Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

पैथालॉजी और माइक्रोबायोलॉजी का चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान: राज्यपाल उइके

चिकित्सा विज्ञान में पैथालॉजी और माइक्रोबायोलॉजी का महत्वपूर्ण योगदान है। कोरोना जैसे भयानक महामारी की पहचान भी हम पैथालॉजी विज्ञान के माध्यम से कर पाए हैं और इसका हम बचाव भी कर रहे हैं। यह बात राज्यपाल अनुसुईया उइके ने इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथालॉजिस्ट एंड माइक्रोबायोलॉजिस्ट के 69वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए कही। यह सम्मेलन 'ए मीटिंग ऑफ माइंड्स टू रिवाईस, एडवांस्ड प्रेक्टिसेस एंड प्रोग्रेस इन पैथालॉजी' विषय पर आधारित था। राज्यपाल ने इस अवसर पर पैथालॉजी विज्ञान के जनक डॉ. रूडोल्फ वर्चो को भी स्मरण किया। उन्होंने आयोजन समिति को इस वार्षिक सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं दी।

राज्यपाल ने कहा कि पैथालॉजी साइंस मेडिकल साइंस की महत्वपूर्ण शाखा है, जिसमें विषय विशेषज्ञ रोग के कारण, रोग द्वारा उत्पन्न संरचनात्मक असमानताओं एवं परिवर्तनों का अध्ययन करते हैं। रोगों के निदान में पैथालॉजिस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विभिन्न प्रायोगिक जांच के द्वारा सटीक रूप से बीमारी का पता लगाकर ही सही उपचार किया जा सकता है और जांच से उपचार की वास्तविक प्रगति को भी देखा जा सकता है। चिकित्सा विज्ञान के विभिन्न अनुसंधानों में भी पैथोलॉजी का बहुत महत्व है।

विभिन्न अनुसंधानों में भी पैथोलॉजी का बहुत महत्व

उन्होंने कहा कि सालों पहले जब चिकित्सा विज्ञान पूर्ण विकसित नहीं था तब सिर्फ लक्षणों के आधार पर इलाज हुआ करता था, लेकिन पैथालॉजी साइंस के विकास के साथ हम विभिन्न परीक्षण कर आसानी से यह पता कर सकते हैं कि मरीज को कौन सा रोग है और उसके आधार पर हम उसका सटीक इलाज कर सकते हैं। हम यह कल्पना करें कि यदि पैथालॉजी विज्ञान विकसित न हों तो हम मलेरिया, डेंगू और अन्य संक्रामक बीमारियों में कैसे अंतर कर पाते।

पैथालॉजिस्ट की कमी महसूस 

राज्यपाल ने कहा कि दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में पैथालॉजी सेंटर और पैथालॉजिस्ट की कमी महसूस की जा रही है। अतः इसके स्नातकोत्तर और डिप्लोमा जैसे पाठ्यक्रम शुरू किए जाने की आवश्यकता है। साथ ही इसके लिए मानक स्तर निर्धारित करते हुए प्रशिक्षण भी प्रदान की जाए। इसके लिए इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथालॉजिस्ट एंड माइक्रोबायोलॉजिस्ट को पहल की जानी चाहिए।

1500 से ज्यादा प्रतिभागियों ने कराया पंजीयन

राज्यपाल ने कहा कि यह अत्यंत हर्ष की बात है कि इस सम्मेलन के लिए 1500 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीयन कराया है और 600 से 700 वैज्ञानिकों द्वारा पोस्टर और पेपर्स प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जो इस अधिवेशन के लिए प्रतिभागियों के उत्साह को दिखाता है। इस सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों के द्वारा पैथोलॉजी विषय के विभिन्न उपशाखाओं जैसे-हिस्टोपैथालॉजी, सायटोलॉजी, क्लिनिकल पैथालॉजी, मॉलिक्यूलर पैथालॉजी  पर व्याख्यान दिये जाएंगे, जिसका लाभ, देश के फैकल्टी के साथ-साथ स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को भी मिलेगा। अंततः परोक्ष रूप से इसका लाभ छत्तीसगढ़ सहित भारतवर्ष के मरीजों को मिलेगा। इस अवसर पर संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. विष्णुदत्त, डॉ. वत्सला मिश्रा, डॉ. असरान्ति कर, डॉ. हुरेन्द्र कुमार, डॉ. राजू भाईसारे, डॉ. रेणुका गहिने, डॉ. अरविन्द नेरल उपस्थित रहे।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.