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आधार डेटा पूरी तरह सुरक्षित, अब तक कोई ब्रीच नहीं: लोकसभा में सरकार का स्पष्ट बयान

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आधार दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली के रूप में एक नया रिकॉर्ड स्थापित कर चुका है। देश में लगभग 134 करोड़ जीवित आधार धारक हैं और अब तक 16,000 करोड़ से अधिक आधार प्रमाणीकरण लेनदेन सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं।

आधार जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार धारकों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक और बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब तक UIDAI के डेटाबेस से किसी भी प्रकार का डेटा ब्रीच नहीं हुआ है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने 17 दिसंबर 2025 को लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया कि UIDAI ने डिफेंस-इन-डेप्थ अवधारणा पर आधारित मजबूत साइबर सुरक्षा ढांचा तैयार किया है। आधार डेटा के प्रसारण और भंडारण के दौरान उन्नत एन्क्रिप्शन तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जिससे जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहती है।

UIDAI की सूचना सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली को STQC द्वारा ISO 27001:2022 और प्राइवेसी इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम के लिए ISO/IEC 27701:2019 का प्रमाणन प्राप्त है। इसके अलावा, UIDAI को संरक्षित प्रणाली घोषित किया गया है, जिससे राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (NCIIPC) द्वारा लगातार साइबर सुरक्षा परामर्श दिया जाता है।

आधार पारिस्थितिकी तंत्र की निगरानी के लिए स्वतंत्र ऑडिट एजेंसी के माध्यम से गवर्नेंस, रिस्क और कंप्लायंस फ्रेमवर्क लागू किया गया है। साथ ही, UIDAI अपने सभी अनुप्रयोगों का नियमित रूप से साइबर सुरक्षा ऑडिट करता है, जिसमें स्टैटिक और डायनामिक एप्लिकेशन सिक्योरिटी टेस्टिंग शामिल है।

सरकार ने दोहराया कि आधार प्रणाली न केवल तकनीकी रूप से सशक्त है, बल्कि नागरिकों की निजता और डेटा सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, जिससे डिजिटल इंडिया के प्रति लोगों का विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है।

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