Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

बच्चों को रोचक ढंग से दें उपचारात्मक शिक्षा : डॉ. आलोक शुक्ला


प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा है कि शिक्षक पढ़ाई में कमजोर बच्चों को रोचक ढंग से उपचारात्मक शिक्षा (Children Remedial Education)दें। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों को दैनिक जीवन से जुड़े उदाहरण के द्वारा विषय-वस्तु की जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ना, लिखना और गणित के सवाल हल करना आना चाहिए।













पढ़ें: नई दिल्ली में बम विस्फोट, आतंकी हमले की आशंका





हमारा पूरा ध्यान सीखने पर ही हो, इसका आंकलन मार्च माह तक पूर्ण कर लिया जाए। डॉ. शुक्ला आज राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद में आकलन और उपचारात्मक शिक्षण पर आयोजित राज्य स्तरीय वेबीनार में शिक्षकों और अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। वेबीनार में एक लाख से ज्यादा शिक्षक शामिल हुए।





आकलन और उपचारात्मक शिक्षण पर राज्य स्तरीय वेबीनार(Children Remedial Education)





प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. शुक्ला ने कहा कि शिक्षकों का अंतिम लक्ष्य आंकलन नहीं, बल्कि उन बच्चों को उपचारात्मक शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए 100 दिन के एक लक्ष्य कार्यक्रम संचालित किया जाए। इस कार्यक्रम में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत राज्य के सभी बच्चों को हिन्दी भाषा और गणित में न्यूनतम दक्षता हासिल कराने के लिए पूरा प्रयास किया जाए।





ये भी पढ़ें- दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को न बनाएं बलि का बकरा : मायावती





डॉ. आलोक ने राज्य, जिला, विकासखण्ड और संकुल स्तर के अधिकारियों को उपचारात्मक शिक्षा की सघन मानीटरिंग के निर्देश दिए। डॉ. शुक्ला ने कोरोना काल में शिक्षकों द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि न केवल राज्य स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर राज्य में किए जा रहे कार्यों की सराहना मिल रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नीति आयोग और प्रधानमंत्री ने भी इसकी प्रशंसा की है।









पढ़ें: आवास में लटका मिला जज का शव, कारणों का नहीं चला पता





राज्य स्तरीय वेबीनार में उपस्थित मिशन संचालक और संचालक समग्र शिक्षा जितेन्द्र शुक्ला ने बच्चों के स्तर तक सोच कर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने वेबीनार में उपस्थित संबंधितों को निर्देशित किया कि बच्चों के स्तर तक जाकर उनको सरल रूप से समझाया जाए। बच्चों को नए शिक्षा सत्र में किस प्रकार से आगे की कक्षाओं में जोड़े कि उस कक्षा के अनुरूप लर्निंग आउटकम प्राप्त हो सके।





तकनीकी पहलुओं की जानकारी(Children Remedial Education)





संचालक एससीईआरटी डी. राहुल वेंकट ने उपचारात्मक शिक्षण पर विस्तृत दिशा-निर्देश राज्य के शिक्षकों को दिए। एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक योगेश शिवहरे, सहायक संचालक समग्र शिक्षा एम. सुधीश, एससीईआरटी के सी.पी.आर. साहू, विद्या डांगी ने गणित और भाषा शिक्षा में उपचारात्मक शिक्षण की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। वहीं सत्यराज अय्यर और अजय वर्मा ने उपचारात्मक शिक्षण के तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी।









डीजीपी ने किया समस्याओं का त्वरित निराकरण





डीजीपी श्री डीएम अवस्थी ने आज खुशियों का शुक्रवार कार्यक्रम में पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का निराकरण किया। दंतेवाड़ा में पदस्थ सब इंस्पेक्टर ने बताया कि वे 37 सालों से सेवा दे रहे हैं और सेवा निवृत्ति लगभग एक साल बची हुई है। मेरा स्थानांतरण कांकेर कर दिया जाए। महिला आरक्षक ने कहा कि माता-पिता का स्वर्गवास होने के बाद पारिवारिक जिम्मदारियों के चलते पीटीएस माना से रायगढ़ स्थानांतरण कर दिया जाए।





पढ़ें: CRPF जवानों में खूनी संघर्ष, गोली लगने से एक की मौत, 2 घायल





बलौदाबाजार में पदस्थ आरक्षक ने बताया कि उनकी मां को गंभीर बिमारी है जिसके लिए उनका स्थानांतरण बिलासपुर कर दिया जाए, ताकि वे मां का बेहत्तर इलाज करा सके। राजनांदगांव में पदस्थ महिला आरक्षक ने कहा कि सड़क दुर्घटना के बाद उनके पति के शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं करता है। कृपया मुझे राजनांदगांव में ही डीसीआरबी में ही कर दिया जाए।





संवेदनशीलता के आधार पर तत्काल स्थानांतरण आदेश जारी





18वीं बटालियन में पदस्थ प्रधान आरक्षक ने बताया कि उनकी चार साल की बेटी पैरालिसिस से पीड़ित है। उसका इलाज कराने की व्यवस्था 8वीं बटालियन में कर दिया जाए। डीजीपी डीएम अवस्थी ने सभी प्रकरणों में संवेदनशीलता के आधार पर तत्काल स्थानांतरण आदेश जारी कर दिए।


Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.