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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किए तीन क्रांतिकारी स्वदेशी नवाचार — QSIP, क्वांटम चिप और CAR-T सेल थेरेपी

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माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को भेंट की तीन अभूतपूर्व नवाचार उपलब्धियां — QSIP: भारत की अपनी क्वांटम सुरक्षा चिप, 25-क्यूबिट QPU: भारत की पहली क्वांटम कंप्यूटिंग चिप और CAR-T सेल थेरेपी: भारत की पहली स्वदेशी कैंसर सेल थेरेपी

चल रहे Emerging Science, Technology & Innovation Conclave (ESTIC 2025) के दौरान माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को तीन ऐतिहासिक नवाचार उपलब्धियां समर्पित कीं —

  1. QSIP (Quantum Security in Package) : भारत की अपनी क्वांटम सुरक्षा चिप।
  2. 25-क्यूबिट QPU (Quantum Processing Unit) : भारत की पहली क्वांटम कंप्यूटिंग चिप, जो भविष्य की कंप्यूटेशन शक्ति का प्रतीक है।
  3. CAR-T सेल थेरेपी : भारत की पहली स्वदेशी कैंसर सेल थेरेपी, जिसे भारतीय वैज्ञानिकों ने विकसित किया है।

इनमें से NexCAR19, जो विश्व की पहली humanised CAR-T therapy है, भारत में ImmunoACT द्वारा विकसित की गई है — यह वास्तव में “Made in India, for the World” नवाचार का उदाहरण है। इस परियोजना को Department of Biotechnology (DBT) और BIRAC द्वारा समर्थन प्राप्त हुआ है।

CAR-T सेल थेरेपी (Chimeric Antigen Receptor T-cell therapy) कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति बनकर उभरी है। विश्वभर में किए गए क्लिनिकल ट्रायल्स ने दर्शाया है कि यह थेरेपी Acute Lymphocytic Leukemia जैसे गंभीर कैंसर रोगियों में अत्यंत प्रभावी साबित हुई है।

NexCAR19, भारत की पहली living drug, ने जीन थेरेपी को न केवल किफायती बल्कि सुलभ भी बनाया है, जबकि वैज्ञानिक गुणवत्ता और रोगी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया गया है।

ImmunoACT, जो IIT बॉम्बे की एक स्पिन-ऑफ स्टार्टअप है, को BIRAC के BioNest Initiative के तहत वित्तीय सहायता, मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान किए गए, जब यह Society for Innovation and Entrepreneurship (SINE), IIT बॉम्बे के Technology Business Incubator में इनक्यूबेट की जा रही थी।

वर्ष 2021 में, भारत की पहली CAR-T थेरेपी के Lentivirus manufacturing और clinical trial के लिए DBT और BIRAC ने National Biopharma Mission के तहत आंशिक सहायता प्रदान की। यह परीक्षण ACTREC Centre, टाटा मेमोरियल अस्पताल में TMC-IIT Bombay Team द्वारा किया गया, जिसमें ImmunoACT निर्माण भागीदार के रूप में कार्यरत है।

हाल ही में, DBT ने BioE3 Policy के तहत Biomanufacturing initiative के माध्यम से ImmunoACT को 200-लीटर GMP lentiviral vector and plasmid प्लेटफॉर्म स्थापित करने हेतु वित्त पोषण प्रदान किया है। इस प्लेटफॉर्म से उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और थेरेपी की लागत कम होगी। अनुमान है कि यह GMP ग्रेड gene delivery vector प्रति वर्ष कम से कम 1000 रोगियों की मदद कर सकेगा।

DBT प्रारंभिक एवं उन्नत translational research को भी बढ़ावा दे रहा है ताकि देश में CAR-T आधारित थेरेप्यूटिक्स विकसित कर विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे Multiple Myeloma (MM), Acute Lymphocytic Leukemia, B-cell Acute Lymphoblastic Leukemia, glioblastoma आदि का उपचार किया जा सके।

यह पहल भारत को कैंसर उपचार में आत्मनिर्भर और वैश्विक अग्रणी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

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