नई दिल्ली : किसान आंदोलन (Farmer protest Live Update) को खत्म करने के प्रयास में जुटी केंद्र सरकार ने किसान नेताओं से मीटिंग के लिए आमंत्रण भेजा है। बताया जा रहा है कि आज दोपहर 3 बजे किसान नेताओं संग बैठक होगा। इससे पहले किसान नेताओं ने केंद्र की अपील को दरकिनार करते हुए सोमवार को कहा कि वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ 'निर्णायक लड़ाई' के लिए दिल्ली आए हैं और मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन (Farmer Protest) जारी रहेगा।
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प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर किया हमला
वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कानूनों का बचाव किया और विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि वे सरकार के फैसले पर भ्रम फैला रहे हैं। उधर, विपक्षी दलों ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है और कहा है कि केंद्र को किसानों के 'लोकतांत्रिक संघर्ष का सम्मान' (Farmer protest Live Update) करना चाहिए तथा संबंधित कानूनों को निरस्त करना चाहिए। प्रदर्शनकारी किसानों के एक प्रतिनिधि ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
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'मांगों से नहीं होगा समझौता'
भारतीय किसान यूनियन (दकौंडा) के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा, 'हम अपनी मांगों से समझौता नहीं कर सकते।'' उन्होंने कहा कि यदि सत्तारूढ़ पार्टी उनकी चिंता पर विचार नहीं करती तो उसे 'भारी कीमत' चुकानी होगी। किसानों के प्रतिनिधि ने कहा, 'हम यहां निर्णायक लड़ाई के लिए आए हैं।' उन्होंने कहा, 'हम दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे और यहां से अपनी रणनीति बनाएंगे। हम प्रधानमंत्री से यह कहने के लिए दिल्ली आए हैं कि वह किसानों के 'मन की बात' सुनें, अन्यथा सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी को भारी कीमत चुकानी होगी।'
31 मामले दर्ज किए गए
वहीं, भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आंदोलन को ''दबाने'' के लिए अब तक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लगभग 31 मामले दर्ज किए गए हैं। चढूनी ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने दावा किया कि नए कृषि कानूनों से देश के कृषि व्यवसाय पर कॉरपोरेट घरानों का एकाधिकार हो जाएगा।