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भारत बनेगा वैश्विक स्वास्थ्य अनुसंधान का अग्रणी केंद्र: केन्द्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया सिंह पटेल

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नई दिल्ली-केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया सिंह पटेल ने आज द्वितीय डीएचआर-आईसीएमआर हेल्थ रिसर्च एक्सीलेंस समिट 2025 में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधन किया। इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल भी उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में मंत्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का स्वास्थ्य अनुसंधान पारितंत्र अभूतपूर्व रूप से मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा, “पिछले एक दशक में भारत ने स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख भूमिका निभाई है। मेडटेक मित्रा, रोटावैक वैक्सीन और कोविड-19 टीकों जैसी पहलें भारत की वैज्ञानिक क्षमता और आत्मनिर्भरता का प्रमाण हैं।”

राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विज्ञान और अनुसंधान के लाभ देश के हर नागरिक तक पहुँचें। उन्होंने कहा कि भारत मेडटेक और बायोमेडिकल नवाचार में आत्मनिर्भर बन रहा है और अब केवल अनुसंधान ही नहीं कर रहा बल्कि समाधान भी दे रहा है।

मंत्री पटेल ने साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के महत्व पर बल देते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण क्लिनिकल गाइडलाइन्स और मानक देश के प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी तक पहुँचने चाहिए ताकि सस्ती और समान स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित की जा सकें।

उन्होंने कहा कि भारत का स्वास्थ्य तंत्र एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है और वैज्ञानिक समुदाय को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित प्रिसीजन हेल्थकेयर और जीनोमिक्स जैसी उन्नत तकनीकों के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने सभी शोधकर्ताओं और पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा, “भारत को न केवल वैश्विक विज्ञान में योगदान देना है बल्कि उसका नेतृत्व भी करना है।”

डॉ. वी. के. पॉल ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में वर्तमान में स्वस्थ आयु प्रत्याशा (Healthy Life Expectancy) 60 वर्ष है और विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप इसे 75 वर्ष से अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने डीएचआर और आईसीएमआर से आग्रह किया कि वे एनसीडी, हाइपरटेंशन, ट्रॉमा केयर जैसी प्राथमिक स्वास्थ्य चुनौतियों पर विशेष ध्यान दें।

उन्होंने आईसीएमआर को विश्व की शीर्ष तीन स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थाओं में शामिल करने, आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और फ्रंटियर टेक्नोलॉजी (AI, Robotics) को स्वास्थ्य समाधान में अपनाने का आह्वान किया।

इस अवसर पर कई प्रमुख पहलें लॉन्च की गईं —

  • मेडटेक मित्रा के इनोवेटर्स गाइडबुक फॉर इन-विट्रो डायग्नोस्टिक (IVD) मेडिकल डिवाइसेज

  • 11 नई स्वदेशी तकनीकों का तीन कंपनियों को ट्रांसफर, जिनमें निपाह, मंकीपॉक्स, कोविड-19, टीबी और डेंगू जैसे संक्रमणों की पहचान करने वाली अत्याधुनिक जांच तकनीकें शामिल हैं।

  • मानक उपचार कार्यप्रवाह (Standard Treatment Workflows) का नया, उपयोगकर्ता-अनुकूल डिजिटल संस्करण।

  • सहायक प्रौद्योगिकी (Assistive Technology) दिशानिर्देश और किट, जिसमें ICMR और IIT दिल्ली द्वारा विकसित एक्शन रिसर्च आर्म टेस्ट (ARAT) किट शामिल है, जो स्ट्रोक या न्यूरोलॉजिकल चोटों के बाद हाथ की कार्यक्षमता का आकलन करने में उपयोगी है।

  • राष्ट्रीय आवश्यक सहायक उत्पाद सूची (NLEAP) के लिए ICMR-BIS द्वारा विकसित मानक लॉन्च किए गए।

  • आईसीएमआर पेंशनर्स पोर्टल का शुभारंभ, जो पेंशनभोगियों के लिए एक एकीकृत डिजिटल मंच प्रदान करेगा।

समारोह में डीएचआर के सचिव एवं आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल, संयुक्त सचिव अनु नागर, वरिष्ठ उप महानिदेशक (प्रशासन) श्रीमती मनीषा सक्सेना और स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।



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