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गुरुग्राम में होगा वैश्विक समुद्री सुरक्षा सम्मेलन—सूचना संलयन केंद्र (IFC-IOR) द्वारा आयोजित किया जाएगा ‘Maritime Information Sharing Workshop (MISW) 2025

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गुरुग्राम, भारत में एक बार फिर वैश्विक समुद्री सुरक्षा समुदाय एकजुट होने जा रहा है, जब सूचना संलयन केंद्र – हिंद महासागर क्षेत्र (Information Fusion Centre – Indian Ocean Region, IFC-IOR) अपने प्रमुख कार्यक्रम ‘Maritime Information Sharing Workshop (MISW 2025)’ का तीसरा संस्करण 3 से 5 नवम्बर 2025 तक आयोजित करेगा।

इस वर्ष का विषय है — “Enhancing Real-Time Coordination and Information Sharing Across the Indian Ocean Region” (हिंद महासागर क्षेत्र में वास्तविक समय समन्वय और सूचना साझाकरण को सुदृढ़ बनाना) — जो समुद्री सुरक्षा सहयोग के लिए सामूहिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्षेत्रीय सहयोग को सशक्त बनाता MISW

भारत की दृष्टि ‘MAHASAGAR’ — Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions के अनुरूप, IFC-IOR समुद्री सूचना साझा करने के लिए कई कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करता है, जिनमें MISW इसका प्रमुख आयोजन है।
2019 में शुरू हुई यह कार्यशाला अब एक प्रमुख परिचालन मंच के रूप में विकसित हो चुकी है, जहाँ विश्वभर के समुद्री सुरक्षा विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करते हैं, पारस्परिक विश्वास को प्रोत्साहित करते हैं और समुद्री सुरक्षा में सहयोग की भावना को सुदृढ़ करते हैं।

यह मंच केवल संवाद तक सीमित नहीं है — बल्कि समुद्री डकैती, नशीले पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी और अन्य अंतरराष्ट्रीय समुद्री खतरों से निपटने में समन्वित कार्रवाई को प्रोत्साहित करता है।
MISW ने हिंद महासागर क्षेत्र को सुरक्षित, स्थिर और टिकाऊ समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

संवाद से क्रियान्वयन तक: MISW 2025 का नया अध्याय

MISW 2025, जो 3–5 नवम्बर 2025 को आयोजित होगी, भारत के साझेदार देशों और क्षेत्रीय मंचों के साथ सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
कार्यशाला का उद्घाटन उप नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती करेंगे और मुख्य संबोधन श्री सुशील मंसिंग खोपड़े, आईपीएस, अतिरिक्त महानिदेशक, डीजी शिपिंग द्वारा दिया जाएगा।

इस आयोजन में हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA), Djibouti Code of Conduct/Jeddah Amendment (DCoC/JA) और BIMSTEC देशों के 30 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे।
कार्यशाला के अंत में एक टेबल टॉप एक्सरसाइज (TTX) आयोजित की जाएगी, जिसमें वास्तविक समुद्री परिदृश्यों का अनुकरण करते हुए सामूहिक प्रतिक्रिया योजनाओं का अभ्यास किया जाएगा।

विचार, नवाचार और कार्रवाई का समागम

MISW 2025 में UNODC, ReCAAP ISC, RMIFC, IFC Singapore, RCoC और प्रमुख शिपिंग कंपनियों के विशेषज्ञों की भागीदारी होगी।
भारत की National Maritime Information Sharing Centres (NMISCs) की पहल को भी इस अवसर पर प्रदर्शित किया जाएगा।
चर्चा सत्रों में एक लचीले और समन्वित समुद्री सूचना पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

हिंद महासागर — वैश्विक अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा

हिंद महासागर विश्व व्यापार का केंद्र है — जहां से विश्व के अधिकांश तेल और कंटेनर यातायात गुजरता है।
यह क्षेत्र केवल भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आर्थिक और सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
22 दिसम्बर 2018 को स्थापित IFC-IOR, जिसका नेतृत्व वर्तमान में कैप्टन सचिन कुमार सिंह कर रहे हैं, आज 15 देशों के अंतरराष्ट्रीय संपर्क अधिकारियों (ILOs) की मेजबानी करता है और 57 समुद्री सुरक्षा संगठनों तथा 25 साझेदार देशों के साथ मिलकर काम करता है।

सुरक्षित और समृद्ध महासागरों की दिशा में भारत की पहल

MISW 2025 IFC-IOR की उस निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है जो एक सहयोगी, पारदर्शी और मजबूत समुद्री सूचना नेटवर्क की स्थापना के लिए की जा रही है।
इस कार्यशाला के परिणाम हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने वाले भविष्य के सहयोगी ढांचे को दिशा प्रदान करेंगे।


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