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अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस की बैठक: पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने वैश्विक बिग कैट संरक्षण सहयोग को नई दिशा दी

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पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव ने आज नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (IBCA) के ढांचे के तहत ‘बिग कैट संरक्षण के लिए सहयोगात्मक पहल’ पर एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में बिग कैट रेंज देशों के राजदूतों एवं उच्चायुक्तों के साथ भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए यादव ने दोहराया कि IBCA प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि है, जो विश्वास, परस्पर सम्मान और साझा जिम्मेदारी पर आधारित एक साझेदारी-प्रधान वैश्विक पहल है। उन्होंने बिग कैट्स के वैश्विक पारिस्थितिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि बाघ, सिंह, हिम तेंदुए, चीते, तेंदुए, प्यूमा और जगुआर केवल आकर्षक वन्यजीव नहीं हैं बल्कि पारिस्थितिक संतुलन के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के प्रहरी हैं। उन्होंने कहा, “हम क्षमता निर्माण और ज्ञान-साझाकरण के माध्यम से उनके आवासों के संरक्षण और आसपास के क्षेत्रों के हरित विकास के लिए मिलकर कार्य करना चाहते हैं।”

भारत 2026 में नई दिल्ली में ग्लोबल बिग कैट्स समिट की मेजबानी करेगा। इस अवसर पर यादव ने सभी बिग कैट रेंज देशों को आमंत्रित किया कि वे संरक्षण से जुड़े अपने अनुभव, रणनीतियाँ और सर्वश्रेष्ठ प्रथाएँ साझा करें। उन्होंने बिग कैट्स से जुड़े सभी देशों को IBCA से जुड़ने का आग्रह किया, ताकि वैश्विक सहयोग और मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि IBCA देशों के लिए एक ऐसा मंच है जहाँ “आप अपनी क्षमताएँ साझा कर सकते हैं, एक-दूसरे से सीख सकते हैं और उन प्रयासों में योगदान दे सकते हैं जो प्रजातियों की रक्षा, पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा और आने वाली पीढ़ियों के लिए जलवायु लचीलापन सुनिश्चित करते हैं।”

भारत की संरक्षण विचारधारा का उल्लेख करते हुए यादव ने कहा, “संरक्षण कोई आंदोलन नहीं, बल्कि हमारी जीवनशैली है।” उन्होंने बताया कि भारत का दृष्टिकोण सांस्कृतिक मूल्यों से प्रेरित प्रकृति-आधारित समाधानों पर केंद्रित है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आर्थिक प्रगति का मूल्यांकन केवल पारंपरिक मानकों से नहीं बल्कि पारिस्थितिक संतुलन को बढ़ावा देने के आधार पर भी किया जाना चाहिए।

उन्होंने सूचित किया कि IBCA अब अपने अगले चरण में प्रवेश कर चुका है। नई दिल्ली में इसका सचिवालय स्थापित किया जा चुका है, 18 देश आधिकारिक रूप से एलायंस से जुड़ चुके हैं, 3 देशों को प्रेक्षक का दर्जा मिला है, और कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ इस वैश्विक मिशन में योगदान दे रही हैं।

बैठक ज्ञान-साझाकरण, क्षमता-विकास और सामूहिक कार्रवाई को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुई। भारत ने विश्व के सातों बिग कैट प्रजातियों और उनके आवासों के संरक्षण के लिए वैश्विक भागीदारों के साथ मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

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