Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

विश्व ध्यान दिवस समारोह में उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने ध्यान की वैश्विक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला

Document Thumbnail

भारत के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने आज तेलंगाना के कान्हा शांति वनम में आयोजित विश्व ध्यान दिवस समारोह में भाग लिया और आंतरिक शांति, भावनात्मक कल्याण तथा सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने में ध्यान की कालातीत प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।

सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ध्यान एक सार्वभौमिक अभ्यास है, जो सांस्कृतिक, भौगोलिक और धार्मिक सीमाओं से परे है। उन्होंने इसे मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक स्थिरता और आंतरिक परिवर्तन का मार्ग बताया तथा कहा कि विश्व ध्यान दिवस आधुनिक जीवन में इसकी बढ़ती महत्ता को पहचानने का अवसर प्रदान करता है।

उपराष्ट्रपति ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित करने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित करने में भारत की भूमिका का उल्लेख करते हुए इसे मानसिक कल्याण और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने की ध्यान की शक्ति की वैश्विक स्वीकृति बताया। उन्होंने ध्यान के वैश्विक प्रसार में दाजी के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि ध्यान, योग और आध्यात्मिक खोज की सदियों पुरानी परंपराओं के साथ भारत आज भी दुनिया को स्थायी ज्ञान प्रदान कर रहा है।

भारत की सभ्यतागत विरासत पर प्रकाश डालते हुए राधाकृष्णन ने कहा कि भारत में ध्यान को लंबे समय से मन और आत्मा के प्राचीन विज्ञान के रूप में माना गया है, जिसे ऋषि-मुनियों ने पोषित किया। भगवद् गीता और तमिल आध्यात्मिक ग्रंथ तिरुमंतिरम की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ध्यान के माध्यम से मन पर नियंत्रण आंतरिक सामंजस्य, आत्म-साक्षात्कार और नैतिक जीवन की ओर ले जाता है।

उपराष्ट्रपति ने विकसित भारत@2047 की यात्रा में ध्यान की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विकास में केवल आर्थिक प्रगति ही नहीं, बल्कि भावनात्मक कल्याण और आध्यात्मिक उत्थान भी शामिल होना चाहिए, और ध्यान शांतिपूर्ण, सशक्त तथा करुणामय समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

मिशन LiFE के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ध्यान सजगता, उत्तरदायित्व और प्रकृति के साथ सामंजस्य जैसे मूल्यों को विकसित करता है, जो सतत जीवन के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार प्रथाओं को अपनाने और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने के लिए कान्हा शांति वनम की सराहना की।

नागरिकों से दैनिक जीवन में ध्यान को अपनाने का आह्वान करते हुए राधाकृष्णन ने व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों से उदाहरण प्रस्तुत करने तथा भावी पीढ़ियों को मानसिक शांति, संतुलन और सामंजस्य को बढ़ावा देने वाली प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया।

तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा; तेलंगाना सरकार के मंत्री डी. श्रीधर बाबू; हार्टफुलनेस ध्यान के आध्यात्मिक मार्गदर्शक दाजी कमलेश डी. पटेल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा हजारों प्रतिभागी, जिन्होंने कान्हा शांति वनम में ध्यान सत्र में भाग लिया, इस समारोह में उपस्थित थे।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.