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शिवराज सिंह चौहान ने तमिलनाडु के वेल्लोर स्थित ICAR–कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) का दौरा किया; “वन एग्रीकल्चर – वन नेशन – वन टीम” की भावना के तहत किसानों से किया संवाद

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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज तमिलनाडु के वेल्लोर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) – कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) का दौरा किया। यह दौरा “वन एग्रीकल्चर – वन नेशन – वन टीम” (One Agriculture – One Nation – One Team) की भावना के अंतर्गत भारत के कृषि क्षेत्र की एकता और समग्र प्रगति का प्रतीक रहा।


वेल्लोर में  शिवराज चौहान ने किसानों और ग्रामीण समुदाय के सदस्यों के साथ संवाद किया और उनसे प्रधान मंत्री धन धान्य कृषि योजना (PM-DDKY), राष्ट्रीय दलहन मिशन, राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF), क्लस्टर फ्रंटलाइन डेमोंस्ट्रेशन ऑन पल्सेस (CFLD on Pulses), फर्मेंटेड ऑर्गेनिक मैन्योर (FOM/LFOM) तथा अन्य KVK संबंधित योजनाओं पर चर्चा की।

अपने दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ने प्रगतिशील किसानों, महिला स्व-सहायता समूहों (SHG) और ग्रामीण युवाओं से बातचीत की तथा क्षेत्र की कृषि उपलब्धियों की समीक्षा की। उन्होंने वेल्लोर कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित जंगली सूअर भगाने वाले उपकरण (Wild Boar Repellent) जैसी नवाचार तकनीक की सराहना की, जिसने किसानों को जंगली सूअरों से फसलों की सुरक्षा का व्यावहारिक समाधान प्रदान किया है। सीड हब और पल्सेस मिशन के अंतर्गत उच्च उत्पादक किस्में (VBN-8, VBN-10, VBN-11) सफलतापूर्वक प्रसारित की गई हैं। केंद्रीय मंत्री ने कृषि नवाचारों और मूल्यवर्धित उत्पादों की प्रदर्शनी भी देखी।

शिवराज चौहान ने किसानों से कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन से जुड़ी योजनाओं पर फीडबैक लिया और उन्हें बेहतर कृषि प्रथाओं के बारे में मार्गदर्शन दिया। ‘चौपाल’ संवाद के दौरान उन्होंने विभिन्न योजनाओं पर जमीनी स्तर की प्रतिक्रिया प्राप्त की और आसपास के जिलों के किसानों से भी बातचीत की।

पहली ‘चौपाल’ में शिवराज चौहान ने तमिलनाडु के विरुधुनगर, शिवगंगा, तूतीकोरिन और रामनाथपुरम जिलों के किसानों से बातचीत की, जो प्रधान मंत्री धन धान्य कृषि योजना (PM-DDKY) से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 11 केंद्रीय मंत्रालयों की 36 योजनाओं का एकीकरण किया जा रहा है, जिससे किसानों को समग्र लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने इन चार जिलों के KVK प्रमुखों के साथ योजना के अभिसरण की प्रगति की समीक्षा की। किसानों ने प्राकृतिक खेती, मुंडु मिर्च की खेती, दलहन एवं तिलहन CFLD और अन्य परियोजनाओं से संतुष्टि व्यक्त की।

दूसरी ‘चौपाल’ में शिवराज सिंह ने प्राकृतिक खेती और राष्ट्रीय दलहन मिशन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ की गई यह अनोखी पहल देश को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाएगी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु जैसे राज्य इस मिशन से उन्नत किस्मों, आधुनिक तकनीक और सुनिश्चित विपणन के माध्यम से अत्यधिक लाभान्वित होंगे। उन्होंने राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान केंद्र, वंबन (TNAU) द्वारा विकसित उन्नत दलहन किस्मों की भी सराहना की।

कृषि से संबंधित प्रमुख घोषणाएँ

केंद्रीय मंत्री ने धैर्यपूर्वक किसानों की समस्याएँ सुनीं और आश्वासन दिया कि नारियल फसलों को प्रभावित करने वाले कीट और रोगों के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आम उत्पादन में अधिकता से उत्पन्न मूल्य गिरावट की समस्या को दूर करने के लिए मूल्य संवर्धन और प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करने के प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने आश्वासन दिया कि तमिलनाडु के सभी पात्र किसानों को प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) से जोड़ा जाएगा ताकि अधिकतम लाभ सुनिश्चित किया जा सके।

तमिलनाडु के किसानों के प्रति प्रशंसा

अपने संबोधन में शिवराज सिंह चौहान ने तमिलनाडु के मेहनती किसानों, उनकी संस्कृति और मूल्यों के प्रति गहरी प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही फिर से तमिलनाडु आएंगे ताकि किसानों से सीधे संवाद कर सकें और प्राकृतिक खेती सहित अन्य योजनाओं पर चर्चा कर सकें।

कार्यक्रम में तमिलनाडु के कृषि, उद्यानिकी एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक; TNAU के कुलपति डॉ. आर. तमिऴवेंदान; ICAR-ATARI हैदराबाद के निदेशक डॉ. शेख एन. मीरा; कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की संयुक्त सचिव इनिथा; राज्य उद्यानिकी आयुक्त कुमारवेल पांडियन, TNAU और TANUVAS के वरिष्ठ अधिकारी, ICAR तथा कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और संबद्ध क्षेत्रों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
सैकड़ों किसान इस कार्यक्रम में शामिल हुए और केंद्र व राज्य स्तर पर कृषि विकास प्रयासों के प्रति उत्साह व्यक्त किया। ‘ड्रोन दीदी’ और ‘लखपति दीदी’ जैसे स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएँ भी इस संवाद में शामिल हुईं।

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