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पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा ‘विशेष अभियान 5.0’ का सफल समापन, स्वच्छता और सतत विकास की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धियां

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पशुपालन एवं डेयरी विभाग (DAHD), मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत, ने 2 से 31 अक्टूबर 2025 तक आयोजित ‘विशेष अभियान 5.0’ का सफल समापन किया। इस अभियान का उद्देश्य जन शिकायतों और अपीलों का निवारण, स्वच्छता अभियानों का संचालन, रिकॉर्ड प्रबंधन को सुदृढ़ बनाना और विभिन्न प्रमुख मानकों पर लक्ष्यों की प्राप्ति करना था।

इस अवधि में विभाग और इसके अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा कई गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनकी समीक्षा केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने की और संचालन नरेश पाल गंगवार, सचिव (DAHD) द्वारा किया गया। अभियान के दौरान दीवार चित्रण द्वारा सौंदर्यीकरण, वृक्षारोपण, स्वास्थ्य जांच शिविर, किसानों की संगोष्ठी, चित्रकला प्रतियोगिता, तथा “वेस्ट टू आर्ट” और “वेस्ट टू वेल्थ” जैसी पहलें आयोजित की गईं, जिससे कर्मचारियों में स्वच्छता और स्थिरता की भावना को संस्थागत रूप दिया जा सके।

विशेष अभियान 5.0 के प्रमुख उपलब्धियां :

क्रमांक      पैरामीटर                                             लक्ष्य                       उपलब्धि
1 जन शिकायतें                                        214 302
2 जन शिकायत अपील 35 43
3 संसदीय आश्वासन 5 5
4 राज्य सरकार संदर्भ 8 8
5 पीएमओ संदर्भ 3 3
6 नियमों/प्रक्रियाओं का सरलीकरण 1 1
7 भौतिक फाइलों की समीक्षा 24,645 30,020
8 भौतिक फाइलों का निष्पादन 22,648 22,648
9 ई-फाइलों की समीक्षा 680 680
10 ई-फाइलों का समापन 182 182
11 स्वच्छता स्थलों की संख्या 221 237
12 सांसदों से प्राप्त संदर्भ 15 11
13 कबाड़ की नीलामी से प्राप्त राजस्व ₹5,86,973
14 निष्पादन से मुक्त स्थान (वर्ग फुट में) 5,334

सर्वश्रेष्ठ पहल: कबाड़ लोहे से निर्मित गाय की प्रतिमा

सेंट्रल कैटल ब्रीडिंग फार्म (CCBF), चिपलिमा, संबलपुर (ओडिशा) — जो DAHD के अधीनस्थ कार्यालयों में से एक है — ने कबाड़ लोहे का उपयोग करते हुए गाय की एक आकर्षक प्रतिमा बनाई। यह प्रतिमा न केवल पशुधन के प्रति सम्मान का प्रतीक है, बल्कि “वेस्ट टू आर्ट” की भावना को भी दर्शाती है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण और संसाधन दक्षता को बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

देशभर में आयोजित प्रमुख गतिविधियों की झलकियाँ :

  • सेंट्रल कैटल ब्रीडिंग फार्म, चिपलिमा (ओडिशा) द्वारा सौरा चित्रकला (ओडिशा की पारंपरिक जनजातीय कला) के माध्यम से दीवार चित्रण।

  • सेंट्रल एनिमल ब्रीडिंग फार्म, सुनाबेड़ा द्वारा स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन मेडिकल कॉलेज, कोरापुट के सहयोग से।

  • रीजनल फॉडर स्टेशन, श्रीगंगानगर (राजस्थान) द्वारा जैविक अपशिष्ट और सूखे पत्तों से कम्पोस्ट खाद तैयार करने की पहल।

  • एनिमल क्वारंटाइन एंड सर्टिफिकेशन सर्विस, हैदराबाद द्वारा सरकारी प्राथमिक विद्यालय, थुक्कुगुड़ा में स्वच्छता पर चित्रकला प्रतियोगिता।

  • किसानों की संगोष्ठी “क्लीन मिल्क प्रोडक्शन” विषय पर तीन कृषि विज्ञान केंद्रों में आयोजित।

  • आरएफएस चेन्नई द्वारा “एक पेड़ माँ के नाम” वृक्षारोपण और कार्यालय स्वच्छता अभियान।

  • एनिमल हस्बेंड्री सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, हेसरघट्टा (बेंगलुरु) द्वारा स्वच्छ दूध उत्पादन पर जागरूकता शिविर।

  • सुनाबेड़ा (ओडिशा) के पाल्मा गाँव में टीकाकरण, पशु स्वच्छता और स्वच्छ पर्यावरण पर किसानों के लिए जनजागरूकता अभियान।

यह अभियान न केवल स्वच्छता और दक्षता की दिशा में एक सशक्त कदम है, बल्कि “स्वच्छता ही सेवा” के संकल्प को साकार करने का एक प्रेरक उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।

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