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भारत में नर्सिंग शिक्षा और कार्यबल सुदृढ़ीकरण की दिशा में बड़ा कदम: स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अनुभव साझा कार्यशाला का आयोजन

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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने झाइपाइगो (Jhpiego) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से “भारत में नर्सिंग पारिस्थितिकी तंत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने” पर अनुभव साझा कार्यशाला का आयोजन नई दिल्ली में किया।

यह बहुदिवसीय कार्यशाला 12 नवम्बर 2025 से प्रारंभ हुई, जिसमें केंद्र एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी, नर्सिंग क्षेत्र के नेता, शिक्षाविद् एवं विकास सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यशाला का उद्देश्य भारत की नर्सिंग कार्यबल, शिक्षा प्रणाली और सुशासन तंत्र को मजबूत बनाने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना है।

पहले दिन की प्रमुख बातें

पहले दिन नर्सिंग शिक्षा सुधार और कार्यबल सुदृढ़ीकरण पर व्यापक चर्चा हुई। प्रतिभागियों ने इस बात पर जोर दिया कि नर्सिंग शिक्षा की प्रक्रिया, संरचना और परिणामों में सुधार की आवश्यकता है ताकि भविष्य के लिए सक्षम और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी नर्सिंग कार्यबल तैयार किया जा सके।

दूसरे दिन की चर्चा

कार्यशाला के दूसरे दिन, राज्यों और संस्थानों द्वारा अपने अनुभव साझा किए गए। प्रस्तुतियों में कौशल आधारित पाठ्यक्रम, क्लिनिकल प्रशिक्षण हेतु सिमुलेशन लैब की स्थापना, मान्यता प्रणाली में राज्य स्तरीय सुधार, सतत् शिक्षा हेतु डिजिटल प्लेटफॉर्म और संगठित नर्सिंग शिक्षा कार्यक्रमों के उदाहरण साझा किए गए।

विचार-विमर्श के दौरान नर्सिंग नेतृत्व, गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी की भूमिका पर भी चर्चा की गई। समूह सत्रों में राज्यों ने अपनी विशिष्ट चुनौतियों और स्थानीय समाधान साझा किए, जिससे सफल मॉडलों की पहचान और उनके विस्तार के लिए ठोस सिफारिशें तैयार की जा सकीं।

अधिकारियों के वक्तव्य

स्वास्थ्य सेवाओं की महानिदेशक डॉ. दीपिका खाखा ने मंत्रालय की समावेशी नीति निर्माण प्रक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र, राज्य, शिक्षाविदों, नियामक संस्थाओं और भागीदार संगठनों की सहभागिता से नीतियाँ अधिक प्रभावी बनती हैं।

अकांक्षा रंजन, उप सचिव (नर्सिंग एवं डेंटल), स्वास्थ्य मंत्रालय ने “एक दृष्टि, एक एजेंडा: राष्ट्रीय–राज्य सहयोग के माध्यम से नर्सिंग और मिडवाइफरी को सशक्त बनाना” विषय पर बोलते हुए कहा कि केंद्र और राज्य के बीच मजबूत समन्वय ही नीति को जमीनी स्तर पर सफल बनाने की कुंजी है।

डॉ. अमित अरुण शाह, देश निदेशक, झाइपाइगो ने कहा कि कौशल आधारित शिक्षा, नेतृत्व विकास और डिजिटल नवाचार नर्सिंग कार्यबल को उत्तरदायी और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए आवश्यक हैं।

डॉ. खंदैत, उप निदेशक एवं कंट्री लीड, गेट्स फाउंडेशन ने नर्सिंग क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलावों की सराहना की और मंत्रालय, राज्यों एवं भागीदारों के सामूहिक प्रयासों को सराहा।

निष्कर्ष

यह कार्यशाला राज्यों और संस्थानों से प्राप्त अनुभवों को एकीकृत कर, सर्वोत्तम प्रथाओं को व्यापक रूप से अपनाने एवं लागू करने के लिए एक सशक्त, सक्षम और सशक्त नर्सिंग कार्यबल निर्माण की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगी।




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