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भारत में इनलैंड वाटरवेज़ के विकास के लिए असम में महत्वपूर्ण समझौते: IWAI ने APL और असम सरकार के साथ किए MoU

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इंडियन इनलैंड वाटरवेज़ अथॉरिटी (IWAI), जो पोर्ट्स, शिपिंग और वाटरवेज़ मंत्रालय (MoPSW) के तहत इनलैंड वाटरवेज़ के विकास की मुख्य एजेंसी है, ने असम के इनलैंड वॉटर ट्रांसपोर्ट नेटवर्क और औद्योगिक लॉजिस्टिक्स को मजबूत करने के लिए दो महत्वपूर्ण समझौते (MoU) किए हैं। इनमें पहला MoU असम पेट्रो-केमिकल्स लिमिटेड (APL) के साथ और दूसरा असम सरकार के साथ किया गया है। इन समझौतों का उद्देश्य राज्य की व्यापक नदी प्रणालियों के माध्यम से माल और यात्रियों की आवाजाही को बढ़ावा देना और सतत कनेक्टिविटी तथा क्षेत्रीय विकास के लक्ष्यों को आगे बढ़ाना है।

केंद्र सरकार के बंदरगाह, शिपिंग और जलमार्ग मंत्री सरबानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक में असम, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में चल रहे परियोजनाओं का अवलोकन किया गया। इसमें केंद्रीय क्षेत्र योजना (CSS) के तहत परियोजनाएँ भी शामिल थीं।

पहला MoU – IWAI और APL:

इस MoU के तहत APL की मिथेनॉल और फॉर्मेलिन का परिवहन इंडो-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट (IBPR) और नेशनल वाटरवेज़ (NW) के माध्यम से किया जाएगा। इससे न केवल बांग्लादेश और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए निर्यात में वृद्धि होगी, बल्कि घरेलू आपूर्ति श्रृंखला भी मजबूत होगी। इस परियोजना का कुल निवेश ₹400 करोड़ निर्धारित है, जिसमें टैंकर जहाजों और संबंधित अवसंरचना का निर्माण शामिल है। IWAI तकनीकी और संचालन संबंधी सहायता प्रदान करेगा, जिसमें बोगीबील, पांडू और जोगीघोपा टर्मिनलों की सुविधाएँ, नेविगेशन सहायता, बंकिंग और अग्निशमन प्रणाली शामिल हैं।

दूसरा MoU – IWAI और असम सरकार:

यह समझौता तेजपुर, गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में शहरी जल परिवहन (UWT) प्रणाली या वाटर मेट्रो के विकास पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य ब्रह्मपुत्र नदी के स्थायी जल आधारित परिवहन नेटवर्क स्थापित करना है, जिसे सड़क, रेलवे और बस प्रणाली के साथ जोड़ा जाएगा। परियोजना में इलेक्ट्रिक हाइब्रिड पैसेंजर बोट्स, फेयरवे, नेविगेशन एयड्स और टर्मिनल का विकास शामिल है। अनुमानित लागत ₹1,000 करोड़ है, भूमि लागत को छोड़कर।

अन्य महत्वपूर्ण पहलें:

  • Heritage River Journeys Pvt. Ltd. के साथ करार, जिससे नेशनल वाटरवेज़ पर नए क्रूज जहाजों का विकास और संचालन होगा (₹500 करोड़)।

  • DGLL के साथ MoU, NW-2 में नदी लाइटहाउस और पर्यटन अवसंरचना विकसित करने के लिए।

  • Rhenus Logistics के साथ ₹1,000 करोड़ का MoU, जिससे गंगा और ब्रह्मपुत्र में आधुनिक टग-बर्ज़ के माध्यम से माल परिवहन क्षमता बढ़ेगी।

  • डिब्रूगढ़ में Regional Centre of Excellence का विकास (₹188 करोड़) और गुवाहाटी में प्रमुख भूमि विकास (₹55 करोड़)।

पूर्वोत्तर राज्यों में प्रगति:

  • मिजोरम: त्लावंग और छिम्तुईपुई नदी पर IWT अवसंरचना का अध्ययन; लुंगलेई में 9.82 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू।

  • नागालैंड: डॉयंग लेक और नॉउन व शिल्लोई लेक में IWT और जलक्रीड़ा विकास।

  • मणिपुर: बारक नदी और इसके उपनदियों पर IWT विकास का तकनीकी-आर्थिक अध्ययन।

  • मेघालय: उमियाम लेक और उमन्गोट नदी पर DPR निर्माण।

  • त्रिपुरा: गुम्ती नदी का विकास और मेघना नदी प्रणाली से कनेक्टिविटी; डुम्बूर लेक में क्रूज सेवा अध्ययन।

  • अरुणाचल प्रदेश: सियांग नदी पर IWT अवसंरचना विकास, टर्मिनल, शेड, सौर ऊर्जा और फेयरवे नेविगेशन।

सरबानंद सोनोवाल ने कहा कि “इन परियोजनाओं के माध्यम से मोदी सरकार का उद्देश्य क्षेत्र में आधुनिक IWT अवसंरचना के जरिए आर्थिक अवसरों का सृजन करना और उत्तरपूर्व को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ जोड़ना है। आने वाले वर्षों में ₹5,000 करोड़ से अधिक निवेश का लक्ष्य है। यह इनलैंड वाटरवेज़ को हमारे लोगों के लिए अवसर की धारा बना देगा।”

ये पहलें उत्तरपूर्व के नदी परिवहन और पर्यटन को नई दिशा देने और क्षेत्रीय विकास को गति देने में मील का पत्थर साबित होंगी।

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