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भारतीय महासागर क्षेत्र में सहयोग और सूचना साझाकरण को सुदृढ़ करने हेतु ‘समुद्री सुरक्षा संगोष्ठी’ का सफल समापन

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समुद्री सूचना साझाकरण कार्यशाला (Maritime Information Sharing Workshop – MISW 25) के अंतर्गत आयोजित समुद्री सुरक्षा संगोष्ठी का समापन 4 नवम्बर 2025 को हुआ। “भारतीय महासागर क्षेत्र में रीयल-टाइम समन्वय और सूचना साझाकरण को सुदृढ़ करना” विषय पर आधारित यह तीन दिवसीय कार्यशाला (3 से 5 नवम्बर 2025) IFC–IOR द्वारा आयोजित की जा रही है, जिसमें 30 देशों के 57 से अधिक प्रतिनिधि, तथा IORA, DCoC/JA और BIMSTEC संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

कार्यक्रम का शुभारंभ उप नौसेनाध्यक्ष वाइस एडमिरल तरुण सोबती के उद्घाटन संबोधन से हुआ, जिसमें उन्होंने भारतीय महासागर क्षेत्र में उभरती समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग, पारस्परिकता और विश्वास-आधारित साझेदारी की आवश्यकता पर बल दिया। इसके बाद सुशील मंसिंग खोपड़े, आईपीएस, अतिरिक्त महानिदेशक (नौवहन महानिदेशालय) ने मुख्य वक्ता के रूप में भारत की समुद्री पहलों और सहयोगात्मक सहभागिता व नियामक समन्वय के माध्यम से क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला।

दो दिवसीय संगोष्ठी के दौरान प्रतिभागियों ने समुद्री सुरक्षा परिदृश्य को आकार देने वाले विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया, जिनमें क्षेत्रीय सुरक्षा गतिशीलता, सूचना नेटवर्क की भूमिका, संचालनात्मक समन्वय, समुद्री कानून, उद्योग दृष्टिकोण, और अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराध जैसे मुद्दे शामिल थे। सत्रों में तकनीकी एकीकरण, डेटा पारस्परिकता और सामूहिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर बल दिया गया ताकि एक मजबूत और संवेदनशील समुद्री सुरक्षा ढांचा तैयार किया जा सके।

कार्यक्रम का समापन रियर एडमिरल निर्भय बापना (CS NCO) के संबोधन से हुआ, जिन्होंने क्षेत्रीय सूचना साझाकरण ढांचों के बीच तालमेल की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सहयोग और निरंतर संवाद सुरक्षित और स्थिर समुद्री क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

5 नवम्बर 2025 को IFC–IOR में एक टेबल टॉप एक्सरसाइज (TTX) आयोजित की जाएगी, जिसमें सूचना साझाकरण, पारस्परिकता और समन्वित प्रतिक्रिया के सिद्धांतों का अभ्यास किया जाएगा। यह अभ्यास भारत में विकसित Maritime Analytical Tool for Regional Awareness (MANTRA) सॉफ्टवेयर पर आधारित होगा। प्रतिभागियों को समुद्री डकैती, नशीले पदार्थों की तस्करी, अनियमित मानव प्रवास और समुद्र में आपात स्थितियों जैसे काल्पनिक परिदृश्यों से निपटने का कार्य सौंपा जाएगा। इस अभ्यास का उद्देश्य बहु-एजेंसी समन्वय, त्वरित सूचना साझाकरण, और संगठित प्रतिक्रिया योजना को सुदृढ़ करना है ताकि रीयल-टाइम सूचना साझाकरण के माध्यम से प्रभावी समुद्री सुरक्षा परिणाम प्राप्त किए जा सकें।

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