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टीबी मुक्त भारत के लिए राजनीतिक सहभागिता को बढ़ावा देने हेतु राजस्थान के सांसदों से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा की बैठक

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टीबी मुक्त भारत की दिशा में राजनीतिक सहभागिता को और मजबूत करने के निरंतर प्रयास के तहत, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राजस्थान के सांसदों से बैठक की। यह सत्र विभिन्न राज्यों के सांसदों के साथ आयोजित ब्रीफिंग श्रृंखला का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत में ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) के खिलाफ सामूहिक नेतृत्व को सुदृढ़ करना है।

आज की बैठक में केंद्रीय राज्य मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण,भागीरथ चौधरी, केंद्रीय राज्य मंत्री, रेलवे एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, रवीनीत सिंह बिट्टू और राजस्थान के सांसदों ने संसद भवन एनेक्स एक्सटेंशन, नई दिल्ली में भाग लिया। इस चर्चा में निर्वाचित प्रतिनिधियों की केंद्रीय भूमिका पर जोर दिया गया, जो टीबी जैसी महामारी के खिलाफ भारत की प्रगति को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

सांसदों के नेतृत्व और भागीदारी की सराहना करते हुए नड्डा ने राजस्थान में टीबी स्क्रीनिंग और उपचार के विस्तार में राज्य की उपलब्धियों की प्रशंसा की और असिंप्टोमैटिक टीबी की चुनौती का मुकाबला करने के लिए सतत निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत में टीबी की घटनाएं 2015 से 2024 के बीच 21% घट गई हैं, जो वैश्विक दर से लगभग दोगुनी है, और वर्तमान में देश में 90% उपचार सफलता दर दर्ज की जा रही है, जैसा कि WHO ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2025 में उल्लेख किया गया है।

मंत्री ने सांसदों से जिला-स्तरीय कार्रवाई को सशक्त बनाने, नि-क्शय मित्रों का समर्थन करने और टीबी से जुड़ा कलंक समाप्त करने तथा समय पर निदान और देखभाल सुनिश्चित करने के लिए समुदायों को सक्रिय करने में नेतृत्व करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “टीबी मुक्त भारत पहल यह दर्शाती है कि कैसे राजनीतिक इच्छाशक्ति और जन सहभागिता मिलकर इस पुरानी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती को समाप्त कर सकती है।”

राजस्थान के सांसदों ने स्थानीय जागरूकता अभियानों का विस्तार करने, शीघ्र पहचान के लिए नि-क्शय शिविर आयोजित करने और अपने निर्वाचन क्षेत्रों में टीबी हस्तक्षेपों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने का संकल्प लिया। उन्होंने समुदाय-आधारित पहलों का समर्थन करने, पोषण, मनो-सामाजिक और आजीविका सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने सरकार की रणनीतिक प्राथमिकताओं को रेखांकित किया, जिसमें समुदाय-आधारित स्क्रीनिंग, AI-संचालित डायग्नोस्टिक उपकरणों का रोलआउट और पोषण केंद्रित हस्तक्षेप शामिल हैं, जो उपचार के परिणामों को बेहतर बनाएंगे। अतिरिक्त सचिव और मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, अराधना पटनायक ने टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत अब तक की प्रगति और आगे की दिशा का अवलोकन प्रस्तुत किया।

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