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कोयला मंत्रालय ने जारी किए 5 कोयला खदानों के वेस्टिंग ऑर्डर, रोजगार और निवेश में होगी बड़ी बढ़ोतरी

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कोयला मंत्रालय ने अपने नामित प्राधिकरण (Nominated Authority) के माध्यम से आज 5 कोयला खदानों के लिए वेस्टिंग ऑर्डर (Vesting Orders) जारी किए हैं। इन खदानों के लिए कोल माइन डेवलपमेंट एंड प्रोडक्शन एग्रीमेंट्स (CMDPA) 21 अगस्त 2025 को हस्ताक्षरित किए गए थे।

जिन कोयला खदानों के लिए वेस्टिंग ऑर्डर जारी किए गए हैं, वे हैं —

तांदसी-III और तांदसी-III एक्सटेंशन, सेंदुरी, वेस्ट ऑफ ट्यूब्ड, चितरपुर (संशोधित), और फुटामुरा।
इनमें से चार खदानें आंशिक रूप से अन्वेषित हैं, जबकि एक खदान पूर्ण रूप से अन्वेषित है। इनकी पीक रेटेड क्षमता (PRC) लगभग 3.45 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) है तथा इनका भूवैज्ञानिक भंडार लगभग 1,556.31 मिलियन टन (MT) है।

इन खदानों से प्रति वर्ष लगभग ₹360 करोड़ का राजस्व उत्पन्न होने की संभावना है और लगभग ₹517 करोड़ का पूंजी निवेश आकर्षित होगा। इसके साथ ही, ये खदानें लगभग 4,664 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी।

इन वेस्टिंग ऑर्डर्स के जारी होने के साथ, अब तक 125 कोयला खदानें वाणिज्यिक कोयला नीलामी के तहत आवंटित या वेस्ट की जा चुकी हैं। सामूहिक रूप से, इन खदानों की कुल PRC लगभग 265.844 MTPA है, जिनसे प्रति वर्ष लगभग ₹37,463 करोड़ का राजस्व प्राप्त होने और लगभग 3,59,400 लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है।

यह उपलब्धि भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने और निवेश आधारित कोयला क्षेत्र को प्रोत्साहित करने की दिशा में कोयला मंत्रालय की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। पारदर्शिता, सतत खनन और निजी भागीदारी को बढ़ावा देकर मंत्रालय आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और ‘विकसित भारत’ की राष्ट्रीय दृष्टि को साकार करने में अहम भूमिका निभा रहा है।

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