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दूरसंचार धोखाधड़ी पर सख्त प्रावधान, ‘संचार साथी’ से नागरिकों की भागीदारी बढ़ी: डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर

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संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने आज लोकसभा में एक अतारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि दूरसंचार अधिनियम, 2023 की उप-धारा 42(3)(e) के तहत धोखाधड़ी, छल या व्यक्ति-भेषण (Personation) के माध्यम से सिम कार्ड या अन्य दूरसंचार पहचानकर्ता प्राप्त करना दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार ‘पुलिस’ और ‘लोक व्यवस्था’ राज्य सूची के विषय हैं।

मंत्री ने बताया कि दूरसंचार अधिनियम, 2023 की उप-धारा 42(3)(c) और 42(3)(f) के अंतर्गत दूरसंचार पहचानकर्ताओं के साथ छेड़छाड़ करना तथा यह जानते हुए भी ऐसे रेडियो उपकरणों को रखना या उपयोग करना, जिनमें अनधिकृत या छेड़छाड़ किए गए पहचानकर्ता हों, अपराध की श्रेणी में आता है। इसके अतिरिक्त, टेलीकॉम साइबर सुरक्षा नियम किसी भी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर दूरसंचार उपकरण की विशिष्ट पहचान संख्या को हटाने, बदलने या उसमें छेड़छाड़ करने तथा ऐसे हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर को रखने या उपयोग करने पर रोक लगाते हैं, जिनके बारे में जानकारी हो कि वे अवैध रूप से कॉन्फ़िगर किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने लाइसेंस शर्तों के माध्यम से यह अनिवार्य किया है कि सभी टेलीकॉम सेवा प्रदाता (TSPs) किसी भी ग्राहक को सब्सक्राइबर के रूप में जोड़ने से पहले उसकी उचित पहचान और सत्यापन सुनिश्चित करें।

डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि DoT ने नागरिक-केंद्रित ‘संचार साथी’ पोर्टल और ऐप विकसित किया है, जिसके माध्यम से नागरिक अपने मोबाइल हैंडसेट की प्रामाणिकता अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (IMEI) के जरिए जांच सकते हैं। दूरसंचार धोखाधड़ी को रोकने और डिजिटल सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए ‘संचार साथी’ पहल के तहत व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। IMEI सत्यापन से जुड़े व्याख्यात्मक वीडियो और इन्फोग्राफिक्स DoT के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराए गए हैं।

इसके साथ ही, ‘संचार मित्र’ योजना शुरू की गई है, जिसके अंतर्गत छात्र स्वयंसेवकों को डिजिटल सुरक्षा, धोखाधड़ी से बचाव और संचार साथी पोर्टल व ऐप के उपयोग के बारे में नागरिकों को जागरूक करने के लिए जोड़ा गया है। स्थानीय भाषाओं में संवाद के माध्यम से यह पहल जमीनी स्तर पर जागरूकता बढ़ाने में मदद कर रही है।

नागरिकों तक पहुंच के लिए बहुभाषी समाचार लेख, विज्ञापन, सार्वजनिक स्थलों पर डिजिटल स्क्रीन और होर्डिंग्स, टीवी और रेडियो संदेश, DoT की फील्ड इकाइयों द्वारा स्थानीय गतिविधियां, टेलीकॉम कंपनियों के साथ एसएमएस अभियान और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार किया जा रहा है।

मंत्री ने बताया कि ‘संचार साथी’ जनभागीदारी को भी बढ़ावा देता है, जिसके तहत नागरिक साइबर धोखाधड़ी में दूरसंचार संसाधनों के संदिग्ध दुरुपयोग की रिपोर्ट कर सकते हैं। इससे अधिकारी और टेलीकॉम ऑपरेटर संदिग्ध नंबरों और फर्जी कनेक्शनों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई कर पाते हैं, जिससे दोषियों को जवाबदेह ठहराया जा सके और निर्दोष उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

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