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राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2025: डिजिटल न्याय के माध्यम से कुशल और त्वरित निपटान

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परिचय

भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस प्रतिवर्ष 24 दिसंबर को मनाया जाता है, ताकि उपभोक्ता अधिकारों और उपभोक्ता संरक्षण के व्यापक ढांचे के महत्व को उजागर किया जा सके। इसी दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त हुई थी, जिसने उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षा, जानकारी, सुनवाई, शिकायत निवारण और जागरूकता सहित कई अधिकार सुनिश्चित किए। 2025 का विषय है: “डिजिटल न्याय के माध्यम से कुशल और त्वरित निपटान”, जो उपभोक्ता शिकायत निवारण में प्रौद्योगिकी-समर्थित, सुलभ और त्वरित समाधान पर केंद्रित है।

कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ

राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2025 के अवसर पर कई लॉन्च, सम्मान और घोषणाएँ की जाएँगी, जो उपभोक्ता संरक्षण, जागरूकता और संस्थागत क्षमता को मजबूत करेंगी। कार्यक्रम डिजिटल शिकायत निवारण, गुणवत्ता आश्वासन, कानूनी मापदंड और उपभोक्ता जागरूकता में प्रगति को उजागर करेगा।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019

20 जुलाई 2020 को लागू यह अधिनियम 1986 के अधिनियम की जगह लेता है और उपभोक्ता हितों की सुरक्षा के लिए आधुनिक ढांचा प्रस्तुत करता है। यह अधिनियम उपभोक्ताओं को जानकारीपूर्ण निर्णय लेने, निष्पक्ष लेन-देन सुनिश्चित करने और त्वरित शिकायत निवारण प्रदान करता है।

शिकायत निवारण के लिए तीन-स्तरीय ढांचा है:

  1. जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम – 50 लाख रुपये तक के दावे।

  2. राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग – 50 लाख से 2 करोड़ रुपये तक।

  3. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) – 2 करोड़ रुपये से अधिक के मामले।

जुलाई 2025 में 10 राज्यों और NCDRC ने 100% से अधिक निपटान दर दर्ज की, जो तेजी से शिकायत निवारण और दक्षता में सुधार को दर्शाता है।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA)

CCPA उपभोक्ताओं के सामूहिक हितों की रक्षा के लिए कार्य करता है। इसके कार्य:

  • उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा और प्रवर्तन

  • अनुचित व्यापार प्रथाओं को रोकना

  • विज्ञापनों की निगरानी और गलत जानकारी देने वालों के खिलाफ कार्रवाई

  • असुरक्षित वस्तुओं और सेवाओं को वापस मंगवाना

उपभोक्ता कल्याण निधि

यह निधि उपभोक्ता हितों की सुरक्षा और आंदोलन को मजबूत करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता देती है। 2024-25 में 38.68 करोड़ रुपये जारी किए गए।

e-Jagriti – डिजिटल उपभोक्ता न्याय

1 जनवरी 2025 को लॉन्च, यह प्लेटफॉर्म शिकायत दायर करने, भुगतान करने, वर्चुअल सुनवाई में भाग लेने और मामले की प्रगति देखने की सुविधा देता है।

  • 1.35 लाख से अधिक केस दायर

  • 1.31 लाख से अधिक निपटान

  • NRI सहित 2.81 लाख पंजीकृत उपयोगकर्ता

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन 2.0 (NCH 2.0)

  • AI-सक्षम, बहुभाषी सहायता

  • वार्षिक 12 लाख से अधिक शिकायतें निवारण

  • WhatsApp चैनल से 20% शिकायतें

Jago Grahak Jago पोर्टल और ऐप

  • धोखाधड़ी वाले ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की निगरानी

  • संदिग्ध URL रिपोर्टिंग

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS)

  • 22,300 से अधिक भारतीय मानक लागू

  • BIS Care ऐप से सोने-चाँदी के आभूषण की हॉलमार्किंग जांच

नेशनल टेस्ट हाउस (NTH)

  • परीक्षण, प्रमाणन और गुणवत्ता नियंत्रण

  • डिजिटल समाधान और मोबाइल ऐप के माध्यम से संचालन में सुधार

  • 2024-25 में 45,926 नमूनों का परीक्षण, राजस्व 44.45 करोड़ रुपये

कानूनी मापदंड (Legal Metrology) 2025

  • मेडिकल उपकरण और पैक्ड सामान के लेबलिंग नियमों में संशोधन

  • ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ‘Country of Origin’ फिल्टर अनिवार्य

  • पान मसाला पैकेज पर खुदरा मूल्य दिखाना अनिवार्य

निष्कर्ष

राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2025 भारत की उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा और बाजार में विश्वास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे e-Jagriti और NCH 2.0 ने शिकायत निवारण की पहुँच, पारदर्शिता और दक्षता में सुधार किया है। BIS, NTH और कानूनी मापदंड सुधारों ने गुणवत्ता और मानकीकरण को मजबूत किया। ये सभी पहल उपभोक्ता-केंद्रित पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाती हैं।

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