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DDWS और BISAG-N के बीच समझौता: जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के लिए बनेगा GIS-आधारित डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म

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नई दिल्ली- जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (DDWS) ने आज नई दिल्ली स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लिकेशंस एंड जियो-इन्फॉर्मेटिक्स (BISAG-N) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoA) पर हस्ताक्षर किए। BISAG-N, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के अंतर्गत एक स्वायत्त वैज्ञानिक संस्था है।

यह साझेदारी देश में जल जीवन मिशन (JJM) और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) [SBM(G)] के लिए एक GIS-एकीकृत निर्णय सहायता प्लेटफ़ॉर्म (Decision Support Platform) विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह प्लेटफ़ॉर्म ग्रामीण जल आपूर्ति और स्वच्छता कार्यक्रमों में डेटा-आधारित निर्णय, पारदर्शिता और कुशल निगरानी को सशक्त बनाएगा।

समारोह की अध्यक्षता अशोक के. के. मीना, सचिव, DDWS ने की। इस अवसर पर स्वाति मीना नाइक, संयुक्त सचिव (JJM) और विनय ठाकुर, विशेष महानिदेशक, BISAG-N ने दोनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौते का आदान-प्रदान किया।कमल किशोर सोन, अतिरिक्त सचिव एवं प्रबंध निदेशक (NJJM) सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

सचिव अशोक के. के. मीना ने इस अवसर पर कहा कि,

“पेयजल और स्वच्छता मिशनों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता बढ़ाने के लिए जियोस्पेशियल तकनीकें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। BISAG-N के साथ यह सहयोग JJM और SBM(G) को अत्याधुनिक GIS क्षमताओं से लैस करेगा, जिससे रियल-टाइम डेटा विश्लेषण और बेहतर नीति-निर्णय संभव होंगे।”

नए प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से ग्रामीण पाइप जल आपूर्ति योजनाओं (RPWSS) का डिजिटल मैप तैयार किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक योजना को यूनिक स्कीम आईडी प्रदान की जाएगी। यह प्रणाली घर-घर जल आपूर्ति की सूक्ष्म निगरानी और अन्य ग्रामीण अवसंरचना योजनाओं के साथ समन्वय (convergence) को मजबूत करेगी।

समझौते के तहत BISAG-N प्लेटफ़ॉर्म के डेटाबेस डिज़ाइन, मानचित्र निर्माण, डेटा माइग्रेशन, सॉफ़्टवेयर विकास और सिस्टम इंटीग्रेशन जैसी सभी तकनीकी सेवाएं प्रदान करेगा। इसमें डिजिटल फोटोग्रामेट्री, वेक्टर डेटा कैप्चर, थीमैटिक मैपिंग और ग्राउंड कंट्रोल सर्वेक्षण जैसी उन्नत तकनीकें भी शामिल होंगी।

यह पहल प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप होगी, जिससे जल एवं स्वच्छता अवसंरचना का अन्य क्षेत्रों की परिसंपत्तियों के साथ एकीकरण सुनिश्चित किया जा सकेगा। इससे संसाधनों का इष्टतम उपयोग, सेवा वितरण में सुधार और ग्रामीण विकास की गति को बढ़ावा मिलेगा।

यह सहयोग भारत सरकार के डिजिटल इंडिया विज़न से भी जुड़ा है, जिसका उद्देश्य समावेशी और सतत विकास के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है। DDWS और BISAG-N का यह संयुक्त प्रयास ग्रामीण जल और स्वच्छता सेवाओं की प्रभावी योजना, निगरानी और मूल्यांकन के लिए एक मजबूत डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करेगा।


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