Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

गुवाहाटी एयरपोर्ट का नया टर्मिनल: असम और पूर्वोत्तर के विकास का नया द्वार

Document Thumbnail

गुवाहाटी/नई दिल्ली- असम की कनेक्टिविटी, आर्थिक विस्तार और वैश्विक जुड़ाव में एक ऐतिहासिक उपलब्धि जोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुवाहाटी स्थित लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने इसे असम और पूरे पूर्वोत्तर के लिए “विकास और प्रगति का उत्सव” बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब विकास की रोशनी आम लोगों तक पहुंचती है, तो जीवन के हर मार्ग पर नई ऊंचाइयां छूने की शुरुआत होती है। उन्होंने असम की धरती से अपने गहरे जुड़ाव, यहां के लोगों के स्नेह और विशेष रूप से माताओं-बहनों के अपनत्व को अपनी प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि आज असम के विकास में एक और नया अध्याय जुड़ रहा है।

भारत रत्न भूपेन हज़ारिका की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रह्मपुत्र के तट चमकेंगे, अंधकार की हर दीवार टूटेगी—और यह संकल्प आज साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे ब्रह्मपुत्र की धारा कभी नहीं रुकती, वैसे ही केंद्र और राज्य सरकारों के नेतृत्व में असम में विकास की धारा भी निरंतर बह रही है।

प्रधानमंत्री ने कुछ समय पहले असम के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई की प्रतिमा के अनावरण का उल्लेख करते हुए कहा कि बोरदोलोई जी ने असम की पहचान, भविष्य और हितों से कभी समझौता नहीं किया। उनकी प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को असम पर गर्व करना सिखाएगी।

आधुनिक कनेक्टिविटी, नए अवसर

प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक हवाई अड्डे और उन्नत कनेक्टिविटी किसी भी राज्य के लिए नए अवसरों के द्वार खोलते हैं। उन्होंने कहा कि जब असम में भव्य हाइवे और एयरपोर्ट बनते हैं, तो लोगों को यह भरोसा होता है कि अब असम के साथ वास्तविक न्याय हो रहा है। उन्होंने पिछली सरकारों पर असम और पूर्वोत्तर की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि दशकों तक इस क्षेत्र को विकास से वंचित रखा गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में असम और पूर्वोत्तर में लाखों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं शुरू हुई हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि असम भारतीय न्याय संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है और 50 लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का रिकॉर्ड भी बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि आज युवाओं को बिना रिश्वत और सिफारिश के नौकरियां मिल रही हैं।

संस्कृति और विकास का संगम

प्रधानमंत्री ने असम की संस्कृति के संरक्षण और प्रचार पर जोर देते हुए 13 अप्रैल 2023 को एक साथ 11 हजार से अधिक कलाकारों द्वारा किए गए बिहू नृत्य को याद किया, जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास असम को नई पहचान दिला रहे हैं।

नए टर्मिनल की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि इससे गुवाहाटी और असम की क्षमता में बड़ा इजाफा होगा और सालाना 1.25 करोड़ से अधिक यात्री लाभान्वित होंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और मां कामाख्या के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि यह टर्मिनल “विकास के साथ विरासत” के मंत्र का सजीव उदाहरण है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि यह देश का पहला प्रकृति-थीम आधारित एयरपोर्ट टर्मिनल है, जिसमें हरियाली, इनडोर फॉरेस्ट और असम की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। बांस के व्यापक उपयोग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि बांस असम के जीवन का अभिन्न हिस्सा है और 2017 में बांस को ‘घास’ की श्रेणी में लाने के फैसले से आज यह भव्य संरचना संभव हो सकी है।

असम बनेगा भारत का ईस्टर्न गेटवे

प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर उद्योगों को बढ़ावा देता है, निवेशकों का भरोसा मजबूत करता है और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि आज असम असीम संभावनाओं की उड़ान भर रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत 2047 के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से काम कर रहा है और इसमें हर राज्य की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत असम आज भारत का ईस्टर्न गेटवे बन रहा है और ASEAN देशों से भारत को जोड़ने वाला सेतु बनकर उभर रहा है।

प्रधानमंत्री ने ब्रह्मपुत्र पर बने नए पुलों, रेलवे कनेक्टिविटी, वंदे भारत एक्सप्रेस, जलमार्गों और गंगा विलास क्रूज जैसी परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे असम की रणनीतिक और आर्थिक ताकत बढ़ी है। उन्होंने कहा कि जहां कभी हिंसा और पिछड़ापन था, वहां आज 4G-5G कनेक्टिविटी और विकास पहुंच रहा है।

नई शुरुआत का संदेश

प्रधानमंत्री ने कहा कि असम और पूर्वोत्तर की पहचान और संस्कृति की रक्षा के साथ विकास को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से सतर्क और एकजुट रहने का आह्वान करते हुए कहा कि असम का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने नए टर्मिनल के उद्घाटन पर असमवासियों को बधाई दी और विश्वास जताया कि असम और पूरा पूर्वोत्तर विकसित भारत की यात्रा में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

पृष्ठभूमि

करीब 1.4 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला यह नया एकीकृत टर्मिनल सालाना 1.3 करोड़ यात्रियों को संभालने में सक्षम है। “बैंबू ऑर्किड्स” थीम पर आधारित इस टर्मिनल में पूर्वोत्तर के स्थानीय बांस, काजीरंगा से प्रेरित हरियाली, जपी आकृतियां, गैंडे के प्रतीक और ऑर्किड से प्रेरित स्तंभ शामिल हैं। अत्याधुनिक सुरक्षा, डिजी यात्रा, स्वचालित बैगेज हैंडलिंग और एआई आधारित संचालन इसे यात्रियों के लिए सुविधाजनक और भविष्य के अनुरूप बनाते हैं।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.