72 वे गणतंत्र दिवस पर छत्तीसगढ़ के मशहूर कलाकार और पंथी नृतक डा. राधेश्याम बारले (Dr. Radhesyam barle Recived Padmashree) को भारत के प्रतिष्ठित सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने कल देर शाम पद्मश्री अलंकरण की घोषणा की। जिसमें डॉ. राधेश्याम बारले सहित 119 शामिल हैं। इससे पहले छत्तीसगढ़ के 16 लोगों को ये अवॉर्ड मिल चूका है। इस अवॉर्ड की घोषणा के बाद CM भूपेश बघेल ने डॉ. राधेश्याम बारले को शुभकामनाएं दी।
कला साधना से किया गौरवान्वित
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि डॉ. बारले ने अपने नृत्य और पंथी कला के माध्यम से छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को ख्याति दिलायी है। साथ ही अपनी कला साधना से छत्तीसगढ़ और देश को गौरवान्वित किया है।
दुर्ग जिले के रहने वाले हैं डॉ. बारले
डॉ. बारले का जन्म दुर्ग जिले के पाटन तहसील के ग्राम खोला में 9 अक्टूबर 1966 को हुआ. इन्होंने एम.बी.बी.एस. के साथ ही इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से लोक संगीत में डिप्लोमा किया है. डॉ. बारले (Dr. Radhesyam barle Recived Padmashree)को उनकी कला साधना के लिए इससे पहले भी कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है
अब तक इनको मिल चुका है पद्म सम्मान
छत्तीसगढ़ में तीजन बाई, डॉ. द्विजेंद्रनाथ मुखर्जी, पंडित मुकुटधर पाण्डेय, राजमोहिनी देवी, हबीब तनवीर, दामोदर गणेश बापट, शमशाद बेगम, फूलबासन बाई यादव, भारती बंधु, अनुज शर्मा, शेखर सेन, सबा अंजुम, ममता चंद्राकर, अरुण शर्मा, श्यामलाल चतुर्वेदी, मदन सिंह चौहान को पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है.