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पेंशन अदालत में त्वरित न्याय: 1087 में से 815 पेंशनरों की शिकायतों का मौके पर समाधान

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रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, वित्त, डाक, आवास एवं शहरी कार्य, नागरिक उड्डयन आदि से संबंधित 30 विभागों/मंत्रालयों के सुपर सीनियर पेंशनरों एवं पारिवारिक पेंशनरों से जुड़ी कुल 1087 शिकायतें पेंशन अदालत में निवारण हेतु उठाई गईं, जिनमें से 815 शिकायतों का मौके पर ही समाधान कर दिया गया। यह पहल पेंशनरों को समयबद्ध न्याय उपलब्ध कराने में अत्यंत प्रभावी सिद्ध हुई।

24.12.2025 को आयोजित पेंशन अदालत में कई हृदयस्पर्शी सफलता कथाएँ सामने आईं। नीचे कुछ मामलों के अंश प्रस्तुत हैं, जो पेंशनरों द्वारा झेली गई कठिनाइयों और पेंशन अदालत की व्यवस्था के माध्यम से उनके लंबे समय से लंबित वैध अधिकारों की प्राप्ति को दर्शाते हैं—

प्रीतम सिंह

हरियाणा के रेवाड़ी निवासी प्रीतम सिंह की शिकायत 114 दिनों से अधिक समय से लंबित थी। यह जीपीएफ, अवकाश नकदीकरण और ग्रेच्युटी के भुगतान न होने से संबंधित थी। उन्होंने फोन पर अपनी शिकायत की स्थिति बताई। बीएसएफ अधिकारियों ने सूचित किया कि मामला सुलझा लिया गया है और ₹68,10,192/- की कुल बकाया राशि शीघ्र ही पेंशनर के खाते में जमा कर दी जाएगी।

केवल कृष्ण

जम्मू-कश्मीर निवासी केवल कृष्ण की शिकायत 150 दिनों से अधिक समय से लंबित थी। उनकी पत्नी स्व.फोली देवी के निधन के बाद पारिवारिक पेंशन शुरू होने में देरी हुई थी। सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि ₹8,56,107/- की अतिरिक्त पारिवारिक पेंशन राशि पहले ही जमा की जा चुकी है तथा 07.12.2020 से 30.11.2025 तक की कुल बकाया राशि ₹12,11,444/- का भुगतान प्रक्रिया में है और शीघ्र जारी कर दिया जाएगा।

खिमुली देवी

उत्तराखंड निवासी खिमुली देवी, जिनके पति एसएसबी में कार्यरत थे, एक पारिवारिक पेंशनर हैं। उनकी शिकायत 133 दिनों से अधिक समय से लंबित थी और न्यूनतम असाधारण पेंशन (Extraordinary Pension) के संशोधन व ब्याज सहित बकाया भुगतान से संबंधित थी। उनके पोते ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लेते हुए बकाया गणना पत्र की मांग की। एसएसबी नोडल अधिकारी ने आश्वासन दिया कि शेष बकाया शीघ्र भुगतान किया जाएगा और गणना पत्र भी उपलब्ध कराया जाएगा।

सबित्री बाग

सबित्री बाग, स्व. क्षमा सिल बाग की विधवा हैं, जो डाक विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी शिकायत 129 दिनों से अधिक समय से लंबित थी। निलंबन अवधि के नियमितीकरण में देरी के कारण वेतन लाभ और पारिवारिक पेंशन जारी नहीं हो पाई थी। डाक विभाग ने बताया कि 11.10.2014 से 09.01.2020 की सेवा अवधि को 21.11.2025 को नियमित कर दिया गया है। पेंशन अदालत में यह निर्देश दिया गया कि मामले की एक सप्ताह में समीक्षा कर बकाया भुगतान शीघ्र सुनिश्चित किया जाए।

सावित्री देवी भिकाजी मदाये

84 वर्षीय सुपर सीनियर पारिवारिक पेंशनर सावित्री देवी भिकाजी मदाये को जून 2021 से पारिवारिक पेंशन नहीं मिल रही थी, क्योंकि कोषागार से बैंक में भुगतान स्थानांतरण के दौरान मूल दस्तावेज और पीपीओ गुम हो गए थे। सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय, पीएओ और सीपीएओ से समन्वय के बाद 18.12.2025 को बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीपीपीसी को ₹7,40,870/- की बकाया राशि के भुगतान की स्वीकृति जारी कर दी गई है। उनके अस्पताल में भर्ती होने के कारण पुणे से एआईसीजीपीए पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव ने उनकी ओर से भाग लिया और शिकायत समाधान पर आभार व्यक्त किया।


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