छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक (Kiranmayi Nayak President of Chhattisgarh State Women Commission) ने मंगलवार को जांजगीर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन-सुनवाई की। सुनवाई में 21 प्रकरण रखे गये थे, जिसमें एक प्रकरण सुनवाई के पूर्व रजामंदी होने के कारण नस्तिबद्ध किया गया। इसी तरह 8 प्रकरणों को भी रजामंदी और सुनवाई योग्य नहीं होने के कारण नस्तीबद्ध किया गया।

अध्यक्ष नायक (Kiranmayi Nayak) ने महिलाओं को समझाइश देते हुए कहा कि घरेलू और अपसी मनमुटाव का समाधान परिवार के बीच किया जा सकता है। घर के बड़े बुजुर्गों का सम्मान और आपसी सामंजस्य सुखद गृहस्थ के लिए महत्वपूर्ण है। कलेक्टर सभाकक्ष में आयोजित सुनवाई में मुख्य रूप से महिलाओं से मारपीट, मानसिक प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, शारीरिक प्रताड़ना से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की गई।
इन प्रकरणों पर हुई सुनवाई
चांपा की महिला प्राध्यापक आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना की शिकायत की थी, जिसमें अनावेदक द्वारा बार-बार शिकायत करने का उल्लेख किया गया था। इस प्रकरण से संबंधित मामला उच्च न्यायालय लंबित है।

अध्यक्ष द्वारा अनावेदक को समझाइस देने पर स्वीकारतें हुए माफी मांगी और भविष्य में शिकायत नहीं करने और न्यायालय के आदेश को स्वीकारने के लिए सहमत हुए। एक अन्य प्रकरण में महिला ने अपने पति से मानसिक प्रताड़ना की शिकायत में भरण पोषण की मांग की थी। अध्यक्ष द्वारा समझाने पर अनावेदक ने पत्नि को नियमित भरण पोषण 15 हजार रूपए हर महीने बैंक अकाउंट में भेजना स्वीकार किया।

वहीं एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने मानसिक प्रताड़ना की शिकायत की थी। दोनों पक्ष की सुनवाई के बाद ग्राम पंचायत के विभागीय जांच का प्रकरण पाया गया। इस संबंध में जिला पंचायत CEO को जांच कर दो महीने के अंदर आयोग को सूचना देने के लिए कहा गया। जबकि अन्य दो प्रकरण में पुलिस अधीक्षक को पत्र जारी कर रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। सुनवाई के दौरान कलेक्टर यशवंत कुमार, एसपी पारूल माथुर सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।