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उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने AEPC के वार्षिक पुरस्कार समारोह को किया संबोधित

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भारत के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने आज नई दिल्ली में परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (AEPC) के वार्षिक पुरस्कार समारोह में भाग लिया और भारत के परिधान निर्यात क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी।

इस अवसर पर अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि परिधान और वस्त्र क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो 4.5 करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है और अप्रत्यक्ष रूप से 10 करोड़ से अधिक लोगों की आजीविका का समर्थन करता है। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 2 प्रतिशत और विनिर्माण सकल मूल्य वर्धन (GVA) में लगभग 11 प्रतिशत का योगदान देता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने PM मित्र पार्क और समर्थ कौशल विकास कार्यक्रम जैसी प्रगतिशील नीतियों और योजनाओं के माध्यम से वस्त्र एवं परिधान उद्योग को सशक्त और बहुआयामी समर्थन प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2030 तक इस क्षेत्र को वैश्विक शक्ति बनाने के उद्देश्य से एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकारी पहलें तभी अपने वास्तविक उद्देश्य को प्राप्त करती हैं, जब उद्योग नवाचार और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ता है।

वैश्विक चुनौतियों के इस दौर में भारतीय परिधान निर्यातकों द्वारा दिखाए गए लचीलापन और प्रगति की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए लगातार संवाद कर रही है, जिसमें मुक्त व्यापार समझौता (FTA) वार्ताएं भी शामिल हैं।

उपराष्ट्रपति ने उद्योग से एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे नए बाजारों की संभावनाओं को तलाशने का आह्वान किया। उन्होंने मूल्य संवर्धन पर ध्यान देने, निर्यात विविधीकरण, आयात निर्भरता कम करने, नवाचार और अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने तथा सतत निर्यात को अपनाने की भी अपील की।

उन्होंने कहा कि वस्त्र क्षेत्र श्रम-प्रधान है और कृषि के बाद देश में रोजगार का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है। इस संदर्भ में उन्होंने श्रमिक कल्याण सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया।

उपराष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र के निर्यात दोगुने होने की संभावना है, जिससे बड़े पैमाने पर नए रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि परिधान क्षेत्र विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

वस्त्र उद्योग से अपने व्यक्तिगत जुड़ाव का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे तिरुपुर से आते हैं, जो भारत का प्रमुख होजरी और निटवियर केंद्र है, और उन्होंने इस क्षेत्र के विकास को करीब से देखा है। उन्होंने संसद सदस्य के रूप में तथा वाणिज्य संबंधी संसदीय स्थायी समिति की वस्त्र उपसमिति के सह-अध्यक्ष के रूप में अपने अनुभवों को भी साझा किया।

उन्होंने सरकार और उद्योग के बीच सेतु के रूप में AEPC की भूमिका की सराहना की तथा परिषद की कॉफी टेबल बुक “Threads of Time: Story of India’s Textiles” का विमोचन भी किया।

इस अवसर पर दिल्ली एनसीटी सरकार के उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, AEPC के चेयरमैन सुधीर सेखड़ी, उपाध्यक्ष डॉ. ए. शक्तिवेल सहित वस्त्र एवं परिधान उद्योग के अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

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