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स्वदेशी 5G/6G और सुरक्षित संचार तकनीकों को बढ़ावा देगा सी-डॉट–आईआईटी रुड़की का नया उत्कृष्टता केंद्र

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सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट), जो संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) के अंतर्गत एक प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र है, ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (IIT रुड़की) — एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय महत्व के संस्थान — के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।

सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय और आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. कमल के. पंत एमओयू हस्ताक्षर समारोह के दौरान।


इस एमओयू के तहत, सी-डॉट IIT रुड़की में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE) की स्थापना कर रहा है। सी-डॉट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE) का मुख्य उद्देश्य उन्नत संचार प्रौद्योगिकियों में स्वदेशी अनुसंधान, नवाचार और क्षमता निर्माण को गति देना है। यह CoE वायरलेस संचार, क्वांटम प्रौद्योगिकियां, साइबर सुरक्षा और AI आधारित अनुप्रयोगों जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगा। इस केंद्र की स्थापना से IIT रुड़की की शैक्षणिक विशेषज्ञता और सी-डॉट की औद्योगिक क्षमता का लाभ उठाते हुए शिक्षा जगत और उद्योग के बीच समन्वय को बढ़ावा मिलेगा। यह छात्रों, शोधकर्ताओं और स्टार्ट-अप कंपनियों को भारत की नवाचार और आत्मनिर्भरता की यात्रा में योगदान देने में सक्षम बनाएगा और वैश्विक दूरसंचार नवाचार में भारत की नेतृत्व क्षमता को मजबूत करेगा।

यह केंद्र 5G/6G, RF-Sub-THz इंटीग्रेटेड सर्किट, सेंसर, मिलीमीटर-वेव बीमफॉर्मिंग ऐंटेना (ICs के साथ एकीकृत), V2X संचार, डेटा-आधारित वायरलेस संचार प्रौद्योगिकियां, ऊर्जा दक्षता आदि जैसे प्रमुख उभरते क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान एवं प्रोटोटाइप विकास को आगे बढ़ाएगा।

एमओयू पर हस्ताक्षर IIT रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत और सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय की उपस्थिति में किए गए। संस्थान के संकाय सदस्यों और सी-डॉट के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस अवसर पर भाग लिया। एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद उन्नत संचार प्रौद्योगिकियों और उच्च प्रभाव वाले अनुसंधान को समर्पित नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE) का उद्घाटन किया गया।

सी-डॉट की स्वदेशी दूरसंचार समाधानों के विकास में गहन विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए, यह CoE उच्च-प्रभाव वाले अनुसंधान और विकास का समर्पित केंद्र होगा, जो स्टार्ट-अप्स का समर्थन करेगा, बौद्धिक संपदा का विकास करेगा, और कार्यशालाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और संयुक्त अकादमिक-उद्योग सहयोग के माध्यम से सतत ज्ञान विनिमय सक्षम करेगा। यह भारत की वैश्विक दूरसंचार नवाचार में नेतृत्व क्षमता को मजबूत करेगा और देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

दिन में बाद में, छठी प्रो. ए.के. कमल मेमोरियल लेक्चर श्रृंखला के अंतर्गत, सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने “विकसित भारत के लिए स्वदेशी संचार प्रौद्योगिकियों का निर्माण” विषय पर व्याख्यान दिया। इस व्याख्यान में भारत के दूरसंचार परिदृश्य, भारत 6G विजन, दूरसंचार मूल्य श्रृंखला, मानकों और भारत के लिए अवसरों पर प्रकाश डाला गया। डॉ. उपाध्याय ने 4G/5G, TRINETRA साइबर सुरक्षा समाधान, सुरक्षित क्वांटम संचार (QKD एवं PQC), आपदा प्रबंधन, AI-सक्षम उन्नत दूरसंचार अनुप्रयोग जैसे संचार साथी, धोखाधड़ी पता लगाने की प्रणालियाँ और मिशन क्रिटिकल कम्युनिकेशन (MCX) जैसे क्षेत्रों में सी-डॉट के स्वदेशी समाधानों को भी रेखांकित किया।

CoE की दृष्टि के बारे में बताते हुए, डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने कहा,

“यह सहयोग भारत के प्रमुख शैक्षिक संस्थान की विशेषज्ञता और सी-डॉट की अनुसंधान एवं विकास क्षमता को एक साथ लाता है, जिससे स्वदेशी दूरसंचार नवाचार में तेजी आएगी। IIT रुड़की और सी-डॉट मिलकर ऐसी तकनीकों का निर्माण करेंगे जो विदेशी प्रणालियों पर निर्भरता को कम करेंगी और 5G, 6G, AI और सुरक्षित संचार प्रणाली जैसे उन्नत क्षेत्रों में भारत के नेतृत्व को मजबूती देंगी।”

IIT रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने इस साझेदारी के महत्व पर कहा,

“यह सहयोग IIT रुड़की के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि हम C-DOT के साथ मिलकर भारत की अगली पीढ़ी की दूरसंचार क्षमताओं को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। संचार इंजीनियरिंग, सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों और उभरती वायरलेस प्रणालियों में हमारी मजबूत विरासत, C-DOT के सुरक्षित, स्वदेशी और भविष्य-तैयार दूरसंचार समाधानों के राष्ट्रीय मिशन को समर्थन देगी। यह CoE हमारे संकाय, शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए रणनीतिक राष्ट्रीय महत्व की तकनीकों के सह-विकास का परिवर्तनकारी मंच प्रदान करेगा और भारत की दीर्घकालिक तकनीकी नेतृत्व दृष्टि को आगे बढ़ाएगा।”

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