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LBSNAA और भूमि संसाधन विभाग द्वारा ‘नक्शा कार्यक्रम’ पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का शुभारंभ — “वन नेशन, वन लैंड रिकॉर्ड” की दिशा में ऐतिहासिक पहल

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लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) और भूमि संसाधन विभाग (DoLR) के संयुक्त तत्वावधान में ‘नक्शा कार्यक्रम’ पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का शुभारंभ

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत भूमि संसाधन विभाग (DoLR) के सहयोग से आज दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का शुभारंभ किया। यह कार्यशाला देशभर के जिलाधिकारियों और कलेक्टरों को एक साथ लाकर शहरी भूमि संसाधन के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम — नक्शा (NAKSHA) कार्यक्रम — के राष्ट्रीय स्तर पर क्रियान्वयन के लिए तैयार करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

नक्शा कार्यक्रम डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) के तहत एक वर्ष की पायलट पहल है, जिसका उद्देश्य उन्नत जियोस्पैशल मैपिंग और डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से शहरी भूमि शासन में पारदर्शिता, दक्षता और सुगमता लाना है।

यह कार्यक्रम अत्याधुनिक जियोस्पैशल तकनीक, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) और वेब-जीआईएस उपकरणों का उपयोग करके भूमि स्वामित्व की अस्पष्टता को समाप्त करेगा, संपत्ति कर प्रणाली को सुचारू बनाएगा, और शहरी नियोजन एवं शासन के लिए मजबूत आधार प्रदान करेगा। यह पहल “वन नेशन, वन लैंड रिकॉर्ड” की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसके तहत देश के हर शहरी भूमि खंड को डिजिटल रूप से मैप और प्रमाणित किया जाएगा।

6–7 अक्टूबर, 2025 तक आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य जिलाधिकारियों और कलेक्टरों को प्रशासनिक और तकनीकी रूप से इस कार्यक्रम के राष्ट्रीय कार्यान्वयन के लिए तैयार करना है।

कार्यशाला का आयोजन LBSNAA के बी. एन. युगंधर सेंटर फॉर रूरल स्टडीज़ द्वारा किया जा रहा है, जिसमें नक्शा पहल के तकनीकी, कानूनी और प्रशासनिक पहलुओं पर गहन चर्चा होगी।

कार्यक्रम का उद्घाटन भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी ने किया। उन्होंने अपने मुख्य वक्तव्य में कहा कि यह पहल पारदर्शी, अद्यतन और सुलभ शहरी भूमि अभिलेख सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।

कार्यक्रम में कुणाल सत्यार्थी (संयुक्त सचिव, DoLR) और एस. के. सिन्हा (अतिरिक्त सर्वेक्षक जनरल, सर्वे ऑफ इंडिया) सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (MPSEDC) और राष्ट्रीय भू-सूचना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (NIGST), हैदराबाद के विशेषज्ञों ने भी तकनीकी सत्रों का संचालन किया।

वरिष्ठ सिविल सेवकों जैसे एस. संबसिवा राव (निदेशक, सर्वे एवं भूमि अभिलेख, केरल सरकार), एन. के. सुधांशु (महानिदेशक, यशवंतराव चव्हाण प्रशासन अकादमी, महाराष्ट्र) और एस. चोकलिंगम (प्रधान सचिव, महाराष्ट्र सरकार) ने भी अपने अनुभव साझा किए।

कार्यशाला की मुख्य विशेषताएं:

  • व्यापक अवलोकन: नक्शा कार्यक्रम की कार्यप्रणाली, लक्ष्यों और ज़मीनी सत्यापन प्रक्रियाओं की जानकारी।

  • तकनीकी प्रशिक्षण: प्रतिभागियों को GIS और Web-GIS उपकरणों से परिचित कराया गया तथा GNSS/ETS आधारित भूमि सर्वे तकनीकों पर प्रायोगिक सत्र आयोजित किया गया।

  • व्यावहारिक अनुभव: विशेषज्ञों ने हवाई डेटा संग्रहण और क्षेत्रीय चुनौतियों पर चर्चा की।

  • क्रियान्वयन ढांचा: प्रशासनिक और कानूनी ढांचे के साथ जन-जागरूकता अभियानों के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं पर विचार-विमर्श।

यह कार्यशाला जिलाधिकारियों को नक्शा कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आवश्यक तकनीकी दक्षता और स्पष्ट समझ प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।


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