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डीआरडीओ नई दिल्ली में आयोजित ‘उदीयमान विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन (ESTIC) 2025’ में भाग ले रहा है

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) नई दिल्ली के भारत मंडपम में 3 से 5 नवंबर, 2025 तक आयोजित हो रहे Emerging Science, Technology and Innovation Conclave (ESTIC) 2025 में भाग ले रहा है। इस वर्ष सम्मेलन का विषय है – ‘विकसित भारत 2047: सतत नवाचार, तकनीकी प्रगति और सशक्तिकरण का मार्गदर्शन’, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 नवंबर, 2025 को किया। यह सम्मेलन भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के मार्गदर्शन में 13 मंत्रालयों एवं विभागों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।

उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री ने ₹1 लाख करोड़ अनुसंधान, विकास और नवाचार योजना कोष (RDI Scheme Fund) का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य निजी क्षेत्र आधारित अनुसंधान एवं नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ बनाना और भारत को वैश्विक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में विकसित करना है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर यह भी कहा कि सरकार निजी क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार प्रयासरत है।

सम्मेलन में अग्रणी वैज्ञानिकों के व्याख्यान, पैनल चर्चाएँ, प्रस्तुतियाँ और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी आयोजित की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य शोधकर्ताओं, उद्योग जगत और युवा नवोन्मेषकों के बीच सहयोग को सशक्त बनाना और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करना है।

मुख्य आयोजकों में से एक के रूप में DRDO ‘इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण’ पर थीमैटिक सत्र का नेतृत्व कर रहा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव एवं DRDO अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत 5 नवंबर, 2025 को इस विषय पर तकनीकी सत्र की अध्यक्षता करेंगे।

सेमीकंडक्टर आधुनिक तकनीकी पारिस्थितिकियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो स्वास्थ्य सेवा, संचार, परिवहन, रक्षा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में प्रमुख प्रणालियों को संचालित करते हैं। DRDO ने सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसमें 4-इंच सिलिकॉन कार्बाइड वेफर्स के स्वदेशी उत्पादन और गैलियम नाइट्राइड हाई इलेक्ट्रॉन मोबिलिटी ट्रांजिस्टर (HEMT) को 150 वॉट तक निर्मित करने की क्षमता शामिल है।

पैनल चर्चाओं में भाग लेने वाले अन्य DRDO अधिकारियों में विशिष्ट वैज्ञानिक एवं महानिदेशक (माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, कम्प्यूटेशनल सिस्टम्स एवं साइबर सिस्टम्स) श्रीमती सुमा वरुघीस, डिफेंस मेटालर्जिकल रिसर्च लेबोरेटरी, हैदराबाद के निदेशक डॉ. रामलिंगम बालामुरलीकृष्णन, और सॉलिड स्टेट फिजिक्स लेबोरेटरी, दिल्ली की वैज्ञानिक-जी डॉ. सोमन महाजन शामिल हैं।

ESTIC 2025 में शिक्षाविदों, अनुसंधान संस्थानों, उद्योग और सरकार से जुड़े 3,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं, जिनमें नोबेल पुरस्कार विजेता, प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, नवप्रवर्तक और नीति निर्माता भी सम्मिलित हैं। सम्मेलन में 11 प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा हो रही है, जिनमें उन्नत सामग्री और विनिर्माण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बायो-निर्माण, ब्लू इकोनॉमी, डिजिटल संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण, उभरती कृषि प्रौद्योगिकियाँ, ऊर्जा, पर्यावरण और जलवायु, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रौद्योगिकी, क्वांटम विज्ञान और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं।

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