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डॉ. जितेन्द्र सिंह ने राष्ट्रीय डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) अभियान 4.0 का शुभारंभ किया — पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाणन प्रक्रिया में डिजिटल क्रांति की नई पहल

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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज राष्ट्रीय डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) अभियान 4.0 का औपचारिक शुभारंभ किया, जिससे पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाण पत्र प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में सरकार के सतत प्रयासों को एक नई गति मिली है।

डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) अभियान 4.0, जो 1 नवंबर से 30 नवंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है, ने अपने पहले चार दिनों में ही 55 लाख से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जारी कर लिए हैं, जबकि पूरे महीने का लक्ष्य दो करोड़ प्रमाण पत्रों का है।

पिछले वर्ष के DLC अभियान 3.0 की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि उस दौरान 52.73 लाख DLC चेहरे की पहचान तकनीक (Face Authentication) के माध्यम से प्रस्तुत किए गए थे, जबकि 72.64 लाख EPFO पेंशनभोगियों द्वारा जमा किए गए थे।

उन्होंने बताया कि अभियान 3.0 को नवंबर 2024 में 1,984 स्थानों पर 845 जिलों और शहरों में आयोजित किया गया था, जिसमें 1.62 करोड़ DLCs जारी किए गए थे, जिनमें से 49.78 लाख केंद्रीय सरकारी पेंशनभोगियों के थे। इनमें से 85,200 पेंशनभोगी 90 वर्ष से अधिक आयु के थे, जबकि 2,200 से अधिक पेंशनभोगी 100 वर्ष से अधिक आयु के थे।

DLC अभियान 4.0 की प्रमुख विशेषताएँ :

वर्तमान अभियान 4.0 देशभर के लगभग 2,000 जिलों, शहरों और कस्बों में 2,500 शिविरों के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है, जिसका समन्वय 1,250 नोडल अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है।
यह अभियान मुख्य बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) और पेंशनभोगी कल्याण संघों के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। इस बार “सैचुरेशन एप्रोच” अपनाई गई है ताकि हर पेंशनभोगी, चाहे वह कहीं भी रहता हो या गतिशीलता में अक्षम हो, बिना किसी बाधा के अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सके।

यह अभियान 19 पेंशन वितरित करने वाले बैंकों, UIDAI, MeitY, EPFO, रेलवे, CGDA और दूरसंचार विभाग सहित कई संस्थानों के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) अकेले 1,600 से अधिक जिलों और उप-खंडों में 1.8 लाख डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों के नेटवर्क के माध्यम से घर-घर जाकर पेंशनभोगियों को डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र सेवा प्रदान कर रहा है।

विभाग द्वारा एक समर्पित DLC पोर्टल भी विकसित किया गया है, जो 1,850 शहरों और कस्बों में 2,500 से अधिक शिविर स्थलों और 1,200 नोडल अधिकारियों से जुड़ा है।
इसके अतिरिक्त, पूरे महीने के अभियान को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रशिक्षण सत्र चरणबद्ध तरीके से आयोजित किए जा रहे हैं।

पेंशनभोगियों की सुविधा हेतु तकनीकी नवाचार :

इस वर्ष अभियान का विशेष ध्यान फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने पर है, जिसे MeitY और UIDAI के तकनीकी सहयोग से विकसित किया गया है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह प्रक्रिया और भी सरल, तेज़ और सुविधाजनक हो गई है।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सहयोग से PIB, दूरदर्शन, आकाशवाणी, सोशल मीडिया और SMS अभियानों के माध्यम से अभियान का व्यापक प्रचार किया जा रहा है।
#DLCCampaign4 हैशटैग के तहत यह भारत में पेंशनभोगियों के लिए अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल सशक्तिकरण अभियान बन गया है।

मानवीय संवेदना से प्रेरित तकनीकी परिवर्तन :

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की परिकल्पना वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सहानुभूति से प्रेरित थी।
उन्होंने कहा, “वरिष्ठ नागरिकों से यह साबित करने को कहना कि वे जीवित हैं, अमानवीय प्रतीत होता था। इस चुनौती को सरकार ने एक अवसर के रूप में लिया और बायोमेट्रिक तथा फेस ऑथेंटिकेशन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग एक मानवीय उद्देश्य के लिए किया।”

उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल पेंशनभोगियों के जीवन में सुविधा लाती है, बल्कि समाज को तकनीकी रूप से सशक्त और संवेदनशील बनाती है।

वैश्विक प्रशंसा और प्रधानमंत्री के विज़न की झलक :

डॉ. सिंह ने बताया कि यह अभियान अब एक वैश्विक सफलता की कहानी बन चुका है, जिसे कई अंतरराष्ट्रीय संगठन और प्रतिनिधिमंडल भारत से सीखने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागरिक-केंद्रित सुशासन के दृष्टिकोण का परिणाम है, जिसने पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) को सरकार के सबसे प्रभावी और नागरिक-उन्मुख विभागों में बदल दिया है।

सम्मान और निष्कर्ष :

इस अवसर पर वी. श्रीनिवास, सचिव (पेंशन),वंदना गुप्ता, कंट्रोलर जनरल ऑफ कम्युनिकेशन अकाउंट्स (CGCA), विश्वजीत सहाय, कंट्रोलर जनरल ऑफ डिफेंस अकाउंट्स (CGDA), भूवनेश कुमार, CEO UIDAI और ध्रुबज्योति सेनगुप्ता, संयुक्त सचिव (DoPPW) उपस्थित थे।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने वी. श्रीनिवास और उनकी टीम के उत्कृष्ट कार्य की सराहना की, जिन्होंने इस अभियान को एक पारदर्शी, सुलभ और मानव-केंद्रित पेंशन वितरण प्रणाली में बदल दिया है।

अंत में, उन्होंने कहा कि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट पहल प्रधानमंत्री के Ease of Living और Citizen-Centric Governance के विज़न का साकार उदाहरण है —

यह पहल न केवल निरंतर पेंशन वितरण सुनिश्चित करती है, बल्कि भारत को एक पारदर्शी, कुशल और डिजिटल रूप से सशक्त प्रशासनिक ढाँचे की ओर अग्रसर करती है।

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