Responsive Ad Slot


 

Showing posts with label राज्यपाल अनुसुईया उइके. Show all posts
Showing posts with label राज्यपाल अनुसुईया उइके. Show all posts

राज्यपाल उइके इफ्तार दावत में हुईं शामिल

No comments Document Thumbnail

राज्यपाल अनुसुईया उइके रायपुर के नेताजी सुभाष स्टेडियम में आयोजित इफ्तार दावत में शामिल हुईं। राज्यपाल उइके ने रोजादारों को संबोधित करते हुए उन्हें रमजान के इस पवित्र महीने के साथ आगामी ईद त्यौहार की भी शुभकामनाएं दी। उइके ने इफ्तार दावत में शरीक होने पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का इफ्तार दावत में सभी धर्मों के गुरूओं, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र के प्रख्यात लोगों को आमंत्रित करने पर बधाई दी। इस पावन अवसर पर उन्होंने आग्रह किया कि समाज के सभी धर्म के लोग इसी तरह मिलजुलकर समाज व देश के विकास में अपना योगदान दें।

उन्होंने कहा कि इन दो वर्षों के कठिन समय के बाद आज यह काफी सुखद अनुभूति है जब फिर से इफ्तार दावत का आयोजन किया गया है। राज्यपाल ने कहा कि आज यहां इफ्तार दावत में वास्तविक रूप में गंगा-जमुनी तहजीब देखने को मिल रहा है। भारत के लोग सदियों से इसी भाईचारे के साथ रहते आये हैं और परस्पर एक दूसरे का त्यौहार मनाते आए हैं। हमें इसी तरह एक दूसरे की आस्था का सम्मान करना चाहिए। रमजान का यह पवित्र महीना हमें बुराई का त्याग करने और सद्कार्य करने की सीख देता है। यह हमें स्नेह और प्रेम सिखाता है। उन्होंने ईश्वर से कामना की कि ईद का पवित्र त्यौहार समाज के सभी लोगों के लिए खुशियां लेकर आए और सभी की पवित्र इच्छाओं-आकांक्षाओं को पूरा करे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पवित्र रमजान की बधाई दी और कहा कि रमजान का यह महीना इबादत का महीना होता है। यह इंसान को बुराई से अच्छाई की ओर जाने के लिए प्रेरित करता है। इस पवित्र महीने में सभी के मन के भावों की अनुभूतियां एक जैसी हो जाती है। भावों और अनुभूतियों का एक हो जाना ही आध्यात्म की ऊंचाई है। उन्होंने मुस्लिम भाई को रमजान के इस कठिन तप के लिए शुभकामनाएं दी।

ये रहे उपस्थित 

इस अवसर पर सभी धर्म के धर्मगुरूओं ने एक दूसरे को सम्मानित किया। इस अवसर पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, विधायक मोहन मरकाम, विधायक सत्यनारायण शर्मा, महापौर एजाज ढेबर, संसदीय सचिव और विधायक विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष और विधायक कुलदीप जुनेजा और सभी धर्मों के धर्मगुरू, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र के लोग उपस्थित थे।

राज्यपाल इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हुईं शामिल

No comments Document Thumbnail

राज्यपाल अनुसुईया उइके राजनांदगांव के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के 16वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। राज्यपाल सह अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर और राजकुमारी इंदिरा के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया गया। दीप प्रज्ज्वलन के बाद विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने कुलगीत की मनमोहक प्रस्तुति दी। इसके बाद राज्यपाल उइके ने प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना पद्मभूषण उमा शर्मा, पार्श्व गायिका पद्मश्री कविता कृष्णमूर्ति, प्रोफेसर पंडित विद्याधर व्यास, प्रसिद्ध नाट्यकर्मी और राष्ट्र नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक प्रोफेसर देवेंद्रराज अंकुर और छत्तीसगढ़ के लोक गायक दिलीप षडंगी को डी. लिट् की मानद उपाधि प्रदान प्रदान की।


राज्यपाल उइके ने  विद्यर्थियों को स्वर्ण पदक, स्नातक-स्नातकोत्तर की उपाधि और शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि भी प्रदान की। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों और शोधार्थियों को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।

राज्यपाल उइके ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जिनका नाम सुना था, जिनके गाने सुने थे, आज उन्हें सम्मानित करके गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ। कला की लगभग सभी विधाओं के पारंगत कलाकार मंचासीन है, ऐसा विलक्षण अवसर विरले ही संभव होते हैं।


उन्होंने सभी कला प्रेमियों से कहा कि कलाकार की नैतिक जिम्मेदारी भी है कि वह कला के द्वारा शिक्षा भी दें। लेकिन समझने की आवश्यकता है कि कला का ज्ञान हमें केवल पुस्तकों सेे नहीं मिलता है। प्रत्येक कलाकार को इसके लिए साधना करनी होती है। भारतीय कला-चिंतन में भी कला को एक साधना माना गया है। किसी भी प्रकार के बंधन से मुक्त कलाकार, प्रेम और सद्भाव का संदेश देता है। राज्यपाल उइके ने विद्यार्थियों और शोधार्थियों से कहा कि यदि आप दृढ़ संकल्पित हो जाएं तो आप भी डी. लिट् जैसी प्रतिष्ठित उपाधि प्राप्त कर सकते हैं।

राज्यपाल उइके ने कहा कि प्रदेश के सांस्कृतिक विकास में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राजा वीरेन्द्र बहादुर सिंह और रानी पद्मावती देवी ने यह अमूल्य भेंट भारतीय संस्कृति को समर्पित की है। यह विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। मुझे पूर्ण विश्वास है आप सभी इस सांस्कृतिक विरासत व परंपरा को सहेजेंगे। उन्होंने कहा कि दीक्षांत का मतलब सिर्फ विधिवत शिक्षा-सत्र की समाप्ति से है। अब आप जीवन के नए चरण में प्रवेश करेंगे। मैं चाहूंगी कि आपने यहाँ जो सीखा है, जो ज्ञान अर्जन किया है, जिस कला की साधना की है, उसका आगे जीवन में सदुपयोग करें। आप लोगों ने यहां जो शिक्षा प्राप्त की है, वह आपके भावी जीवन में काम आने वाली है।

भारतीय संस्कृति जितनी पुरानी है, उतनी ही प्रचीन उसकी कलाएं भी हैं। साहित्य, कला, संगीत एवं नृत्य आदि संस्कृति के अंग है और इन्हीं के द्वारा देश की संस्कृति समृद्ध बनती है। लोक जीवन और लोक कलाओं से निरन्तर संवाद के बिना किसी कला का समुचित विकास सम्भव नहीं है। जब भी यह संवाद किसी कारण से अवरुद्ध होता है तो इन कलाओं का विकास रूक जाता है। आप सभी जिस भी क्षेत्र में कार्य करें पूरी लगन और मेहनत से करें, आपको सफलता अवश्य मिलेगी। आप भारतीय संस्कृति के संवाहक हैं।

विश्वविद्यालय प्रबंधन को दिया धन्यवाद

ये गर्व की बात है और इसी गर्व और आत्मविश्वास से बाहर की दुनिया में कदम रखें। संगीत की दुनिया में सकारात्मक बदलाव लायें और अपनी समृद्धशाली संस्कृति को संरक्षित करें और आगे बढ़ायें। उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने सभी उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि संगीत और कला के अध्ययन के लिए खैरागढ़ विश्वविद्यालय का विशिष्ट स्थान है। संगीत विश्वविद्यालय अपने प्रसिद्धि के अनुरूप अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन को भी धन्यवाद दिया।

सांसद संतोष पांडेय ने भी किया संबोधित

सांसद संतोष पांडेय ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति मोक्षदा चंद्राकर ने स्वागत उद्बोधन के माध्यम से विश्वविद्यालय की गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी दी। इस अवसर पर सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संभागायुक्त महादेव कांवरे, कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा, पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलपति अरूणा पल्टा, बिलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति एडीएन वाजपेयी, खैरागढ़ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आईडी तिवारी समेत अन्य जनप्रतिनिधि और  गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

रिवरडेल वर्ल्ड स्कूल : महासमुंद में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्कूली शिक्षा

No comments Document Thumbnail

महासमुंद जैसे कस्बाई जिला मुख्यालय में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्कूली शिक्षा उपलब्ध है। रिवरडेल वर्ल्ड स्कूल के वार्षिकोत्सव को सम्बोधित करते हुए छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने इस पर प्रसन्नता जाहिर की। राज्यपाल उइके बतौर मुख्य अतिथि  रिवरडेल वर्ल्ड स्कूल के कार्यक्रम में शामिल हुई। उन्होंने नवनिर्मित स्विमिंग पुल का लोकार्पण किया।

स्कूल के बच्चों के विज्ञान प्रदर्शनी, एक्टिविटी रूम, हिसाब-किताब (मैथ रूम) सहित अन्य क्लास रूम का अवलोकन किया और बच्चों का उत्साहवर्धन किया । बच्चों द्वारा बनाए गए मॉडल की सराहना करते हुए शुभकामनाएं दी। स्कूल में घुड़सवारी प्रक्षिक्षण की सुविधा भी उन्होंने देखी। 

स्कूल के बिना बचपन अधूरा

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने विद्यार्थियों से कहा कि कोरोना के लम्बे दौर के बाद स्कूल खुले हैं। बच्चे अब फिर से स्कूल आने लगे और स्कूल की गतिविधियों में उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं। बच्चे स्कूल में संचालित इनडोर और आउटडोर गेम खेल रहे हैं। स्कूल के बिना बचपन अधूरा लगता है। सब लोग कोरोना की मुश्किल दौर से गुजरे हैं। कोरोना काल में आप लोग मोबाईल और टीवी के जरिए पढ़ाई कर रहे थे। यह आधुनिक संसाधन जीवन का हिस्सा बन गया है। इसका आदी होना खतरनाक है। मोबाइल के निरन्तर उपयोग से स्नायुतंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए मोबाइल का उपयोग सीमित करें।

उन्होंने कहा कि हर बच्चे में एक विशेष प्रतिभा छिपी होती है। इस छुपे हुए हुनर को पहचानने की शिक्षकों को कोशिश करनी चाहिए और उन्हें निखारना चाहिए। उन्होंने सभी अभिभावकों से भी यही अपेक्षा की। विद्यार्थियों से कहा कि अपनी ऊर्जा को अच्छी सोच के साथ अच्छे कार्य में लगाएंगे तो जीवन में सफलता अवश्य मिलेगी।  हमें कुछ हासिल करना है तो दृढ़ निश्चय करना होगा। उसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार करना होगा। जो जैसा सोचता है और करता है, वह वैसा बन जाता है।

जीवन में बहुत तनाव है, तनाव न लें

राज्यपाल उइके ने कहा कि आज सबके जीवन में बहुत तनाव है। बच्चों के जीवन में भी बहुत तनाव है, क्योंकि पढ़ाई के नाम पर अभिभावक उन पर दबाव डालते हैं। उन्होंने अपने स्कूली जीवन का अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब वह परीक्षा में विफल हो गई तो उसे चुनौती के रूप में लिया और आगे कड़ी मेहनत कर मेरिट में स्थान बना सकी। बच्चे कम नंबर पाते हैं तो अभिभावकों को चाहिये कि वे बच्चों को हतोत्साहित न करें बल्कि प्रोत्साहित करें । ताकि वे आगे अच्छे अंक लेकर आएं।

भविष्य में समाज व राष्ट्र के विकास के लिए यही बच्चे अच्छे नागरिक बनकर काम करेंगे ऐसा मुझे विश्वास है। उन्होंने स्कूल में संचालित गतिविधियों की सराहना की। कार्यक्रम में 15 प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को उनकी वर्ष भर की उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत किया।  इनमें अभय चंद्राकर, अनुष्का चंद्राकर, रजतराज साहू, हिमांशु साहू, दिव्या शर्मा, शौर्य वासनिक, अभव्या चंद्राकर, समारा दास,  रुद्राभिषेक प्रधान, अविरल चंद्राकर, अदिति चंद्राकर, सिद्धि गुप्ता, आर्या अग्रवाल, आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। इस दौरान विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी।

महासमुंद के लिए मिल का पत्थर : चुन्नीलाल

महासमुंद संसदीय क्षेत्र के सांसद (लोकसभा) चुन्नीलाल साहू ने रिवरडेल वर्ल्ड स्कूल की शिक्षण व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि दक्षिण-पश्चिम भारत में शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा है। राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा व्यवस्था महासमुंद में उपलब्ध कराने का यह प्रयास सराहनीय है। उन्होंने कहा कि रिवरडेल वर्ल्ड स्कूल में उपलब्ध कराई जा रही शिक्षा और शिक्षकेत्तर व्यवस्था क्षेत्र के प्रतिभागियों के विकास में मिल का पत्थर साबित होगा। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में महासमुंद भी भागीदारी सुनिश्चित कर सकेगा। 

शिक्षा के साथ संस्कार जरूरी : अग्नि

छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष अग्नि चंद्राकर ने कहा कि ओड़िशा, मध्यप्रदेश की तर्ज पर महासमुंद में रिवरडेल वर्ल्ड स्कूल जैसे इंटरनेशनल स्कूल की स्थापना से इंग्लिश मीडियम की शिक्षा समृद्ध होगी। उन्होंने अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों में संस्कार का क्लास लगाने पर जोर देते हुएकहा कि शिक्षा के साथ संस्कार जरूरी है। इंग्लिश मीडियम स्कूलों में इसका अभाव नजर आता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में प्रतिस्पर्धा के लिए अंग्रेजी भाषा की पढ़ाई आवश्यक है। 1960-70के दशक में तो पाठ्यक्रम से  'अंग्रेजी हटाओ आंदोलन' किया गया था।

उत्कृष्ट शिक्षण व्यवस्था का मिलेगा लाभ : विनोद

छत्तीसगढ़ सरकार में संसदीय सचिव एवं  महासमुंद विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि  शिक्षा के क्षेत्र में महासमुंद उत्तरोत्तर प्रगति पथ पर अग्रसर है। महासमुंद मेडिकल कॉलेज की स्थापना से मेडिकल शिक्षा का रास्ता खुला है। अंग्रेजी भाषा की शिक्षा को बढ़ावा देने सरकार आत्मानंद स्कूल प्रारंभ की है। विद्यार्थियों को मल्टीटैलेंट के लिए इस तरह के स्कूलों में अध्ययन करना चाहिए। रिवरडेल वर्ल्ड स्कूल की उत्कृष्ट शिक्षण व्यवस्था से यहां के बच्चे निश्चित ही राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा को साबित कर सकते हैं।

व्यक्तित्व और चरित्र निर्माण में अहम भूमिका

 स्वागत उदबोधन में स्कूल के डायरेक्टर अक्षत गोयल ने स्कूल की गतिविधियों और स्थापना के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। गोयल ने कहा कि वर्ल्ड क्लास शिक्षक की व्यवस्था,  गुवाहाटी, दार्जलिंग, असम से यहां शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। व्यक्तित्व और चरित्र निर्माण में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है। रिवरडेल स्कूल में इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।  कोरोना काल से जूझते हुए भी बहुत कम समय में स्कूल ने विशेष स्थान प्राप्त किया है। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्कूल के बच्चों ने परचम लहराया है। दसवीं बोर्ड परीक्षा में शत प्रतिशत परिणाम आया है। राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंट वीरेंद्र सतीजा छिंदवाड़ा, अतुल गोयल, कमलजीत अरोरा आदि ने भेंट किया। आभार ज्ञापन स्कूल की प्राचार्या पूजा शर्मा ने की।

राज्यपाल और CM भूपेश ने चैत्र नवरात्रि, गुड़ी पड़वा और चेट्रीचंड्र की दी शुभकामनाएं

No comments Document Thumbnail

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने चैत्र नव वर्ष, नवरात्रि, गुड़ी पड़वा, उगादी और चेटीचंड्र के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। राज्यपाल ने कामना की है कि ये नव वर्ष देश और प्रदेश के सभी नागरिकों के लिए मंगलमय, सुख-समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य लेकर आएगा। साथ ही  प्रदेश प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ेगा। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने इस अवसर पर सभी नागरिकों के लिए सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि 2 अप्रैल यानी आज से हिंदू नववर्ष, नव संवत्सर और चैत्र नवरात्रि शुरू हो गया है। इस दिन बैसाखी, गुड़ी पड़वा और चेट्रीचंड्र का पर्व भी मनाया जाता है। 

कई स्वरूपों में विराजमान है देवी 

चैत्र नवरात्रि का पर्व शक्ति की उपासना का पर्व है, जिसे छत्तीसगढ़ में बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। माता भगवती छत्तीसगढ़ में मां शीतला, दंतेश्वरी, महामाया, बम्लेश्वरी, कंकाली, गंगा मैया, बिलईमाता, चंद्रहासिनी देवी और अन्य स्वरूपों में विराजमान है। उन्होंने माता भगवती से प्रार्थना की है कि उनका आशीष प्रदेशवासियों पर बना रहे और प्रदेश निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर हो।

सकारात्मक रहने वाला और योग करने वाला रहेगा हमेशा स्वस्थ: राज्यपाल उइके

No comments Document Thumbnail

कोई व्यक्ति कितना भी पद और शोहरत हासिल कर ले, उसे अपनी हकीकत नहीं भूलनी चाहिए। हमेशा मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखकर कार्य करना चाहिए। जो व्यक्ति ऐसा कार्य करता है, उसे समाज सम्मान देता है। यह बात राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आज द योगा इंस्टीट्यूट मुंबई के रायपुर केन्द्र के शुभारंभ अवसर पर कही। राज्यपाल ने योग केंद्र के शुभारंभ के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जो सकारात्मक रहता है और नियमित रूप से योग और प्राणायाम करता है, वह निश्चित ही निरोगी रहेगा।



राज्यपाल ने कहा कि मैंने विद्यार्थी जीवन से अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की। उसके बाद काफी कम उम्र में विधायक के पद पर निर्वाचित हुई और मंत्री भी बनीं। इसके बाद राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य, राज्यसभा सदस्य तथा राष्ट्रीय जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष पद के दायित्व का निर्वहन करने का अवसर प्राप्त हुआ। आज मुझे छत्तीसगढ़ के राज्यपाल पद का दायित्व संभालने का अवसर प्राप्त हुआ। इस बीच मेरे जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव भी आए, लेकिन मैंने अपना दृष्टिकोण सकारात्मक रखा कभी हिम्मत नहीं हारी और हर चुनौतियों को स्वीकार कर आगे बढ़ती रही। मैं हमेशा प्रकृति के साथ रही, इसका प्रभाव निश्चित ही मेरी जीवन शैली पर पड़ा। उन्होंने कहा कि अवश्य योग करें, लेकिन योग करने के साथ-साथ हमेशा सेवा भावी रहें। हमेशा दूसरों के प्रति दृष्टिकोण सकारात्मक रखें और बिना किसी अपेक्षा के सहायता करें।

राज्यपाल ने आमजनों से किया आग्रह

राज्यपाल ने कहा कि भारत का गौरवशाली अतीत रहा है। हजारों वर्ष पहले हमारे पूर्वजों ने हमें जो अनेक बहुमूल्य निधियां प्रदान की है, उनमें योग महत्वपूर्ण है। आज योग के महत्व को पूरी विश्व ने स्वीकार कर लिया है। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून 2015 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का निर्णय लिया। तब से हर वर्ष 21 जून को योग दिवस का आयोजन किया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने प्राकृतिक खेती का महत्व बताते हुए कहा है कि प्राकृतिक खेती करने से ऐसे उत्पाद प्राप्त होंगे जो हमें अधिक स्वस्थ रखेंगे। राज्यपाल ने आमजनों से आग्रह करते हुए कहा कि आधुनिक जीवनशैली के दुष्परिणाम से बचने के लिए हम सभी नेचेरोपैथी और योग को अपनाएं और उन्हें अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद

विधायक कुलदीप जुनेजा ने कहा कि जो हमेशा योग करता है, वह निरोगी रहता है। पिछले कुछ समय से हमने कोरोना जैसे संक्रमण से जूझ रहे हैं, लेकिन इस कोरोना काल ने हमें योग, व्यायाम के साथ-साथ परिवार के महत्व को बताया। द योगा इंस्टीट्यूट की संचालिका डॉ. हंसा योगेन्द्र ने कहा कि आज के व्यस्त जीवन में हमें अपने आप को पहचाने। हम प्रतिदिन अपने लिए एक घंटा समय दें। सुबह उठकर सकारात्मक विचार करें और प्रकृति को निहारें। निश्चित ही ऐसा करने से हम सकारात्मक रहेंगे और स्वस्थ रहेंगे। इस अवसर पर ऋषि योगेन्द्र, रायपुर केंद्र की प्रमुख लीना नंजियानी और सुशील पुनिया उपस्थित रहीं।

पैथालॉजी और माइक्रोबायोलॉजी का चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान: राज्यपाल उइके

No comments Document Thumbnail

चिकित्सा विज्ञान में पैथालॉजी और माइक्रोबायोलॉजी का महत्वपूर्ण योगदान है। कोरोना जैसे भयानक महामारी की पहचान भी हम पैथालॉजी विज्ञान के माध्यम से कर पाए हैं और इसका हम बचाव भी कर रहे हैं। यह बात राज्यपाल अनुसुईया उइके ने इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथालॉजिस्ट एंड माइक्रोबायोलॉजिस्ट के 69वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए कही। यह सम्मेलन 'ए मीटिंग ऑफ माइंड्स टू रिवाईस, एडवांस्ड प्रेक्टिसेस एंड प्रोग्रेस इन पैथालॉजी' विषय पर आधारित था। राज्यपाल ने इस अवसर पर पैथालॉजी विज्ञान के जनक डॉ. रूडोल्फ वर्चो को भी स्मरण किया। उन्होंने आयोजन समिति को इस वार्षिक सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं दी।

राज्यपाल ने कहा कि पैथालॉजी साइंस मेडिकल साइंस की महत्वपूर्ण शाखा है, जिसमें विषय विशेषज्ञ रोग के कारण, रोग द्वारा उत्पन्न संरचनात्मक असमानताओं एवं परिवर्तनों का अध्ययन करते हैं। रोगों के निदान में पैथालॉजिस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विभिन्न प्रायोगिक जांच के द्वारा सटीक रूप से बीमारी का पता लगाकर ही सही उपचार किया जा सकता है और जांच से उपचार की वास्तविक प्रगति को भी देखा जा सकता है। चिकित्सा विज्ञान के विभिन्न अनुसंधानों में भी पैथोलॉजी का बहुत महत्व है।

विभिन्न अनुसंधानों में भी पैथोलॉजी का बहुत महत्व

उन्होंने कहा कि सालों पहले जब चिकित्सा विज्ञान पूर्ण विकसित नहीं था तब सिर्फ लक्षणों के आधार पर इलाज हुआ करता था, लेकिन पैथालॉजी साइंस के विकास के साथ हम विभिन्न परीक्षण कर आसानी से यह पता कर सकते हैं कि मरीज को कौन सा रोग है और उसके आधार पर हम उसका सटीक इलाज कर सकते हैं। हम यह कल्पना करें कि यदि पैथालॉजी विज्ञान विकसित न हों तो हम मलेरिया, डेंगू और अन्य संक्रामक बीमारियों में कैसे अंतर कर पाते।

पैथालॉजिस्ट की कमी महसूस 

राज्यपाल ने कहा कि दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में पैथालॉजी सेंटर और पैथालॉजिस्ट की कमी महसूस की जा रही है। अतः इसके स्नातकोत्तर और डिप्लोमा जैसे पाठ्यक्रम शुरू किए जाने की आवश्यकता है। साथ ही इसके लिए मानक स्तर निर्धारित करते हुए प्रशिक्षण भी प्रदान की जाए। इसके लिए इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथालॉजिस्ट एंड माइक्रोबायोलॉजिस्ट को पहल की जानी चाहिए।

1500 से ज्यादा प्रतिभागियों ने कराया पंजीयन

राज्यपाल ने कहा कि यह अत्यंत हर्ष की बात है कि इस सम्मेलन के लिए 1500 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीयन कराया है और 600 से 700 वैज्ञानिकों द्वारा पोस्टर और पेपर्स प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जो इस अधिवेशन के लिए प्रतिभागियों के उत्साह को दिखाता है। इस सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों के द्वारा पैथोलॉजी विषय के विभिन्न उपशाखाओं जैसे-हिस्टोपैथालॉजी, सायटोलॉजी, क्लिनिकल पैथालॉजी, मॉलिक्यूलर पैथालॉजी  पर व्याख्यान दिये जाएंगे, जिसका लाभ, देश के फैकल्टी के साथ-साथ स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को भी मिलेगा। अंततः परोक्ष रूप से इसका लाभ छत्तीसगढ़ सहित भारतवर्ष के मरीजों को मिलेगा। इस अवसर पर संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. विष्णुदत्त, डॉ. वत्सला मिश्रा, डॉ. असरान्ति कर, डॉ. हुरेन्द्र कुमार, डॉ. राजू भाईसारे, डॉ. रेणुका गहिने, डॉ. अरविन्द नेरल उपस्थित रहे।

ग्रामीणों की मांग पर अमल, CM भूपेश ने 53 गांवों को नारायणपुर में शामिल करने केंद्र को भेजा प्रस्ताव

No comments Document Thumbnail

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ शासन की ओर से कांकेर जिले के अंतागढ़ ब्लॉक के रावघाट के इलाके के लोगों की भावनाओं और प्रशासनिक कामकाज की सहूलियत के मद्देनजर इस क्षेत्र के 53 गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल किए जाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को पहले ही भेजा जा चुका है। अंतागढ़ ब्लॉक रावघाट अंचल के ग्रामीणों की इस मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुरू से ही सहमत रहे हैं और इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को केंद्र सरकार को प्रस्ताव भिजवाने के साथ ही समन्वय कर आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित कर चुके हैं।  


वहीं राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कांकेर जिले से पदयात्रा करते आ रहे आदिवासियों के समूह से मिलने बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम पहुंचकर उनसे बात की। साथ ही उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। वहीं आदिवासियों की पैदल चलकर राजधानी पहुंच की जानकारी मिलते ही उन्होंने कांकेर जिला प्रशासन से बात की। उन्होंने मुझे पत्र के माध्यम से सूचना दी है कि इन गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल कराने के लिए, संबंधित गांव के नक्शे संलग्न कर शासन को पत्र लिख दिया गया है। उन्होंने इस संबंध में शासन के उच्च अधिकारियों को जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए। 

गौरतलब है कि अंतागढ़ के विधायक अनूप नाग के नेतृत्व में बीते दिनों रावघाट इलाके के ग्रामीणों के एक प्रतिनिधि मंडल ने अपनी मांग के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की थी और अंतागढ़ ब्लाक के 53 गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल किए जाने का आग्रह किया था। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को यह अवगत कराया था कि रावघाट अंचल के 53 गांव जिला मुख्यालय कांकेर से काफी दूर है। 

प्रशासनिक कामकाज के लिए कांकेर जिला मुख्यालय जाने-आने में काफी दिक्कतें होती है, जबकि इन गांवों की नारायणपुर जिला मुख्यालय से दूरी काफी कम है। रावघाट इलाके के इन गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल किए जाने से यहां के लोगों को जिला मुख्यालय आने-जाने में सहूलियत होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीणों के प्रतिनिधि मण्डल की मांगों पर सहमति जताते हुए राजस्व विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में प्रस्ताव केंद्र सरकार को भिजवाने के निर्देश दिए थे। 

केंद्र सरकार को भेजा गया प्रस्ताव

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को इस मौके पर यह भी भरोसा दिलाया था कि उनकी मांगों को मूर्तरूप देने में अपनी ओर से हरसंभव प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को यह जानकारी भी दी थी कि नए ब्लॉक का गठन और इसकी सीमा का निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। इसलिए अंतागढ़ ब्लॉक के रावघाट अंचल के गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल किए जाने का निर्णय केंद्र सरकार लेगी। केंद्र सरकार को राज्य शासन द्वारा प्रस्ताव भेजा जाएगा और वहां से सहमति मिलते ही इसे पूरा किया जाएगा।

राज्यपाल ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राजभवन में किया पौधरोपण, देखें तस्वीरें

No comments Document Thumbnail

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आज यहां राजभवन परिसर के उद्यान में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधरोपण किया। उन्होंने इस अवसर पर अमलताश, कचनार, चंदन, फाईकस और गोल्डन साईप्रस पौधे का रोपण किया। राज्यपाल ने अपने द्वारा पूर्व में रोपण किए गए पौधों का निरीक्षण किया गया और उन्हें संरक्षित करने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई दी। साथ ही उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि आप सभी पर्यावरण का संरक्षण करें और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें। इसे एक दिन के आयोजन से ही इतिश्री न करें। जब-जब अनुकुलता हो वृक्षारोपण करें और उनके संरक्षण की जिम्मेदारी लें। यह देखें कि पौधा लगाने के बाद नष्ट न हों। आज कोरोना संक्रमण के समय पर्यावरण संरक्षण की अधिक जरूरत है, जिसे हम वृक्षारोपण के माध्यम से पूरी कर सकते हैं।














राज्यपाल से मिले मुख्य सचिव अमिताभ जैन

No comments Document Thumbnail

छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव का पदभार संभालने के बाद अमिताभ जैन (Chhattisgarh new CS Amitabh Jain) राज्यपाल अनुसुईया उइके से मिलने राजभवन पहुंचे। राज्यपाल ने उन्हें नए दायित्वों के लिए शुभकामनाएं दी। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने राज्यपाल को 'पहला गिरमिटिया' और 'न भूतो न भविष्यति' पुस्तकें भेंट की।





अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने 'भारत दर्शन' और 'आमचो बस्तर' नामक पुस्तकें राज्यपाल को भेंट की। इस दौरान राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो, उप सचिव रोक्तिमा यादव और नियंत्रक हरबंश मिरी उपस्थित रहे।





छत्तीसगढ़ के 12वें चीफ सेक्रेटरी (Chhattisgarh new CS Amitabh Jain)





अमिताभ जैन राज्य के 12वें चीफ सेक्रेटरी बने हैं। अमिताभ जैन राज्य के तेज तर्रार और अनुभवी ऑफिसर्स में गिने जाते हैं, वह इससे पहले भी कई अहम विभाग में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।





कई विभागों में काम करने का हैं अनुभव





अमिताभ जैन 1989 बैच के आईएएस अफसर हैं। छत्तीसगढ़ में इस बैच से वह अकेले आईएएस हैं, अलग-अलग विभागों में काम करने का उनके पास लंबा अनुभव हैं। वह लंबे समय से वित्त की जिम्मेदारी संभालते आ रहें हैं। इसके अलावा वाणिज्यिक कर, गृह, जेल, परिवहन, जल संसाधन जैसे कई बड़े पोर्टफोलियों उनके पास रहे हैं। अमिताभ जैन छत्तीसगढ़ की पृष्ठभूमि से आते हैं।


Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.