा। ट्राईफेड के माध्यम से राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में वनोपज आधारित वैल्यू एडेड उत्पाद को बेहतर स्थान मिलेगा। मुंडा ने कहा कि ट्राईफेड की शुरूआत के समय 7 उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया था, वर्तमान में 50 से ज्यादा उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। इस अवसर पर उन्होंने बहुत ही कम अवधि में इस बेहतरीन फूड पार्क स्थापना के लिए जिला प्रशासन और कलेक्टर रजत बंसल के कार्यों की प्रशंसा की।


सांसद दीपक बैज ने कार्यक्रम में कहा कि बस्तर अपने गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत और बहुमूल्य वन सम्पदा के कारण पूरे देश में विख्यात है। यहां पर चार चिरौंजी, टोरा जैसे बेस कीमती और बहुमूल्य वनोपज उपलब्ध है। राज्य सरकार के द्वारा वनोपज एवं वन उत्पादों को संग्रहणकर्ताओं के घरों से ही खरीदने की व्यवस्था की गई है। जिससे कि संग्रहणकर्ताओं को इन उत्पादों का उचित दाम मिलने के साथ-साथ उन्हें विपणन की भी सुविधा मिल सके। इस अवसर पर ट्राईफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण ने ट्राईफेड के कार्यों और उद्देश्यों की जानकारी देते हुए कहा कि बाबू सेमरा का यह फूड पार्क पूरे देश के लिए रोल मॉडल बनेगा।


कार्यक्रम में प्रबंध निदेशक छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संजय शुक्ला, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डी आनंद बाबू, कमिश्नर जीआर चुरेंद्र, सीसीएफ मोहम्मद शाहीद, कलेक्टर रजत बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र मीणा, वन मंडलाधिकारी स्टायलो मण्ड़ावी, सीईओ जिला पंचायत ऋचा प्रकाश चौधरी सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

केंद्रीय मंत्री मुंडा ने की बस्तरिया उत्पादों की प्रशंसा

जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सेमरा ट्राईफेड में लगाए गए स्टाल में बस्तरिया उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और यहां के उत्पादों की सराहना की। उन्होंने यहां वनधन विकास समिति से जुड़ी स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा ईमली, काजू, तैलीय बीज, मुसली और महुआ के प्रसंस्करण के साथ ही गढ़ कलेवा के स्थानीय व्यंजन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा स्थापित शबरी के हस्तशिल्प, बस्तर कलागुड़ी कलाकृतियां, रेशम उत्पादन, हरिहर बस्तर के उत्पाद, ट्राईब्स इंडिया के उत्पाद, बस्तर पपीता, बस्तर कॉफी, बांस कला केंद्र और हथकरघा से तैयार उत्पादों का अवलोकन किया।

वनधन विकास केंद्रों को मिला सम्मान

ट्राईफेड द्वारा आयोजित वनधन सम्मेलन 2021 में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने वन धन विकास केंद्रों को 5 वर्ग में संचालन के पैमाना, उत्पाद का अधिकतम बिक्री, मूल्य वर्धित वस्तुओं की श्रेणी, एमएफपी योजना के तहत् समर्थन मूल्य पर खरीदी एवं मार्केटिंग के लिए नवाचार और रचनात्मक विचार के आधार पर सम्मानित किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिले से वन धन केंद्र कुरूंदी, बकावंड, घोटिया और धुरागांव को अवार्ड प्रदान किया गया। इसके अलावा राज्य के वन धन केंद्र कडेना धरमजयगढ़, वन धन केंद्र गरियाबंद, वन धन केंद्र डोंगानाला कटघोरा, वन धन केंद्र बरोडा बलौदा बाजार, वन धन केंद्र कौरिनभाटा राजनांदगांव, वन धन केंद्र दुगली धमतरी, वन धन केंद्र नारायणपुर, वन धन केंद्र पनचक्की जशपुर को भी विभिन्न वर्गो में अवार्ड दिए गए।

प्रतिभावान छात्रों को किया सम्मानित

जनजाति कार्य केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा ट्राईफेड के कार्यक्रम में प्रयास आवासीय विद्यालय जगदलपुर और बालक क्रीड़ा परिसर धरमपुरा के प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित किया गया। जिसमें प्रयास आवासीय विद्यालय के प्रतिभावान छात्र डिकेश कुमार ने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होकर आईआईटी खडगपुर, मोहेन्द्र दीवान और अनुराम मेडिकल प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होकर सिम्स मेडिकल कॉलेज बिलासपुर में अध्ययनरत है। 

केंद्रीय मंत्री ने ली अधिकारियों की बैठक

इसी प्रकार बालक क्रीड़ा परिसर धरमपुरा के छात्र अर्जुन कर्मा ने राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता साल 2018-19 में तथा पदम कश्यप ने राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता साल 2017-18 में बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। कार्यक्रम में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त एकलव्य विद्यालय के शिक्षक प्रमोद शुक्ला, पर्वतारोही नैना धाकड़, होम स्टे के जरिए आजीविका को बेहतर बनाने वाली पर्यटन समिति और सीएफआरआर भूमि पंजीकरण धारक किसानों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के बाद ट्राईफेड फुड पार्क में स्थित कांफ्रेंस हॉल में केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों की बैठक ली।

पुलिस मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर, चंदनबाहरा में नक्सलियों ने युवक को उतारा मौत के घाट

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छत्तीसगढ़ के बस्तर में पुलिस बल ने मुठभेड़ में 1 नक्सली को मार गिराया है। जानकारी के मुताबिक दंडकारण्य के चारला के जंगलों में पुलिस के जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। मुठभेड़ छत्तीसगढ़ से लगे तेलंगाना सीमा पर हुई है। जिसमें एक नक्सली को मार गिराया गया। यह पूरा मामला कोत्तागुडंम जिले के भदराद्रि थाना क्षेत्र का है। इसकी पुष्टि एसपी सुनील दत्त ने की है।


वहीं छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक बार फिर नक्सलियों की कायराना करतूत (naxalites attacks) सामने आई है। बता दें कि जिले के चंदनबाहरा में  नक्सलियों ने एक युवक को मौत के घाट उतार दिया है। घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत गई है। बता दें कि बीते कुछ महीनों में नक्सलियों ने अब तक मुखबिरी के शक पर करीब 5 ग्रामीणों को मौत के घाट उतारा है। ऐसे में नक्सली गतिविधियों को हत्या की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस प्रशासन के समक्ष चुनौती खड़ी हो गई है।

शहीदी सप्ताह मना रहे नक्सली

बता दें कि नक्सलियों की ओर 28 जुलाई से लेकर 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसके तहत वे लोगों के बीच दहशत कायम करने और अपने गतिविधियों को बढ़ाने के लिए इस तरह की घटनाओं को लगातार अंजाम दे रहे हैं। बीते दिनों वनांचल क्षेत्र के ग्राम कारीपानी में शहीद सप्ताह का बैनर पोस्टर फेंककर दहशत फैलाने की कोशिश की थी। हालांकि पुलिस प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर बैनर पोस्टर तो हटा लिया, लेकिन नक्सली उनके हाथ नहीं लगे। शायद यही वजह है कि उनके हौसले बुलंद हैं। 

जंगलों में सर्चिंग ऑपरेशन जारी

नक्सलियों की लगातार गतिविधियां होने से आसपास के ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। मिली जानकारी के अनुसार हत्या की जानकारी मिलने पर एसपी प्रफुल्ल ठाकुर समेत आला अधिकारियों की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। मौका मुआयना कर आसपास के ग्रामीणों से भी इस मामले में पूछताछ की जा रही है। आसपास के जंगलों में सर्चिंग ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ पुलिस चला रही कई तरह के अभियान

बता दें कि नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस कई तरह के अभियान चला रही है, जिससे प्रभावित होकर कई नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे है। जबकि सूरक्षाबल के जवान कई नक्सलियों को गिरफ्तार भी कर रहे है, जिससे बौखलाएं नक्सली इस तरह के कायरना हरकत कर रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में बीते साल के मुताबले इस साल नक्सली हमले और गतिविधियां कम हुई है। वहीं छत्तीसगढ़ पुलिस और सरकार नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। 

नक्सली लगातार दे रहे वारदात को अंजाम

पुलिस की लगातार कार्रवाई से बौखलाए नक्सली लोगों में दहशत फैलाने के लिए लगातार किसी न किसी कायराना करतूत को अंजाम देने में लगे हुए हैं। नक्सली लगातार पुलिस की नाक के नीचे मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं।

5 साल में नक्सली हिंसा में इतने लोगों की गई जान

बीते 5 साल में छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा (Naxalite violence) में 1000 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 314 आम लोग भी शामिल हैं। इनका नक्सल आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था। वहीं 220 जवान शहीद हुए हैं, साथ ही 466 नक्सली भी मुठभेड़ में मारे गए हैं।

बस्तर के हस्तशिल्प को मिल रही नई पहचान, प्रोफेशनल डिजाइनरों की मदद से महिला समूह कर रहे नये-नये प्रयोग

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रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप बस्तर जिला प्रशासन द्वारा बस्तर की लोककला, शिल्पकला, संस्कृति, पर्यटन एवं अन्य स्थानीय कलाओं को देश-दुनिया मे पहचान दिलाने नित नये प्रयोग किये जा रहे हैं। वैसे तो बस्तर आर्ट देश-दुनिया मे पहले ही विख्यात है, पर उसका लाभ स्थानीय कलाकारों को कम ही मिल पाता है। बस्तर आर्ट की अन्य राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी जबरदस्त मांग है, पर मार्केटिंग की बारीकियों की जानकारी न होने की वजह से शिल्पकारों को उनकी मेहनत का उचित दाम नहीं मिल पाता है।





उल्लेखनीय है कि ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार के निर्देशन में आमचो बस्तर की भावना को केंद्र में रखते हुये जिला प्रशासन नित नये प्रयोग कर रहा है। जिसमें महिला समूह को निर्माण, यूनिक डिजाइन, मार्केटिंग, एकाउंटिंग में प्रशिक्षण देकर उसे आकर्षक एवं बाजार के मांग अनुरूप सामग्रियां और वैल्यू एडेड उत्पादों का निर्माण करवाया जा रहा है। वर्तमान में महिला समूह के उत्पादों की मार्केटिंग हेतु ट्राईफेड, बस्तर कला गुड़ी, ट्राइबल टोकनी, लोका बाजार, सॉफ्टवेयर, पंखुड़ी सेवा समिति, अमचो बस्तर बाजार, सहित अन्य संबंधित संस्थानों से अनुबंध करवाया गया है, जिसका अच्छा प्रतिफल मिल भी रहा है।





बस्तर में समूह से जुड़ी महिलाएं इन दिनों कलाकृतियों में वैल्यू अडिशन करने में जुटी हुई है। पूर्व से प्रचलित बाँस कला, मृदा कला, टेराकोटा, तुम्बा आर्ट, सीसल कला, हस्त निर्मित अगरबत्तियां एवं धूपबत्ती और ढोकरा क्राफ्ट के नये आकर्षक डिजाइनों से संभावनाओं को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। बस्तर कलेक्टर श्री रजत बंसल ने बताया कि परंपरागत एवं नए डिजाइन के प्रोडक्ट्स की अच्छी मांग आ रही है।





सोशल और डिजिटल प्लेटफार्म में प्रोडक्ट्स के प्रचार से विक्रय में भी बढ़ोत्तरी हुई है। हम निरंतर मार्केटिंग सिस्टम को मजबूत बनाने में जुटे हुए हैं। बस्तर हस्तशिल्प को पर्यटन से जोड़ने की भी जिला प्रशासन की योजना है इसके तहत मुख्य पर्यटन स्थलों मे सुविनियर शॉप खोले जाएंगे, जिसमें बस्तर की सभी कलाकृतियों को प्रदर्शन व विक्रय हेतु रखा जाएगा। बस्तर जिला प्रशासन की इस पहल से एक ओर जहाँ दिशा खो रही बस्तर हस्तशिल्प को एक नई दशा और दिशा मिलेगी। साथ ही हस्तशिल्पियों को निरंतर काम और आजीविका में भी वृद्धि होगी। जिससे भावी पीढ़ी बस्तर हस्तशिल्प को आजीविका के रूप में अपनाने के लिए भी प्रेरित होगी।


छत्तीसगढ़ : नक्सलियों की मांद में बिछ रहा 700 किमी सड़कों का जाल

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नई दिल्ली। पहले जहां बस्तर के नक्सल प्रभावित पहुँचविहीन क्षेत्रों में पैदल चलना मुश्किल था, अब वहां सड़क है, बिजली है, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं हैं। लेकिन कुछ साल पहले तक यह सब बुनियादी सुविधाएं यहां के लोगों के लिए सपना था। इस सपने को हकीकत में बदलने का प्रयास किया है प्रशासन ने।





विकास कार्यों को गति देने के लिए बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले दो सालों में 28 सुरक्षा बलों के कैम्प स्थापित किये गए हैं। इन कैम्पों के स्थापना से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों में तेजी आ पाई है।









दिसंबर 2018 से अब तक नक्सल प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों में 21 सड़क बनाये गए हैं। बीजापुर-आवापल्ली-जगरगुंडा रोड, नारायणपुर-पल्ली-बारसूर रोड, अंतागढ़- बेड़मा रोड, चिन्तानपल्ली-नयापारा रोड, चिंतल नार-मड़ाई गुड़ा रोड, कोंटा-गोल्ला पल्ली रोड आदि पर लगभग 700 किमी सड़कों का जाल बिछा कर दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ा जा रहा है।





वहीं, कोरोना काल के लॉकडाउन के दौरान बस्तर के धुर नक्सल इलाकों में 450 किमी सड़कों का काम पूरा किया गया है। 132 पुल-पुलिया का भी निर्माण कराया गया है। यह सड़कें ऐसे इलाकों में बनी हैं जो नक्सलियों के कब्जे में रहे थे। छोटे पुलों के साथ ही इंद्रावती नदी पर निर्माणाधीन चार बड़े पुलों में से एक छिंदनार के पुल का काम लगभग पूरा हो चुका है। यह पुल जून के आखिरी सप्ताह तक आम जनता के लिए खुल जाएगा। इसके बनने से दंतेवाड़ा की ओर से अबूझमाड़ के जंगलों का रास्ता खुल जाएगा। नदी के उस पार सड़क का काम चल रहा है। इस सड़क के बनने से करका, हांदावाड़ा समेत एक दर्जन गांव जुड़ जाएंगे।





बस्तर में नक्सलवाद पर अंकुश लगाने के लिए सुरक्षा-बलों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में कैंप स्थापित किए जाने की जो रणनीति अपनाई गई है, उसने अब नक्सलवादियों को अब एक छोटे से दायरे में समेट कर रखा दिया है। इनमें से ज्यादातर कैंप ऐसे दुर्गम इलाकों में स्थापित किए गए हैं, जहां नक्सलवादियों के खौफ के कारण विकास नहीं पहुंच पा रहा था। अब इन क्षेत्रों में भी सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है, यातायात सुगम हो रहा है, शासन की योजनाएं प्रभावी तरीके से ग्रामीणों तक पहुंच रही हैं, अंदरुनी इलाकों का परिदृश्य भी अब बदल रहा है।









आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि नए कैम्पों के स्थापना से आदिवासियों के जीवन में बदलाव आया है। इंद्रावती नदी पर चार पुल बनाये जा रहे हैं। आजादी के बाद से अब तक इंद्रावती नदी पर 200 किमी में सिर्फ 3 पुल थे, जो कि अगले साल तक सात हो जाएंगे।
इसी तरह पिछले 30 सालों से बंद पड़ी पल्ली-बारसूर रोड, बासागुड़ा-जगरगुंडा रोड, उसूर-पामेड़ रोड सरकार ने सुरक्षा बलों के कैम्प लगा कर खुलवाए हैं।


कृषि की नई तकनीक से वनांचल के किसान आमदनी में कर रहे हैं इजाफा, संवरी इस किसान की जिन्दगी

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छत्तीसगढ़ में कृषि की नई तकनीक (New techniques of farming in Chhattisgarh) ने किसानों को समृद्धि की नई राह दिखाई है। प्रदेश के दूरस्थ जिला सुकमा जिले के उरमापाल के किसान भीमा को समृद्धि की इस नई राह को दिखाने में कृषि विभाग की आत्मा योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुकमा में छिन्दगढ़ विकासखण्ड के कृषकों द्वारा ही सबसे अधिक धान की खेती की जाती हैं। परन्तु अब इस क्षेत्र के किसान धान के अलावा भी अन्य फसल के माध्यम से अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं। भीमा मण्डावी जैसे युवाओं ने आधुनिक कृषि को अपनाकर न केवल स्वयं समृद्धि की राह पर कदम बढ़ाया है, बल्कि क्षेत्र के युवा कृषकों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत और मार्गदर्शक बन रहें हैं।





भीमा मण्डावी ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा संचालित एक्सटेंशन रिफॉर्म्स (आत्मा) योजनांतर्गत जिला स्तरीय प्रशिक्षण तथा विकासखण्ड स्तरीय प्रशिक्षण एवं शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा कृषकों को आधुनिक तकनीक से अच्छी पैदावार लेने के तरीके सीखाए गए। इसके साथ ही खेत में जैविक खाद के उपयोग से फसल उत्पादकता बढ़ाकर लाभ कमाने का प्रशिक्षण भी दिया गया। भीमा ने विकासखण्ड स्तरीय प्रशिक्षण में भाग लेकर आधुनिक खेती के बारे मे तकनीकी ज्ञान पाया और फिर अपने खेत पर उन तकनीक का प्रयोग करने लगे। वे अब आधुनिक कृषि का प्रशिक्षण लेने के साथ ही शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि खेती में अच्छी पैदावार से भीमा की आय लगभग दोगुनी हो गई।





भीमा अपने 2.5 एकड़ कृषि योग्य भूमि में 4 साल से साग भाजी की खेती करते हैं। उन्होंने बताया कि वे प्रति वर्ष बैंगन, भिंडी, टमाटर, बरबट्टी, लौकी, करेला आदि की फसल लेते हैं। पूर्व में खेती के लिए भीमा वर्षा पर निर्भर था। वर्षा आधारित खेती से वे थोड़ी बहुत सब्जियों का उत्पादन कर पाते थे जो केवल घर उपयोग मात्र ही होता था। कड़ी मेहनत के बावजूद उन्हें आय में कोई लाभ नहीं मिल रहा था। वर्ष 2016 में क्रेडा विभाग के माध्यम से सौर सुजला योजना का लाभा मिला जिससे वर्षा पर उनकी निर्भरता खत्म हो गई और बड़ी आसानी से वह अपने खेत में लगे फसलों को आवश्यकतानुसार पानी उपलब्ध कराने लगे। सिंचाई में हुई इस सुविधा से भीमा अब साल में दो बार फसल का उत्पादन करने लगे हैं जिससे उन्हें अधिक आय प्राप्त होने लगी है।





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उन्होंने कहा कि आत्मा योजना से उन्नत तकनीकी (New techniques of farming in Chhattisgarh) से खेती करने पर अन्य कृषक प्रभावित होकर इस नई तकनीक की ओर अग्रसर हो रहे हैं तथा कृषि कार्यों में पहले की अपेक्षा काफी सुधार होता जा रहा है। जिससे ग्राम उरमापाल के सभी किसान कृषि की बदलती परिस्थितियों को अपनाकर कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।





कृषक भीमा मण्डावी ने बताया कि गत वर्ष उन्होंने सब्जी बेचकर लगभग 90 हजार की शुद्ध आमदनी हुई थी जिसमें 15 हजार रूपए के बैंगन, 8 हजार रूपए की भिण्डी, 20 हजार रूपए बरबट्टी, 50 हजार रूपए की टमाटर की बिक्री हुई थी। इसके साथ ही केले की फसल से 1.5 लाख रूपए की शुद्ध आमदनी हुई थी। इस वर्ष भी उन्होंने बैंगन, भिंडी, टमाटर, बरबट्टी, लौकी, करेला आदि की फसल ली है। जिसकी पैदावार शुरु हो चुकी है, अब तक उन्होंने 3 हजार की सब्जियाँ बेचकर की आमदनी की है। गतवर्ष की भाँति इस वर्ष भी अधिक आमदनी की उम्मीद है। नजदीकी गांव, स्थानीय बाजार से लेकर सुकमा तक उनके सब्जियों की मांग है, वहीं कई ग्राहक घर में ही आकर उनसे सब्जियां खरीदते हैं। वे क्षेत्र के युवा कृषकों को भी अपने अनुभव साझा करते हुए उन्नत कृषि के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं साथ ही अपने कार्य को लगातार बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं।





कृषक भीमा मण्डावी ने शासन प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार कृषकों के हित में कई योजनाएं क्रियान्वित कर रही हैं जिसका लाभ कृषकों को निश्चित तौर पर मिल रहा है। अब सुकमा के किसान भी धान और मक्का की फसल के अलावा भी अन्य फसलों की सफल खेती कर रहें हैं। जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है और जीवनस्तर बेहतर हुआ है।


अब बस्तर जिले में छः नए राजस्व निरीक्षक मंडल बनेंगे

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छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में राजस्व विभाग के प्रशासनिक काम-काज को जनसामान्य की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए वहां छः नए राजस्व मंडलों का गठन किया जाएगा। बस्तर जिले में बस्तर तहसील में लामकेर एवं मुण्डागांव लोहण्डीगुड़ा तहसील में मारडूम बास्तानार तहसील में बड़े किलेपाल दरभा तहसील में नेगानार और तोकापाल तहसील में करंजी राजस्व निरीक्षक मंडल का गठन किया जाएगा। इससे बस्तर जिलें में राजस्व निरीक्षक मंडलों का संख्यां 14 से बढ़कर 20 हो जाएगी। राजस्व निरीक्षक मंडल के पुनर्गठन का प्रस्ताव जिले के सर्व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं सर्व तहसीलदार के न्यायालय में उपलब्ध है।





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उक्त प्रस्ताव के संबंध में किसी भी व्यक्ति, या संस्था को किसी प्रकार का दावा आपत्ति हो तो इस उद्घोषणा के प्रकाशन के 15 दिवस के भीतर जिला बस्तर के कलेक्टर कार्यालय की रीडर शाखा में न्यायालयीन समय में उपस्थित होकर अपना दावा आपत्ति प्रस्तुत कर सकते हैं। नियत अवधि के समापन पश्चात किसी भी दावा आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा।

बीजापुर और सुकमा हुआ कोरोना 'मुक्त', 6 एक्टिव मरीज डिस्चार्ज

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बस्तर से बुधवार की देर रात राहत की बड़ी खबर आई। छत्तीसगढ़ में पहली बार एक साथ 2 जिले कोरोना मुक्त हो गए। बीजापुर के 2 और सुकमा के 4 मरीजों के स्वस्थ होते ही एक्टिव मरीजों की संख्या शून्य हो गई।





इन दोनों जिलों में बीते कई दिनों से एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं मिल रहे थे। यह स्थिति 17 फरवरी 2021 की है। यहां यह भी स्पष्ट करना जरूरी है कि इन दोनों जिलों में सैंपलिंग जारी है। अगर, रिपोर्ट पॉजिटिव आती हैं तो एक्टिव मरीजों की गिनती एक से शुरू होगी।





बता दें बस्तर संभाग में बहुत देरी से संक्रमण पहुंचा था। वहां दूसरे राज्यों से लौटे मजदूर ही संक्रमित पाए गए। आवाजाही कम होने की वजह से भी जिला प्रशासन संक्रमण पर नियंत्रण करने में सफल रहा।





बीजापुर में 4116 मरीज रिपोर्ट हुए और 28 जानें गईं, जबकि सुकमा में 4014 मरीज मिले 10 जानें गईं। गौरतलब है कि प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 3009 है। 22 सितंबर 2020, वह दिन था जब प्रदेश में 38912 एक्टिव मरीज थे।


31 जनवरी और 1 फरवरी को दंतेवाड़ा-सुकमा जिले के दौरे पर CM, रेडियो पर श्रोताओं के सवालों के जवाब देंगे स्वास्थ्य मंत्री

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 31 जनवरी और 01 फरवरी को दंतेवाड़ा और सुकमा जिले के दौरे(CM Dantewada and Sukma Tour) पर रहेंगे। CM बघेल निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक रायपुर से आज सुबह 11.15 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर 12.35 बजे दंतेवाड़ा पहुंचेंगे और वहां नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री दोपहर 1.10 बजे गामावाड़ा में देवगुड़ी के लोकार्पण करेंगे और 2.20 बजे दंतेवाड़ा के हाई स्कूल मैदान में आयोजित आमसभा को सम्बोधित करेंगे।





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सीएम बघेल शाम 4.35 बजे मां दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन करने के बाद तालाब सौंदर्यीकरण कार्य का लोकार्पण करेंगे और 5.20 बजे क्रिकेट टूर्नामेंट के समापन कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री शाम 5.50 बजे विभिन्न संगठन प्रमुखों, समाज प्रमुखों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद दंतेवाड़ा में रात्रि विश्राम करेंगे।









मुख्यमंत्री बघेल 01 फरवरी को सुबह 10.45 बजे पातररास में सर्व छत्तीसगढ़िया समाज-एकता परिसर का भूमिपूजन करने के बाद 11.30 बजे दंतेवाड़ा से हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर 12 बजे सुकमा ज्ञानोदय परिसर पहुंचेंगे और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल सुकमा का लोकार्पण करेंगे।





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मुख्यमंत्री दोपहर 12.30 बजे विवेकानंद युवा शक्ति परिसर में जिला ग्रंथालय का लोकार्पण करने के बाद सुकमा स्टडी क्लब में छात्रों से चर्चा करेंगे और फिटनेस सेंटर का अवलोकन करेंगे। इसके बाद वे दोपहर 1 बजे मिनी स्टेडियम सुकमा में विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास के बाद आमसभा को सम्बोधित करेंगे।





सीएम इन कार्यक्रमों में होंगे शामिल(CM Dantewada and Sukma Tour)





कार्यक्रम स्थल पर वे विभिन्न विभागों की विकास प्रदर्शनी का अवलोकन और हितग्राहियों को सामग्री वितरण भी करेंगे। मुख्यमंत्री दोपहर 2.35 बजे गादीरास रोड के समीप सर्व आदिवासी समाज के नवीन भवन का लोकार्पण करने के बाद 3.05 बजे सर्किट हाउस में विभिन्न समाज प्रमुखों से मुलाकात करेंगे। बघेल शाम 4.05 बजे सुकमा से हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर 5.30 बजे रायपुर लौटेंगे।





रेडियो पर श्रोताओं के सवालों के जवाब देंगे स्वास्थ्य मंत्री





पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव रेडियो पर 31 जनवरी यानी आज प्रसारित होने वाले 'हमर ग्रामसभा' कार्यक्रम में श्रोताओं के सवालों के जवाब देंगे। वे शाम साढ़े सात बजे से आठ बजे तक आकाशवाणी रायपुर से प्रसारित इस विशेष कार्यक्रम में व्हाट्सएप के माध्यम से श्रोताओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देंगे।









मंत्री सिंहदेव कार्यक्रम में राज्य शासन की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में श्रोताओं की जिज्ञासाओं का समाधान भी करेंगे। कार्यक्रम को मीडियम वेब 981 किलोहर्ट्ज पर सुना जा सकता है। छत्तीसगढ़ में स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्र एक साथ इस कार्यक्रम को रिले करेंगे।


बस्तर में वैक्सीन लूटने के ताक में बैठे नक्सली, सुरक्षा के लिए बढ़ाई गई जवानों की संख्या

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बस्तर। छत्तीसगढ़ में आज यानी 16 जनवरी से कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हो चुकी है। प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बस्तर संभाग (Vaccination in bastar) के अंदरूनी केंद्रों तक वैक्सीन पहुंचाना है। वैक्सीनेशन के लिए तैयारियों के बीच दो दिन पहले जारी हुए खुफिया इनपुट ने अलार्म बजा दिया है। खबर है कि नक्सली कोरोना वैक्सीन लूटने की तैयारी में हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उन्हें भी शक है कि कोरोना के खतरे के बीच नक्सली वैक्सीन की लूट जैसी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। वैक्सीन को सुरक्षित रूप से केंद्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी बस्तर पुलिस के कंधों पर आ गई है।





नक्सली भी हुए कोरोना के शिकार






छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में कई नक्सल प्रभावित जिलें है। समय- समय पर नक्सलियों के कोरोना की चपेट में आने की खबरें भी आती रहीं हैं। लॉकडाउन के दौरान बीजापुर जिले के मोदकपाल इलाके में एक महिला नक्सली कमांडर जंगल में मिली थी, जिसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। इससे पता चल गया था कि कोरोना से नक्सली (Naxals get covid positive) भी नहीं बचे हैं। लिहाजा पुलिस प्रशासन को आशंका है कि नक्सली कोरोना वैक्सीन लूट सकते हैं।





20 माह की बच्ची दे गई 5 लोगों को जीवनदान, बनी अब तक की सबसे कम उम्र की “कैडेवर डोनर”





बधाई गई जवानों की तैनाती






बस्तर पुलिस के मुताबिक वैक्सीनेशन (Vaccination in bastar) के दौरान पूरे बस्तर संभाग में 2 हजार से ज्यादा सुरक्षा बलों को तैनात करने की तैयारी की जा रही है। राज्य की पुलिस के साथ-साथ बस्तर में नक्सलियों से लोहा लेने के लिए CRPF, STF, BSF, CAF और DRG के जवान की तैनाती भी की जा रही है। पुलिस प्रशासन का दावा है कि कोविड वैक्सीन को पूरी सुरक्षा के बीच केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा। परिवहन से लेकर केंद्रों तक में अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी की जाएगी। पहले वैक्सीनेशन के लिए 500 जवानों को सुरक्षा में लगाया गया था। अब जवानों की संख्या बढ़ाकर 2 हजार से भी ज्यादा कर दी गई है।





इन जिलों में बरती जाएगी विशेष सतर्कता






आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि बस्तर (Bastar News) के लोगों को कोरोना के खतरे से बचाने के लिए वैक्सीन पहुंचाना भी बहुत ही जरूरी है। वैक्सीन सुरक्षित कोल्ड चेन पॉइंट और केंद्रों तक पहुंचाने के लिए जो भी हो सकेगा, उसे पुलिस करेगी। बस्तर के बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और नारायणपुर जिले में विशेष सतर्कता बरती जाएगी।


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