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केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) का 52वां स्थापना दिवस समारोह

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केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA), जो विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत शीर्ष तकनीकी संगठन है, ने अपना 52वां स्थापना दिवस 11 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय जल आयोग (CWC), सेक्टर-1, आर.के. पुरम, नई दिल्ली स्थित ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी भवन में आयोजित किया। इस समारोह का मुख्य उद्देश्य देश में वर्ष 2047 तक 100 गीगावॉट (GW) परमाणु क्षमता के विकास के रोडमैप पर विचार-विमर्श करना था, जो भारत के दीर्घकालिक ऊर्जा और जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप है।

देश के सभी उपभोक्ताओं को 24×7 गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के विजन की दिशा में कार्य करते हुए, CEA भारत के विद्युत क्षेत्र के विकास में अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। अपनी स्थापना से लेकर पिछले पाँच दशकों में प्राधिकरण ने देश को विश्वसनीय और सतत विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पंकज अग्रवाल, सचिव, विद्युत मंत्रालय, उपस्थित रहे। इस समारोह में विद्युत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रतिनिधि, राज्य विद्युत उपयोगिताएँ, उद्योग संघों के सदस्य, तथा CEA के अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हुए।

अपने संबोधन में पंकज अग्रवाल ने भारतीय विद्युत क्षेत्र के समन्वित विकास में CEA के उत्कृष्ट योगदान की सराहना की। उन्होंने नीतिगत निर्माण, विद्युत प्रणाली नियोजन, और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने में CEA की भूमिका को रेखांकित किया, जिससे देश में विश्वसनीय, किफायती और सतत विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा कि भारत के “नेट-ज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्य – 2070” की दिशा में अग्रसर होने के साथ, CEA की भूमिका नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण, परमाणु क्षमता विस्तार, और ग्रिड सुरक्षा एवं लचीलापन बढ़ाने में अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।

अपने स्वागत भाषण में घनश्याम प्रसाद, अध्यक्ष, CEA, ने वर्ष 1973 में स्थापना के बाद से प्राधिकरण की यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने उत्पादन और प्रसारण योजना, तकनीकी मानकों के निर्माण, तथा विद्युत ग्रिड के आधुनिकीकरण में प्राधिकरण की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने डेटा-आधारित निर्णय-निर्माण, डिजिटलीकरण और नवाचार के बढ़ते महत्व पर बल दिया, जिससे भारत के विद्युत क्षेत्र को अधिक सतत और दक्ष बनाया जा सके।

स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष, CEA, द्वारा कई महत्वपूर्ण प्रकाशन और पहलें जारी की गईं —

  1. ‘विद्युत वाहिनी’ (Vidyut Vahini) — हिंदी त्रैमासिक पत्रिका (विशेषांक) का विमोचन, जिसका विषय था “विद्युत क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा का योगदान”, जिसे CEA द्वारा प्रकाशित किया गया।

  2. “Road Map for Achieving the Goal of 100 GW of Nuclear Capacity by 2047” का विमोचन — यह दस्तावेज़ भारत की परमाणु उत्पादन क्षमता को 2047 तक 100 गीगावॉट तक बढ़ाने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शिका प्रस्तुत करता है।

  3. “Master Plan for Evacuation of Power from Hydroelectric Plants in the Brahmaputra Basin” का विमोचन — यह रिपोर्ट लगभग 65 गीगावॉट जलविद्युत क्षमता के निर्गमन हेतु आवश्यक चरणबद्ध प्रसारण अवसंरचना का विवरण देती है और जलविद्युत परियोजनाओं के नियोजन में मार्गदर्शन करेगी।

  4. “Electrical Accident Data Monitoring System (EADMS)” पोर्टल का शुभारंभ — CEA की यह डिजिटल पहल देशभर में विद्युत दुर्घटनाओं की रिपोर्टिंग, विश्लेषण और कमी के लिए एक केंद्रीकृत मंच प्रदान करेगी, जिससे सुरक्षा निगरानी और नीति हस्तक्षेप को सुदृढ़ किया जा सकेगा।

इस अवसर पर पंकज अग्रवाल द्वारा विद्युत क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले CEA के अधिकारियों को पुरस्कार भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम के अंतर्गत “नेट ज़ीरो हेतु परमाणु ऊर्जा: अवसर, चुनौतियाँ और मार्ग” विषय पर एक विशेष तकनीकी सत्र भी आयोजित किया गया। इस सत्र में प्रतिष्ठित वक्ताओं और क्षेत्र विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।

डॉ. आर. बी. ग्रोवर, सदस्य, परमाणु ऊर्जा आयोग एवं एमेरिटस प्रोफेसर, होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान, ने “न्यूक्लियर, नवीकरणीय और अन्य स्रोतों के साथ एकीकृत ऊर्जा प्रणाली” पर व्याख्यान दिया, जिसमें परमाणु ऊर्जा की भूमिका को गहराई से कार्बन उत्सर्जन कम करने में सहायक बताया गया।

एस. ए. भारद्वाज, पूर्व अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (AERB), ने “परमाणु ईंधन चक्र और उन्नत रिएक्टर प्रौद्योगिकी की संभावनाएँ” विषय पर प्रस्तुति दी, जिसमें तकनीकी नवाचारों और सुरक्षा उपायों पर प्रकाश डाला गया।

सत्र में NTPC लिमिटेड, टाटा पावर, अदाणी पावर, एल एंड टी, तथा EDF के प्रतिनिधियों ने भी उद्योग सहयोग, तकनीकी अपनाने, और परमाणु क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं पर अपने विचार साझा किए। चर्चा का समापन विशेषज्ञों की समापन टिप्पणियों और प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ।

स्थापना दिवस समारोह ने यह पुनः पुष्टि की कि CEA नवाचार, स्थिरता, और लचीलापन के माध्यम से भारत के विद्युत क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। यह आयोजन भारत के ऊर्जा परिवर्तन में CEA की तकनीकी, सहयोगात्मक और रणनीतिक भूमिका का प्रमाण प्रस्तुत करता है।


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