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बंदूक से नहीं, बल्कि कलम और कलमकारों से होगी बस्तर की पहचान: CM बघेल






मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने जगदलपुर में हाता ग्राउंड के सामने लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय (Bastar identified for art)का अवलोकन करने के साथ ही यहां संचालित गतिविधियों का भी अवलोकन किया। इस तीन मंजिला भवन में आयोजित विभिन्न गतिविधियों को देखने के साथ ही इसका लाभ उठा रहे लोगों से बातचीत भी की।









'बंदूक से नहीं, कलम और कलमकारों से होगी बस्तर की पहचान'(Bastar identified for art)





सीएम बघेल ने कहा कि बस्तर की पहचान अब बंदूक से नहीं बल्कि कलम से होगी। उन्होंने यह बात जगदलपुर में लाला जगदलपुरी जिला संग्रहालय (Lala Jagdalpur District Museum) के लोकार्पण के अवसर पर कही। इसके साथ ही उन्होंने लाला जगदलपुरी के जन्म शताब्दी पर आयोजित साहित्य सम्मेलन का समापन भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लाला जगदलपुरी के नाम पर पुरस्कार प्रदान करने के साथ ही हर साल साहित्य सम्मेलन के आयोजन की घोषणा की।





ग्रंथालय में लाला जगदलपुरी से जुड़ी वस्तुओं को बताया अनमोल धरोहर(Bastar identified for art)





ग्रंथालय में लाला जगदलपुरी (Lala Jagdalpur District Museum) की कृतियों के साथ ही दैनिक उपयोग में उपयोग की जाने वाली सामग्री को भी संग्रहित किया गया है। मुख्यमंत्री ने इन वस्तुओं को अमूल्य धरोहर बताया। उन्होंने इस अवसर पर लाला जगदलपुरी के परिजनों से भी भेंट की।





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वहीं CM ने बस्तर की धरोहरों को संरक्षित करने का काम किए जाने की बात भी कही। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि बस्तर को पहले दशहरा, घोटुल, मुर्गा लड़ाई और यहां की प्राकृतिक सुंदरता के तौर पर जाना जाता था। उसके बाद लाल आतंक के कारण बस्तर के साथ-साथ पूरे प्रदेश की पहचान नक्सलगढ़ के रुप में होने लगी, लेकिन अब बस्तर की पहचान बदल रही है और इस क्षेत्र की पहचान बंदूक से नहीं बल्कि कलम और कलमकारों से होगी।









मुख्यमंत्री ने कहा कि लालाजी के यश के मुताबिक ही इस भव्य ग्रंथालय का निर्माण किया गया है। उन्होंने इस ग्रंथालय को बहुत ही सुंदर बताते हुए कहा कि यहां सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए यहां पाठ्य सामग्री उपलब्ध है। बच्चों के लिए बाल साहित्य, बुजुर्गों और साहित्यप्रेमियों की रुचि के साहित्य के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए भी यहां भरपूर पठन सामग्री उपलब्ध है। उन्होंने यहां सुरक्षा के लिए किए गए व्यवस्था की भी जमकर तारीफ की।





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मुख्यमंत्री ने इस ग्रंथालय को चौबीसों घंटे खुले रखने पर भी प्रशंसा करते हुए कहा कि एक समय था, जब इस क्षेत्र में शाम होने के बाद पेट्रोल नहीं मिलता था, लेकिन इस ग्रंथालय में अब पूरे चौबीसों घंटे अध्ययन की सुविधा मिलेगी, जो यहां हुए बदलाव का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि यहां ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन पाठ्य सामग्री और साहित्य उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हुए बदलाव का परिणाम है कि अबूझमाड़ और बीजापुर के बच्चे अपनी प्रतिभा से अपनी पहचान बना रहे हैं।





CM ने की बस्तरवासियों से अपील(Bastar identified for art)





सीएम बघेल ने बस्तर को साहित्यकारों की भूमि बताते हुए कहा कि इस ग्रंथालय के बनने से उन्हें अच्छी सुविधा मिलेगी और साहित्य के विकास का जो माहौल तैयार हुआ है, उसे आगे बढ़ाए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने नई पीढ़ी से अपील करते हुए कहा कि वे नई कलम से नई इबारत लिखें। उन्होंने 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के साथ-साथ गढ़बो नवा बस्तर और गढ़बो नवा जगदलपुर' के संकल्प को साकार करने की अपील की।





चार किताबों का किया विमोचन





मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बस्तर दशहरा, कांगेर का संसार, बस्तर माटी की गूंज और कीर्तिशेष लाला जगदलपुरी जन्म शताब्दी समारोह नामक चार किताबों का विमोचन किया। इस अवसर पर सांसद दीपक बैज, हस्तशिल्प बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एमआर निषाद सहित जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर रजत बंसल और पुलिस अधीक्षक दीपक झा उपस्थित रहे।









दिखी मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी लेने की होड़





मुख्यमंत्री बास्तानार में अपने व्यस्ततम कार्यक्रम से होकर सीधे एयरपोर्ट पहुंचे और वहां एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद ग्रंथालय पहुंचे। यहां शिला पट्टिका का अनावरण करने के साथ ही लाला जगदलपुरी की प्रतिमा का अनावरण भी किया। इसके बाद वे जब यहां संचालित गतिविधियों को देखने के लिए भवन का भ्रमण करते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के बीच पहुंचे, तब उनके साथ सेल्फी लेने से युवा अपने आप को नहीं रोक सके और मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी लेने की इच्छा जताई। इसके बाद इन युवाओं में मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी लेने की होड़ दिखाई दी।









बच्चों ने अंग्रेजी में बताई भारत के राज्यों की विशेषताएं





यहां छोटे-छोटे बच्चों ने अंग्रेजी में ज्यामितिय संरचनाओं के बारे में बताया। इसके साथ ही सौर मंडल के मॉडल के माध्यम से ग्रहों की स्थिति के साथ-साथ भारत के थ्री डी नक्शे में विभिन्न प्रदेशों की राजनैतिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में बताया।









बच्चों के सामने खेला लूडो





यहां बच्चों के अध्ययन के साथ साथ मनोरंजन के लिए भी भरपूर व्यवस्था की गई है। यहां बच्चों के मानसिक विकास के लिए अबेकस जैसी खेल गतिविधयां संचालित की जा रही है, वहीं मनोरंजन के लिए विशाल लूडो चार्ट भी बनाया गया है, जिसमें बच्चे गोटियों को आगे बढ़ाने के बजाए खुद आगे बढ़ते हैं। इस लूडो चार्ट को देखकर मुख्यमंत्री बघेल ने भी सांसद दीपक बैज के साथ लूडो खेलने की इच्छा जताई।


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