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नई दिल्ली में आयुष मंत्रालय और WHO द्वारा द्वितीय वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन से पूर्व राजदूत स्वागत समारोह का आयोजन

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भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने आज विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से नई दिल्ली में राजदूतों के लिए एक विशेष स्वागत समारोह का आयोजन किया। यह आयोजन 17 से 19 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में होने वाले द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन (Global Summit on Traditional Medicine) से पहले एक अग्रदूत कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया। इस उच्च स्तरीय बैठक में राजदूतों, उच्चायुक्तों और राजनयिक प्रतिनिधियों को शिखर सम्मेलन की दृष्टि, वैश्विक स्वास्थ्य से उसके संबंध और साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा को आगे बढ़ाने के लिए बहुपक्षीय सहयोग के अवसरों के बारे में जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव, (स्वतंत्र प्रभार) आयुष मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री, वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय, और राजदूत सिबी जॉर्ज, सचिव (पश्चिम), विदेश मंत्रालय उपस्थित थे। इसके साथ ही WHO और आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया, जिनमें शामिल थे — डॉ. कैथरीना बोहमे, WHO महानिदेशक की वरिष्ठ सलाहकार एवं WHO दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र (SEARO) की प्रभारी अधिकारी; मोनालिसा दास, संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय; डॉ. पूनम खेत्रपाल, WHO दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक (एमेरिटस) एवं पारंपरिक चिकित्सा पर WHO महानिदेशक की वरिष्ठ सलाहकार; तथा डॉ. श्यामा कुरुविल्ला, निदेशक, WHO ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर।

मुख्य अतिथि प्रतापराव जाधव ने अपने संबोधन में कहा,

“यह शिखर सम्मेलन दुनिया भर में समान, सुलभ और साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की दिशा में हमारे साझा प्रयासों में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। पारंपरिक चिकित्सा हमारी सांस्कृतिक पहचान, सामुदायिक ज्ञान और प्रकृति तथा कल्याण के प्रति मानवता की सामूहिक समझ का भंडार है। विश्व अब पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के समन्वित दृष्टिकोण की नई सराहना कर रहा है। WHO और जामनगर स्थित ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन के साथ मिलकर हम अनुसंधान को सशक्त करने, गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि पारंपरिक चिकित्सा के लाभ सभी तक पहुँचें।”

वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय ने सभा की शुरुआत अपने वक्तव्य से की और कहा,

“इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का विषय ‘Restoring Balance: The Science and Practice of Health and Wellbeing’ (संतुलन की पुनर्स्थापना: स्वास्थ्य और कल्याण का विज्ञान और व्यवहार) हमारी समग्र स्वास्थ्य दृष्टि और पारंपरिक चिकित्सा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत WHO और वैश्विक साझेदारों के सहयोग से मानकों को सुदृढ़ करने, अनुसंधान को आगे बढ़ाने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रहा है। हमें विश्वास है कि यह वैश्विक संवाद सार्थक अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करेगा।”

डॉ. पूनम खेत्रपाल, WHO की क्षेत्रीय निदेशक (एमेरिटस) और पारंपरिक चिकित्सा पर WHO महानिदेशक की वरिष्ठ सलाहकार ने विशेष संबोधन में कहा,

“पारंपरिक चिकित्सा ‘Health for All’ (सभी के लिए स्वास्थ्य) के लक्ष्य को प्राप्त करने का अभिन्न हिस्सा है। 170 सदस्य देशों द्वारा इसके उपयोग की रिपोर्ट और वैश्विक ढांचे के सुदृढ़ होने से यह क्षेत्र पहले से कहीं अधिक सशक्त हुआ है। जामनगर में स्थित ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर और ट्रेडिशनल मेडिसिन ग्लोबल लाइब्रेरी साक्ष्य-आधारित, लोगों-केंद्रित और समग्र स्वास्थ्य सेवा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।”

राजदूत सिबी जॉर्ज, सचिव (पश्चिम), विदेश मंत्रालय ने कहा,

“यह आयोजन पारंपरिक चिकित्सा की समय-परखी उपचार पद्धतियों को आधुनिक वैज्ञानिक समझ के साथ एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ‘Restoring Wellbeing and Balance’ की साझा दृष्टि वैश्विक स्तर पर पारंपरिक चिकित्सा को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज में शामिल करने की बढ़ती मान्यता को दर्शाती है। आयुष मंत्रालय ने अनुसंधान, फार्माकोविजिलेंस और अंतरराष्ट्रीय सहयोगों, विशेष रूप से WHO ग्लोबल सेंटर, जामनगर के माध्यम से इन प्रणालियों को सशक्त किया है।”

डॉ. श्यामा कुरुविल्ला, निदेशक, WHO ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर ने आगामी शिखर सम्मेलन के वैश्विक परिप्रेक्ष्य और प्राथमिकताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा,

“यह शिखर सम्मेलन पारंपरिक चिकित्सा के विज्ञान और व्यवहार पर आधारित होकर लोगों और ग्रह के लिए संतुलन बहाल करने की वैश्विक आंदोलन को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। यह आयोजन Global Traditional Medicine Strategy 2025–2034 (विश्व स्वास्थ्य सभा 78) के मार्गदर्शन में आयोजित होगा और नवीनतम अनुसंधान, साक्ष्य और नवाचारों को उजागर करेगा।”

इसके बाद मोनालिसा दास, संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय ने दिसंबर 2025 में होने वाले सम्मेलन के प्रतिभागियों, विषयगत सत्रों, मुख्य घोषणाओं और साझेदारियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का समापन डॉ. कैथरीना बोहमे, WHO महानिदेशक की वरिष्ठ सलाहकार और WHO SEARO की प्रभारी अधिकारी द्वारा किया गया। उन्होंने कहा,

“पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक स्वास्थ्य के केंद्र में है—यह ‘Health for All’ की दृष्टि को साकार करने की कुंजी है। हम देशों से मंत्री-स्तरीय भागीदारी को बढ़ावा देने का आह्वान करते हैं। जैसे-जैसे हम शिखर सम्मेलन की ओर बढ़ रहे हैं, आइए हम सुलभ, सस्ती, समावेशी और साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य प्रणालियों के निर्माण के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता को दोहराएं।”

यह राजनयिक स्वागत समारोह साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा को आगे बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सशक्त करने और एक ऐसे वैश्विक स्वास्थ्य तंत्र के निर्माण के प्रति सामूहिक संकल्प का प्रतीक रहा जिसमें पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान एक साथ मिलकर कार्य करें।

आयुष मंत्रालय ने सभी देशों से अनुरोध किया कि वे दिसंबर 2025 में होने वाले द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।


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