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सरकारी कर्मचारी के पत्नी को साथ रखने से इंकार करने पर महिला आयोग हुआ सख्त


छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने शुक्रवार को प्रार्थना भवन में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों की जनसुनवाई की। इस दौरान एक आवेदिका द्वारा शिकायत की गई, कि जल संसाधन विभाग में कार्यरत अनावेदक उसके पति शासकीय कर्मचारी है, जो उन्हें अपनी पत्नी मानने से इंकार कर रहे हैं। समस्त दस्तावेजों की जांच के बाद महिला आयोग(Women Commission News) द्वारा शासकीय कर्मचारी के खिलाफ सिविल सेवा आचरण संहिता के तहत विभागीय जांच के निर्देश दिए गए।





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बिलासपुर जिले में पिछली सुनवाई में आवेदिका द्वारा अनावेदक प्रधान आरक्षक के खिलाफ दैहिक शोषण का आरोप लगाया था। आयोग से निर्देश मिलने पर पुलिस विभाग द्वारा प्रधान आरक्षक पर FIR दर्ज हुई है। न्याय मिलने से महिला ने शुक्रवार खुद उपस्थित होकर महिला आयोग अध्यक्ष और पूरी टीम को धन्यवाद दिया। दो दिवसीय सुनवाई में लगभग 44 प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 12 प्रकरण निरस्त किए गए हैं।





अगली जनसुनवाई में की जाएगी सुनवाई(Women Commission News)





वहीं 03 नए प्रकरण पंजीबद्ध किए गए है। बाकी प्रकरणों की सुनवाई अगली जनसुनवाई में की जाएगी। शुक्रवार को आयोजित सुनवाई में मारपीट, भरण-पोषण के मामले में आवेदिका ने अपने पति अनावेदक खिलाफ शिकायत की, कि वह उसे कामवाली बता रहा है।





सिविल सेवा आचरण संहिता के तहत दिए विभागीय जांच के निर्देश(Women Commission News)





अनावेदक जल संसाधन विभाग में शासकीय कर्मचारी है। आवेदिका ने स्टेट बैंक का पासबुक, आधार कार्ड, अपना वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड और दाम्पत्य जीवन के कई फोटो प्रस्तुत किए, जिनमें आवेदिका और अनावेदक साथ खड़े हुए है।





सिविल सेवा आचरण संहिता के तहत कार्रवाई





अनावेदक 14 साल तक दाम्पत्य जीवन में आवेदिका के साथ रहा और साल 2019 में उसे किराये के मकान पर छोड़कर चला गया। उभय पक्ष को सुनने के बाद आयोग ने अनावेदक के मुख्य कार्यालय को समस्त दस्तावेज भेजते हुए अनावेदक के हस्ताक्षर फोरेंसिक जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए। जांच की प्रति आयोग को उपलब्ध कराने कहा गया। साथ ही अनावेदक के खिलाफ सिविल सेवा आचरण संहिता के तहत कार्रवाई करने के निर्देश मुख्य अभियंता बांगो परियोजना को दिए।





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एक अन्य प्रकरण में आवेदिका द्वारा अनावेदक अपने बच्चों और देवर के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना की शिकायत की गई। अध्यक्ष द्वारा उभय पक्ष को सुना गया और प्रकरण निरस्त करते हुए निर्णय लिया गया कि मां अपने बच्चों के खिलाफ केस नहीं कर सकती।





कोटा से महिला को सखी सेंटर द्वारा लाया गया सुरक्षित





महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा, परिवर्तित नाम कमला बाई नाग उम्र 40 साल ( मानसिक रूप से विक्षिप्त )को सकुशल घर वापसी कराया गया। कमला बाई का परिवार गरीबी रेखा के जीवन यापन करने वाला परिवार है, जो कि राजस्थान से अपने माता को लाने में असमर्थ था।





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कंवलनार ग्राम पंचायत की कमला बाई नाग 2-3 साल से मानसिक रूप से विक्षिप्त अवस्था में घर से भटकते-भटकते दूसरे राज्य राजस्थान के कोटा जिले में पहुंच गई थी। जहां पुलिस विभाग के द्वारा नारी निकेतन में दाखिला करवाया गया। वहां महिला से पूछताछ और परामर्श के द्वारा दंतेवाड़ा निवासी होने की जानकारी पता चली। साथ ही महिला के अपने परिजनों के पास जाने की इच्छा जाहिर करने पर नारी निकेतन कोटा के द्वारा नारी निकेतन दंतेवाड़ा संपर्क किया गया।





कमला और उनके परिजनों ने प्रशासन को दिया धन्यवाद





महिला एवं बाल विकास विभाग ने उनके परिजनों से संपर्क कर उनके बेटे राजेश नाग और देवर मनोज कुमार को शासकीय खर्च पर 17 जनवरी 2021 को राजस्थान कोटा भेजा था। जहां से 24 जनवरी 2021 को राजेश और मनोज ने अपनी माता कमला बाई नाग को सकुशल अपने गांव कंवलनार लाया। वापस घर पहुंचने के बाद कमला बाई नाग और उनके परिजनों ने विभाग और प्रशासन को धन्यवाद दिया।


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