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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकता नगर में ‘म्यूज़ियम ऑफ रॉयल किंगडम्स ऑफ इंडिया’ की आधारशिला रखी — भारत की शाही विरासत और राष्ट्रीय एकता को समर्पित एक भव्य पहल

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परिचय

राष्ट्रीय एकता दिवस की पूर्व संध्या पर, साझा विरासत और एकता के संकल्प के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘म्यूज़ियम ऑफ रॉयल किंगडम्स ऑफ इंडिया’ की आधारशिला रखी। यह संग्रहालय भारत की शाही और राजवंशीय विरासत को सम्मान देने का एक भव्य प्रयास है, जो ₹367 करोड़ की अनुमानित लागत से एकता नगर स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में पाँच एकड़ भूमि पर निर्मित किया जाएगा।

संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत स्थापित यह संग्रहालय भारत के शाही राज्यों और राजवंशों की गौरवशाली धरोहर को संरक्षित और प्रदर्शित करेगा। इसमें विभिन्न राजवंशों और रियासतों से संबंधित राजचिह्न, कलाकृतियाँ, वस्त्र, पांडुलिपियाँ, चित्रकला और अभिलेखीय सामग्री प्रदर्शित की जाएगी। चार थीम आधारित गैलरियों के माध्यम से यह संग्रहालय आगंतुकों को एक इंटरैक्टिव अनुभव प्रदान करेगा, जो इतिहास, एकता और त्याग की भावना से प्रेरित करेगा।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारत की स्वतंत्रता के समय, देश ब्रिटिश प्रशासनिक क्षेत्रों और 550 से अधिक रियासतों में विभाजित था। इन रियासतों का भारतीय संघ में एकीकरण स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाता है।

उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में, रियासतों के शासकों को ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ के माध्यम से भारत में विलय के लिए राज़ी किया गया। 1949 तक लगभग सभी रियासतें भारतीय संघ का हिस्सा बन गईं, जिसने एक एकीकृत और संप्रभु गणराज्य की नींव रखी। यह शांतिपूर्ण एकीकरण भारत की कूटनीतिक कुशलता, समावेशिता और राष्ट्र निर्माण की भावना का प्रतीक है।

मुख्य उद्देश्य

इस संग्रहालय की स्थापना निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ की जा रही है:

  • भारत की शाही और रियासती विरासत का दस्तावेजीकरण और प्रदर्शन करना।

  • उन ऐतिहासिक कलाकृतियों और अभिलेखों को संरक्षित करना जो भारत की सांस्कृतिक एकता और पहचान को दर्शाते हैं।

  • जनता को भारत के एकीकरण की ऐतिहासिक प्रक्रिया, रियासतों के योगदान और शासन के विकास के बारे में शिक्षित करना।

  • भारत की शाही और लोकतांत्रिक विरासत पर शोध, संरक्षण और सार्वजनिक अधिगम का एक प्रमुख केंद्र बनना।

मुख्य डिज़ाइन विशेषताएँ

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 से प्रेरित होकर, संग्रहालय में एक इंटरएक्टिव और अनुभवात्मक अधिगम गैलरी होगी, जो इतिहास को जीवंत तरीके से प्रस्तुत करेगी।

  • संग्रहालय की वास्तुकला प्राकृतिक परिदृश्य के साथ सामंजस्य बिठाती है, जिसमें जल निकाय, फव्वारे, आंगन और उद्यान प्रमुख संरचनात्मक तत्व हैं।

  • प्रवेश द्वार शाही बाग़ों से प्रेरित लैंडस्केप के माध्यम से होगा, जो अंदर की भव्यता का अनुभव कराएगा।

  • यात्रा का समापन म्यूज़ियम कैफ़े में होगा, जहाँ पर्यटक राजसी व्यंजन का आनंद लेते हुए अपने अनुभव पर विचार कर सकेंगे।

गैलरी अवलोकन

  1. गैलरी 1: ओरिएंटेशन गैलरी – फिल्मों और ऑडियो-विज़ुअल माध्यमों के ज़रिए शाही इतिहास और संग्रहालय की कहानी का परिचय।

  2. गैलरी 2: “द थ्रोन एंड द स्टेट” – राजपरिवारों, शासन व्यवस्था, जनकल्याण नीतियों और प्रजा के प्रति उनके स्नेह को प्रदर्शित करेगी।

    • व्यूइंग लाउंज और डेक से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और नर्मदा नदी का विहंगम दृश्य देखा जा सकेगा।

  3. गैलरी 3: “द स्टोरी ऑफ़ इंडिया’स इंटीग्रेशन” – भारत के राजनीतिक एकीकरण से जुड़े ऐतिहासिक घटनाक्रम और दस्तावेज़ों को प्रदर्शित करेगी।

  4. गैलरी 4: “हॉल ऑफ यूनिटी” – सभी रियासतों के प्रतीक और चिन्हों को प्रदर्शित करेगी, जिन्होंने भारत की एकता में योगदान दिया।

निष्कर्ष

रियासतों का एकीकरण स्वतंत्र भारत की असाधारण उपलब्धि है, जो "एकता में विविधता" की भावना का प्रतीक है। प्रस्तावित ‘म्यूज़ियम ऑफ रॉयल किंगडम्स ऑफ इंडिया’ इस ऐतिहासिक प्रक्रिया का उत्सव मनाएगा, भारत की शाही विरासत को संरक्षित करेगा और उनके योगदान को राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रदर्शित करेगा।

यह संग्रहालय अतीत की विरासत और आधुनिक तकनीक का संगम होगा — एक जीवंत प्रतीक के रूप में, जो भारत की सांस्कृतिक एकता और गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाएगा।


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