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अमित शाह ने अहमदाबाद में IMA NATCON 2025 को किया संबोधित, कहा— विकसित भारत के निर्माण में डॉक्टरों की भूमिका निर्णायक

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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के अहमदाबाद में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन IMA NATCON 2025 को संबोधित किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।


अमित शाह ने कहा कि जब कोई संस्था अपने 100 वर्ष पूरे करती है, तो वह अपने पीछे एक लंबा और गौरवशाली इतिहास छोड़ जाती है। उन्होंने कहा कि IMA के शताब्दी वर्ष में देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में संगठन द्वारा किए गए योगदान को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाया जाना चाहिए, ताकि सेवा भावना, कर्तव्यबोध और उपलब्धियों की प्रेरणा जनमानस में और मजबूत हो। साथ ही यह समय स्वास्थ्य क्षेत्र में आए परिवर्तनों—RMP से लेकर विशेषज्ञता तक—के अनुरूप स्वयं को ढालने का भी है।

गृह मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र मूलतः सेवा का क्षेत्र है। जब कोई गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति डॉक्टर के पास जाता है, तो वह डॉक्टर में भगवान का स्वरूप देखता है। उन्होंने कहा कि 100 वर्ष पहले तय किए गए नैतिक मानदंड आज के समय में प्रासंगिक नहीं रह गए हैं। अब समय आ गया है कि स्वास्थ्य क्षेत्र की नैतिकता (Ethics) को पुनः परिभाषित किया जाए। उन्होंने IMA से आग्रह किया कि वह एक समिति बनाकर आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप नैतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करे और इन्हें चिकित्सा शिक्षा का हिस्सा बनाने के लिए भारत सरकार को सुझाव दे।

अमित शाह ने कहा कि केवल मेडिकल डिग्री प्राप्त कर लेना ही एक अच्छे डॉक्टर की पहचान नहीं है, बल्कि नैतिकता, सेवा भाव और संवेदनशीलता भी उतनी ही जरूरी है। नैतिकता को कानून से थोपा नहीं जा सकता, यह एक नैतिक विषय है, जिसे आत्मसात करना होता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के संकल्प का उल्लेख करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि देश को विश्व में हर क्षेत्र में प्रथम स्थान पर लाने के लिए मानसिक, शारीरिक और ऊर्जावान रूप से स्वस्थ जनसंख्या आवश्यक है, जिसमें डॉक्टरों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि 2014 से 2025 के बीच सरकार ने समग्र दृष्टिकोण से मजबूत स्वास्थ्य इकोसिस्टम विकसित किया है।

उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन, फिट इंडिया, खेलो इंडिया और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसे अभियानों से स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता बढ़ी है और योग अपनाने वालों की संख्या में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आयुष्मान भारत योजना के तहत देशभर में गरीबों को ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया गया है, जबकि कई राज्यों में यह सीमा ₹15 लाख तक पहुंच चुकी है।

गृह मंत्री ने कहा कि मिशन इंद्रधनुष, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य केंद्रों, जेनेरिक दवा दुकानों, AIIMS के विस्तार और टेलीमेडिसिन जैसी पहलों से स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि 2013-14 में जहां स्वास्थ्य बजट ₹37 हजार करोड़ था, वहीं आज यह बढ़कर ₹1.28 लाख करोड़ हो गया है।

उन्होंने कहा कि मलेरिया में 97 प्रतिशत की कमी, कालाजार में 90 प्रतिशत से अधिक सुधार, डेंगू मृत्यु दर में भारी गिरावट, मातृ मृत्यु दर में 25 प्रतिशत कमी और शिशु मृत्यु दर में 50 प्रतिशत कमी इन योजनाओं की सफलता का प्रमाण है।

कोविड-19 महामारी के दौरान डॉक्टरों की भूमिका की सराहना करते हुए अमित शाह ने कहा कि उस कठिन समय में देश के डॉक्टरों ने अपने जीवन की परवाह किए बिना सेवा की और पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल कायम की। उन्होंने कहा कि IMA का योगदान टीकाकरण, रक्तदान शिविरों और हेल्पलाइनों के माध्यम से अभूतपूर्व रहा।

गृह मंत्री ने IMA से आग्रह किया कि वह बीमारी से वेलनेस की ओर फोकस करे, शोध में लगे डॉक्टरों को प्रोत्साहित करने की योजना बनाए और टेलीमेडिसिन के माध्यम से उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करे।

उन्होंने कहा कि 27 राज्यों से आए 5,000 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी इस सम्मेलन की व्यापकता को दर्शाती है और नए अध्यक्ष के नेतृत्व में IMA देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान करेगी।

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