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भारत–कनाडा आर्थिक सहयोग में नई ऊर्जा: पीयूष गोयल ने क्रिटिकल मिनरल्स, क्लीन एनर्जी और एआई में अपार संभावनाएँ बताईं

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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में इंडो-कनाडियन बिजनेस चैंबर को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और कनाडा के बीच क्रिटिकल मिनरल्स, मिनरल प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी, क्लीन एनर्जी, न्यूक्लियर एनर्जी और सप्लाई-चेन विविधीकरण में सहयोग की व्यापक संभावनाएँ मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग और नेक्स्ट-जनरेशन डेटा सेंटर्स जैसे उभरते क्षेत्रों में भारत की क्षमता दुनिया में तेजी से बढ़ रही है और भारत हर वर्ष सबसे बड़ा STEM टैलेंट पूल तैयार कर रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा प्राकृतिक सहयोगी हैं, जिनकी पूरक क्षमताएँ—व्यापार, निवेश और नई तकनीकों में व्यापक अवसर पैदा करती हैं।

भारत–कनाडा के मजबूत संबंध और CEPA पर प्रगति

पीयूष गोयल ने G20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच हुई सकारात्मक बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने उच्च महत्त्वाकांक्षी CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement) पर बातचीत शुरू करने और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने पर सहमति व्यक्त की है।

उन्होंने कहा कि CEPA दोनों देशों के बीच विश्वास, निवेश सुरक्षा और सम्मानजनक संवाद को मजबूत करेगा।

क्लीन एनर्जी और एआई–ड्रिवन इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारत अग्रणी

पीयूष गोयल ने बताया कि भारत की 500 GW की राष्ट्रीय पावर ग्रिड—जिसमें 250 GW नवीकरणीय ऊर्जा शामिल है—एआई आधारित प्रणालियों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है।

भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 GW क्लीन एनर्जी क्षमता हासिल करना है, जिससे भारत दुनिया के सबसे भरोसेमंद और किफायती स्वच्छ ऊर्जा प्रदाताओं में शामिल होगा।

भारत की अर्थव्यवस्था: मजबूती, स्थिरता और वैश्विक विश्वास

उन्होंने बताया कि भारत “Fragile Five” की सूची से आगे बढ़कर आज दुनिया की शीर्ष पाँच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है और अगले 2–2.5 वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।

भारत के पास—

  • कम मुद्रास्फीति,

  • मजबूत बैंकिंग प्रणाली,

  • ऊँचे विदेशी मुद्रा भंडार,

  • तेज़ी से विकसित होता इंफ्रास्ट्रक्चर,

  • और सशक्त कैपिटल मार्केट है।

उन्होंने यह भी बताया कि बीते 11 वर्षों में भारतीय शेयर बाजार 4.5 गुना तक बढ़ा है, जो निवेशकों के विश्वास का प्रमाण है।

भारत–कनाडा साझेदारी को मज़बूत करने के लिए पाँच–बिंदु प्रस्ताव

पीयूष गोयल ने दोनों देशों के बीच संबंध को गति देने के लिए पाँच प्रमुख सुझाव दिए—

  1. संवाद को परिणामों में बदलना
    — स्पष्ट रोडमैप, लक्ष्य और मापनीय प्रगति।

  2. सीईओ फोरम को सक्रिय करना
    — उद्योगों के बीच सीधे सहयोग को बढ़ावा देना।

  3. कनाडा को भारत के आगामी AI Summit में भाग लेने के लिए आमंत्रण।

  4. संयुक्त नवाचार को बढ़ावा
    — भारत की मजबूत IPR व्यवस्था, विशाल डेटा सेट और किफायती अनुसंधान माहौल का लाभ उठाना।

  5. प्रमुख क्षेत्रों में साझेदारी
    — क्रिटिकल मिनरल्स, क्लीन एनर्जी, एयरोस्पेस, रक्षा और मेक इन इंडिया के तहत निर्माण।

उन्होंने कहा कि कनाडाई नवाचार और भारतीय क्षमताएँ मिलकर दुनिया के लिए नई संभावनाएँ पैदा कर सकती हैं।

भारत–कनाडा सहयोग: 2047 के विकसित भारत की यात्रा में साथ

अंत में,पीयूष गोयल ने कनाडाई कंपनियों को भारत की विकसित राष्ट्र 2047 की यात्रा में सहयोगी बनने का आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि भारत स्थिर, पारदर्शी और अवसरों से भरपूर वातावरण प्रदान करता है और आने वाले वर्षों में भारत–कनाडा साझेदारी और अधिक मजबूत होगी।


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