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कोयला मंत्रालय करेगा ‘कोयला शक्ति’ स्मार्ट कोल एनालिटिक्स डैशबोर्ड लॉन्च: डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

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नई दिल्ली-डिजिटल परिवर्तन और डेटा-आधारित शासन को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में, कोयला मंत्रालय जल्द ही “कोयला शक्ति” (Koyla Shakti) नामक एक स्मार्ट कोल एनालिटिक्स डैशबोर्ड (Smart Coal Analytics Dashboard) लॉन्च करने जा रहा है। यह एक एकीकृत प्लेटफॉर्म होगा, जो कोयला क्षेत्र के संचालन की रीयल-टाइम निगरानी और विश्लेषण की सुविधा प्रदान करेगा।

इस डैशबोर्ड का शुभारंभ 29 अक्टूबर 2025 को द ओबेरॉय होटल, नई दिल्ली में किया जाएगा। इस अवसर पर कोयला एवं खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया को सशक्त करने और टेक्नोलॉजी आधारित सुशासन के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, कोयला मंत्रालय लगातार कोयला क्षेत्र में डिजिटल सिस्टम्स के एकीकरण की दिशा में कार्य कर रहा है।
कोयला शक्ति का शुभारंभ इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है — यह कोयला उत्पादन, परिवहन और आपूर्ति की निगरानी के लिए एक एकीकृत रीयल-टाइम डिजिटल इंटरफेस प्रदान करेगा। यह मंच डेटा-आधारित निर्णय लेने, पारदर्शिता बढ़ाने और पूरे कोयला पारिस्थितिकी तंत्र में दक्षता सुनिश्चित करेगा।

कोयला शक्ति के बारे में

कोयला शक्ति – स्मार्ट कोल एनालिटिक्स डैशबोर्ड (SCAD) को कोयला मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है। यह एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो विभिन्न हितधारकों से प्राप्त डेटा को एकीकृत करता है, जिनमें शामिल हैं —

  • कोयला उत्पादन कंपनियाँ एवं निजी खननकर्ता

  • केंद्रीय मंत्रालय एवं विभाग — कोयला, रेल, विद्युत, वित्त, बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग

  • राज्य सरकारों के खनिज विभाग (ई-खानिज प्लेटफॉर्म)

  • बिजली उत्पादन कंपनियाँ एवं औद्योगिक कोयला उपभोक्ता

  • बंदरगाह प्राधिकरण और निजी कोयला हैंडलिंग टर्मिनल

प्रमुख उद्देश्य एवं विशेषताएँ

मुख्य उद्देश्य: कोयला आपूर्ति श्रृंखला में परिचालन दक्षता, पारदर्शिता और समन्वय को मजबूत बनाना।

मुख्य विशेषताएँ:

  1. एकीकृत दृश्यता: विभिन्न स्रोतों से डेटा को एक ही प्लेटफॉर्म पर एकीकृत करना।

  2. रीयल-टाइम निगरानी: कोयला उत्पादन, डिस्पैच और लॉजिस्टिक्स की सतत निगरानी।

  3. डेटा-आधारित निर्णय: नीतिगत और प्रबंधन निर्णयों के लिए विश्लेषणात्मक उपकरण।

  4. त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली: समस्याओं के शीघ्र समाधान हेतु अलर्ट और सूचनाएँ।

  5. मानकीकरण: एकरूप रिपोर्टिंग प्रारूप और मापदंड।

  6. संचालन दक्षता: मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग को सरल बनाना एवं मानवीय त्रुटियों को कम करना।

  7. विस्तार क्षमता (Scalability): भविष्य की डिजिटल प्रणालियों और अतिरिक्त डेटा सेट्स के साथ एकीकरण की सुविधा।

  8. पारदर्शिता एवं जवाबदेही: प्रदर्शन संकेतकों की दृश्यता सभी हितधारकों के लिए सुनिश्चित करना।

  9. नीतिगत योजना और पूर्वानुमान: मांग पूर्वानुमान और रणनीतिक योजना के लिए विश्लेषणात्मक अंतर्दृष्टि प्रदान करना।

डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बना रही है।
कोयला शक्ति का शुभारंभ इस दिशा में कोयला मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है — जो पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता कोयला शासन में स्थापित करने का प्रयास है।

कोयला मंत्रालय तकनीक के माध्यम से सतत संसाधन प्रबंधन, संचालनिक निगरानी और जन विश्वास को सुदृढ़ करने की दिशा में अग्रसर है, जिससे भारत आत्मनिर्भर भारत और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है।

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