रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर राज्य सरकार आगामी एक और दो दिसंबर को होने वाले विधानसभा के विशेष सत्र में संशोधन विधेयक पेश करेगी। इस संशोधन विधेयक के प्रारूप को आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में रायपुर में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई। इस संशोधन विधेयक में अनुसूचित जनजाति के लिए बत्तीस प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए तेरह और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए सत्ताईस प्रतिशत आरक्षण के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव किया गया है।
साथ ही शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश से संबंधित आरक्षण संशोधन विधेयक के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया। वहीं, राज्य मंत्रिमंडल के अन्य फैसले के तहत जिला खनिज न्यास में उपलब्ध राशि के बीस प्रतिशत हिस्से को सामान्य क्षेत्र में और चालीस प्रतिशत भाग को अधिसूचित क्षेत्र में खर्च करने के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है। वहीं, चालू वित्त वर्ष के द्वितीय अनुपूरक अनुमान से संबंधित छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक को भी बैठक में मंजूरी दी गई। इसे विधानसभा के अगले सत्र में पेश किया जाएगा।
राज्य मंत्रिपरिषद ने आज नवीन मछली
पालन नीति को भी मंजूरी दी। इसके अनुसार अब मछली पालन के लिए तालाब या जलाशय की
नीलामी नहीं होगी, बल्कि
इन्हें मछुवारा समूहों को दस वर्ष के लिए पट्टे पर दिया जाएगा। इसी तरह, कैबिनेट के एक अन्य फैसले के मुताबिक
राज्य वनोपज संघ और निजी निवेशकों के बीच हुए समझौते के आधार पर स्थापित वनोपज
संबंधी उद्योगों के उत्पाद को चालीस प्रतिशत की छूट के साथ खरीदा जाएगा। छत्तीसगढ़
हर्बल ब्रांड के अंतर्गत खरीदे जाने वाले इन उत्पादों को वन विभाग की इकाई ‘‘संजीवनी’’ और अन्य माध्यमों से बेचा जाएगा।