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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का जर्मनी दौरा: भारत–जर्मनी रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्षों का जश्न और आर्थिक सहयोग को नई दिशा

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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 23 अक्टूबर 2025 से बर्लिन (जर्मनी) के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। यह यात्रा भारत और जर्मनी के बीच साझेदारी को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगी। वर्ष 2025 भारत–जर्मनी रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ भी है, जो दोनों देशों के दीर्घकालिक, मजबूत और लचीले संबंधों का प्रतीक है।

इस यात्रा के दौरान, मंत्री गोयल जर्मनी और भारत दोनों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, उद्योगपतियों और व्यापार संघों के साथ उच्च-स्तरीय बैठकों और संवादों में भाग लेंगे।

मंत्री गोयल की मुलाकात जर्मनी की संघीय आर्थिक मामलों और ऊर्जा मंत्री कैथरीना राइखे तथा संघीय चांसलरी में आर्थिक और वित्तीय नीति सलाहकार एवं जर्मनी के G7 और G20 शेर्पा डॉ. लेविन हॉल से होगी। इन बैठकों में भारत-जर्मनी आर्थिक साझेदारी को और गतिशील बनाने तथा व्यापार और निवेश सहयोग के नए अवसरों की खोज पर चर्चा होगी।

इसके अलावा, मंत्री गोयल लक्ज़मबर्ग के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश और व्यापार मंत्री ज़ेवियर बेटेल से भी मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को सुदृढ़ करने, लक्ज़मबर्ग की आगामी भारत यात्रा, क्षेत्रीय विकास और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी।

बर्लिन में अपने प्रवास के दौरान,मंत्री गोयल “तीसरे बर्लिन ग्लोबल डायलॉग (BGD)” सम्मेलन में वक्ता के रूप में भाग लेंगे। यह वार्षिक वैश्विक सम्मेलन है जिसमें दुनिया भर के व्यापार, शासन और शिक्षा जगत के नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने वाले मुद्दों पर चर्चा करते हैं। मंत्री “लीडर्स डायलॉग: ग्रोइंग टुगेदर – ट्रेड एंड एलायंसेस इन ए चेंजिंग वर्ल्ड” सत्र में पैनलिस्ट के रूप में भाग लेंगे। यह सत्र बदलते वैश्विक व्यापार परिदृश्य में राष्ट्रों और व्यवसायों के सहयोग और नए व्यापारिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण पर केंद्रित होगा।

यात्रा के दौरान मंत्री गोयल की मुलाकात जर्मनी की प्रमुख कंपनियों जैसे — Schaeffler Group, Renk Vehicle Mobility Solutions, Herrenknecht AG, Infineon Technologies AG, Enertrag SE और Mercedes-Benz Group AG के CEOs से होगी। इसके अलावा वे जर्मन मिटलस्टैंड कंपनियों के प्रमुखों के साथ गोलमेज बैठक की अध्यक्षता करेंगे तथा Federation of German Industries (BDI) और Asia-Pacific Association of German Business (APA) के प्रतिनिधियों से भी मिलेंगे।

इन बैठकों का उद्देश्य भारत और जर्मनी के बीच निवेश, नवाचार, सतत विकास और उन्नत विनिर्माण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।

यह यात्रा भारत और यूरोपीय साझेदारों के बीच रणनीतिक प्राथमिकताओं के बढ़ते सामंजस्य को दर्शाती है, जो नवाचार, लचीलापन और साझा समृद्धि पर आधारित दीर्घकालिक आर्थिक साझेदारी को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है।

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