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डॉ. मनसुख मांडविया करेंगे दोहा में द्वितीय विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन (WSSD-2) में भारत का नेतृत्व —वैश्विक मंच पर सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता

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श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया 4 से 6 नवंबर, 2025 तक दोहा, क़तर में आयोजित होने वाले द्वितीय विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन (World Summit for Social Development – WSSD-2) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

डॉ. मांडविया उद्घाटन सत्र में भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य प्रस्तुत करेंगे और विश्व नेताओं के साथ मिलकर ‘दोहा राजनीतिक घोषणा’ को अपनाएंगे। वे उच्च-स्तरीय गोलमेज बैठक में भी शामिल होंगे, जिसका विषय है — “सामाजिक विकास के तीन स्तंभों को सुदृढ़ करना: गरीबी उन्मूलन, सभी के लिए पूर्ण एवं उत्पादक रोजगार और सम्मानजनक कार्य, तथा सामाजिक समावेशन।” इस दौरान वे भारत की समावेशी, डिजिटल रूप से समर्थ और नागरिक-केन्द्रित विकास यात्रा को साझा करेंगे।

भारत अब एक ऐसे राष्ट्र के रूप में वैश्विक मंच पर है जिसने गरीबी उन्मूलन में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। 2011 से 2023 के बीच 24.8 करोड़ भारतीय बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले, जिससे 2022-23 में अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली जनसंख्या घटकर केवल 2.3% रह गई। इस परिवर्तन का श्रेय प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और जन धन योजना जैसी प्रमुख योजनाओं को जाता है।

भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज भी तेजी से बढ़ा है — जो अब विश्व के सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा तंत्रों में से एक है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा सत्यापित आंकड़ों के अनुसार, 2015 में 19% से बढ़कर 2025 में 64.3% जनसंख्या को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिला है — यानी 94 करोड़ से अधिक नागरिक। यह सफलता जन धन–आधार–मोबाइल (JAM) ढांचे के माध्यम से पारदर्शी और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की बदौलत संभव हुई है।

भारत की भागीदारी का एक प्रमुख आकर्षण होगा नीति आयोग द्वारा आयोजित साइड इवेंट — “Pathways Out of Poverty: India’s Experience in Empowering the Last Mile” (5 नवंबर 2025)। इस सत्र में भारत की गरीबी उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा के विस्तार में उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में ब्राज़ील, मालदीव और ILO जैसे अंतरराष्ट्रीय साझेदारों की भागीदारी भी होगी, जो भारत की “2030 सतत विकास एजेंडा” और “किसी को पीछे न छोड़ने” की प्रतिबद्धता को और मज़बूती देगी।

डॉ. मांडविया ILO द्वारा आयोजित “Global Coalition for Social Justice” मंत्री स्तरीय कार्यक्रम में भी शामिल होंगे और क़तर, रोमानिया, मॉरीशस, यूरोपीय संघ तथा ILO के महानिदेशक सहित कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं और वरिष्ठ संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों से द्विपक्षीय वार्ताएं करेंगे। ये बैठकें श्रमिक गतिशीलता, कौशल विकास, सामाजिक सुरक्षा और रोजगार सृजन के क्षेत्रों में सहयोग को सुदृढ़ करेंगी।

इसके अलावा, डॉ. मांडविया राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) पोर्टल पर आयोजित कार्यक्रम में भी भाग लेंगे, जिसे श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और भारतीय व्यवसाय एवं प्रोफेशनल्स परिषद (IBPC) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। यह मंच नौकरी चाहने वालों और नियोक्ताओं को पारदर्शी और समावेशी अवसर प्रदान करता है।

शिखर सम्मेलन के दौरान Aspire Zone Complex और अन्य खेल अवसंरचना स्थलों का दौरा भी प्रस्तावित है, ताकि खेल प्रबंधन और युवा सहभागिता के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान किया जा सके।

विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन (WSSD-2) 1995 के कोपेनहेगन शिखर सम्मेलन के उद्देश्यों — गरीबी उन्मूलन, सम्मानजनक कार्य और सामाजिक समावेशन — को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है। दोहा शिखर सम्मेलन देशों को साझा लक्ष्यों की पुनः पुष्टि और सहयोग मजबूत करने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करता है।

डॉ. मांडविया की यह यात्रा भारत की “विकसित भारत @2047” की दृष्टि और समाज न्याय, समावेशी विकास एवं डिजिटल सशक्तिकरण के प्रति भारत की वैश्विक प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।


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