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किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की 21वीं वार्षिक दीक्षांत समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने किया संबोधन

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के 21वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित किया। समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उपमुख्यमंत्री एवं चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज कुमार, उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री मयंकशवर शरण सिंह और भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद उपस्थित रहे।

नड्डा ने नए स्नातकों को बधाई दी और KGMU द्वारा चिकित्सा शिक्षा और रोगी देखभाल के क्षेत्र में किए गए योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, “KGMU 2025 के NIRF रैंकिंग में 8वें स्थान पर है और इसके 12 फैकल्टी मेंबर्स स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा शीर्ष 2% वैज्ञानिकों में सूचीबद्ध हैं, जो वास्तव में प्रशंसनीय उपलब्धि है।”

केंद्रीय मंत्री ने पिछले दशक में भारत में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में हुए महत्वपूर्ण सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले सदी के अंत में देश में केवल एक AIIMS था, जबकि आज भारत में 23 AIIMS संस्थान हैं, जो हर क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं और प्रशिक्षण को पहुँचाने के सरकार के संकल्प को दर्शाते हैं।

उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 819 हो गई है। इसी प्रकार, स्नातक चिकित्सा सीटें 51,000 से बढ़कर 1,19,000 और पोस्टग्रेजुएट सीटें 31,000 से बढ़कर 80,000 हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार 2029 तक स्नातक और पोस्टग्रेजुएट स्तर पर अतिरिक्त 75,000 सीटें उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनमें से एक वर्ष में ही 23,000 से अधिक सीटें जोड़ दी गई हैं।

नड्डा ने यह भी बताया कि आज देश में 1.82 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मन्दिर संचालित हैं, जो व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत – PMJAY योजना के तहत 62 करोड़ से अधिक लोग, यानी देश की 40% से अधिक आबादी, 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य कवरेज का लाभ प्राप्त कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने स्नातकों से आग्रह किया कि वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत करें। उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक MBBS छात्र पर 30-35 लाख रुपये खर्च करती है, इसलिए डॉक्टरों को समाज सेवा और चिकित्सा विज्ञान में उत्कृष्टता के लिए समर्पित रहना चाहिए।

इस अवसर पर, 81 छात्रों और एक फैकल्टी सदस्य को उनके शैक्षणिक, नैदानिक और शोध कार्यों में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। पुरस्कारों में गोल्ड और सिल्वर मेडल, मेरिट सर्टिफिकेट, पुस्तक पुरस्कार, नकद पुरस्कार और सर्वोत्तम थीसिस तथा सर्वश्रेष्ठ निवासी के लिए पुरस्कार शामिल हैं।

ब्रजेश पाठक ने कहा कि “120 से अधिक वर्षों से KGMU चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और मानव सेवा में एक मील का पत्थर रही है।” उन्होंने उत्तर प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र में हुए प्रगति का भी उल्लेख किया।

इस समारोह में KGMU की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यनंद (पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त), डीन प्रो. अपजीत कौर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।


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