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युवा तारों के प्रारंभिक जीवन की अस्थिरता का नया अध्ययन: बदलाव और अनपेक्षित चमकें उजागर

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एक नए अध्ययन ने युवा तारों (Young Stellar Objects - YSOs) के प्रारंभिक जीवन की अस्थिरता पर पर्दा उठाया है, जिससे पता चला कि तारों का शुरुआती जीवन पहले सोचे गए से कहीं अधिक उथल-पुथल और परिवर्तनशील होता है।

प्रोटोस्ट्रार के चार विकासात्मक चरणों का योजनात्मक चित्रण (एंड्रिया इसेला के 2006 के शोध प्रबंध से अनुकूलित):

  • क्लास 0: ये तारे घने आवरण (dense envelope) में पूरी तरह से ढके होते हैं, और इनके केंद्र में एक छोटा कोर (core) होता है।

  • क्लास I: कोर का आकार बढ़ता रहता है और एक सपाट परिक्रामी डिस्क (flattened circumstellar disk) बनने लगती है।

  • क्लास II: अधिकांश आसपास की सामग्री गैस और धूल की प्रमुख डिस्क में व्यवस्थित हो जाती है।

  • क्लास III: अंतिम चरण में डिस्क लगभग समाप्त हो जाती है, और तारे का स्पेक्ट्रल एनर्जी वितरण (spectral energy distribution) एक परिपक्व तारे (mature stellar photosphere) जैसा दिखता है।

इस अध्ययन में NASA के Wide-field Infrared Survey Explorer (WISE) और इसके विस्तारित मिशन NEOWISE से एक दशक से अधिक का डेटा शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने अब तक के सबसे बड़े और विस्तृत मध्य-इन्फ्रारेड परिवर्तनशीलता कैटलॉग में 22,000 से अधिक YSOs का विश्लेषण किया।

युवा तारों की विशेषताएँ:

  • YSOs वे तारे हैं जो अपने जीवन के प्रारंभिक चरण में होते हैं और जिनके केंद्र में स्थिर हाइड्रोजन संलयन नहीं होता।

  • ये तारें घने आणविक बादलों (molecular clouds) के संकुचन से बनते हैं।

  • संकुचन विभिन्न घटनाओं जैसे सुपरनोवा विस्फोट, पास के तारे से विकिरण, या अंतर-तारकीय माध्यम में उथल-पुथल से प्रेरित हो सकता है।

    विभिन्न प्रकार के परिवर्तनशील तारों के उदाहरण लाइट कर्व्स (बाएं से दाएं क्रम में) — लीनियर (Linear), वक्र (Curved), आवर्ती/पुनरावृत्त (Periodic), अचानक चमक (Burst), अचानक मंद होना (Drop), और अनियमित (Irregular)

शोध के प्रमुख निष्कर्ष:

  • YSOs के केंद्र में एक प्रोटोटार बनता है, जो चारों ओर घूर्णनशील डिस्क से घिरा होता है।

  • प्रोटोटार का प्रकाश संलयन से नहीं बल्कि गुरुत्वाकर्षण संकुचन और द्रव्यमान संचयन (accretion) से उत्पन्न होता है।

  • समय के साथ, डिस्क से सामग्री प्रोटोटार पर जमा होती रहती है, जिससे अचानक चमक बढ़ना या घटने जैसी घटनाएँ होती हैं।

  • युवा तारों की 36% Class I YSOs में परिवर्तनशीलता देखी गई, जबकि विकसित Class III YSOs में यह केवल 22% थी।

  • रंग परिवर्तन से पता चला कि अधिकांश तारों में चमक बढ़ने पर लालिमा बढ़ती है, जबकि कुछ में नीला होना देखा गया, जो आंतरिक डिस्क संरचना या बढ़ी हुई संचयन क्रियाओं को दर्शाता है।

महत्त्व:

यह कैटलॉग अब तक का सबसे पूर्ण मध्य-इन्फ्रारेड दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, जो यह समझने में मदद करता है कि तारे कैसे बढ़ते हैं, भोजन लेते हैं और अपने धूल भरे परिवेश को छोड़ते हैं। इस कैटलॉग में 5,800 से अधिक परिवर्तनशील YSOs शामिल हैं।

जैसे-जैसे James Webb Space Telescope (JWST) और 3.6m Devasthal Optical Telescope (DOT) जैसी दूरबीनें इस अध्ययन का अनुसरण करेंगी, शोधकर्ता यह समझ पाएंगे कि हमारे जैसे सूर्य जैसे तारे अंधकार से कैसे उत्पन्न हुए।


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