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केंद्र और राज्यों की संयुक्त पहल: साइबर अपराध से निपटने के लिए देशभर में साइबर पुलिस स्टेशनों का तेज़ विस्तार

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‘पुलिस’ और ‘लोक व्यवस्था’ भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार राज्य सूची के विषय हैं। इसलिए अपराधों की रोकथाम, पता लगाना, जाँच और अभियोजन, तथा साइबर अपराधों से निपटने के लिए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशनों की स्थापना का दायित्व मुख्य रूप से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEAs) का है। केंद्र सरकार राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह जारी करके और विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता प्रदान कर उनकी क्षमता-वृद्धि में सहयोग करती है।

पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) अपनी रिपोर्ट “Data on Police Organizations” में साइबर सेल और साइबर क्राइम पुलिस स्टेशनों का वार्षिक डाटा प्रकाशित करता है। नवीनतम रिपोर्ट वर्ष 2024 की है। पिछले पाँच वर्षों में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में कुल साइबर क्राइम पुलिस स्टेशनों की संख्या 169 (2020) से बढ़कर 459 (2024) हो गई है। विस्तृत विवरण परिशिष्ट में दिया गया है।

साइबर अपराधों से निपटने के लिए केंद्र सरकार की प्रमुख पहलें

1. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की स्थापना

गृह मंत्रालय ने देश में सभी प्रकार के साइबर अपराधों से समग्र और समन्वित तरीके से निपटने के लिए I4C की स्थापना की है।

2. राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP)

  • वेबसाइट: cybercrime.gov.in

  • सभी प्रकार के साइबर अपराध, विशेषकर महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों की ऑनलाइन रिपोर्टिंग हेतु बनाया गया है।

  • यहाँ दर्ज शिकायतों पर आगे की कार्रवाई संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की एजेंसियाँ करती हैं।

3. नागरिक वित्तीय साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एवं प्रबंधन प्रणाली (CFCFRMS)

  • वर्ष 2021 में शुरू की गई।

  • वित्तीय धोखाधड़ी की त्वरित रिपोर्टिंग और फंड्स को फ्रीज कराने में मदद करती है।

  • इसके लिए हेल्पलाइन 1930 संचालित की गई है।

4. साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (CFMC)

  • I4C में स्थापित अत्याधुनिक केंद्र।

  • इसमें विभिन्न बैंकों, पेमेंट एग्रीगेटरों, टेलीकॉम, आईटी इंटरमीडियरीज और राज्यों की LEAs के प्रतिनिधि मिलकर कार्य करते हैं।

5. संयुक्त साइबर समन्वय टीमें (JCCTs)

मेवात, जामताड़ा, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, विशाखापट्टनम और गुवाहाटी — इन सात क्षेत्रों में साइबर अपराध हॉटस्पॉट्स को ध्यान में रखते हुए JCCTs स्थापित की गई हैं।

6. ‘समन्वय’ प्लेटफ़ॉर्म

  • यह MIS, डेटा रिपॉजिटरी और समन्वय मंच है।

  • राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए साइबर अपराध डेटा, विश्लेषण और इंटरस्टेट लिंक तैयार करता है।

  • इसके माध्यम से अब तक 16,840 आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित हुई है और 1,05,129 साइबर जाँच सहायता अनुरोध पूरे किए गए हैं।

7. राज्यों में S4C/R4C केंद्र

  • राज्यों को I4C की तर्ज पर S4C/R4C स्थापित करने का अनुरोध किया गया है।

  • अब तक बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में S4C स्थापित हो चुके हैं।

परिशिष्ट: राज्य/केंद्रशासित प्रदेश अनुसार साइबर क्राइम पुलिस स्टेशनों की संख्या (2020–2024)

कुल संख्या: 169 (2020) → 459 (2024)
(डेटा: BPR&D — Data on Police Organizations, 2020–2024)

यह जानकारी गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने लोकसभा में लिखित उत्तर के रूप में दी।


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