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अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा हेतु यूनेस्को की 20वीं अंतर-सरकारी समिति का सत्र नई दिल्ली के लाल किले में प्रारंभ

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यूनेस्को की Intangible Cultural Heritage (अमूर्त सांस्कृतिक विरासत) की सुरक्षा के लिए 20वीं अंतर-सरकारी समिति का सत्र आज लाल किले, नई दिल्ली में विभिन्न बैठकों के साथ शुरू हुआ।

सुबह के सत्र के बाद संस्कृति मंत्रालय के सचिव विवेक अग्रवाल ने प्रेस वार्ता की अध्यक्षता की।
इस प्रेस वार्ता में 20 COM के अध्यक्ष और भारत के यूनेस्को में स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी. शर्मा, तथा यूनेस्को के सहायक महानिदेशक (संस्कृति) एर्नेस्टो ओत्तोने उपस्थित रहे।

भारत की विरासत संरक्षण प्रतिबद्धता पर जोर

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए,

सचिव विवेक अग्रवाल ने कहा कि यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल लाल किले में इस सत्र की मेजबानी करना, भारत की मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के अद्वितीय सम्मिश्रण का प्रतीक है।

उन्होंने बताया कि भारत परंपराओं के संरक्षण में समुदाय-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाता है, जिसमें—

  • राष्ट्रीय सूची (National Inventory) का विस्तार,

  • कलाकारों और परंपरा-वाहकों के लिए क्षमता-विकास कार्यक्रम,

  • और जीवित परंपराओं को राष्ट्रीय विकास कार्यक्रमों से जोड़ने के प्रयास शामिल हैं।

भारत के 15 अमूर्त तत्व—“सांस्कृतिक पहचान का कैलिडोस्कोप”

सचिव ने भारत के 15 अमूर्त सांस्कृतिक तत्वों का उल्लेख किया जो यूनेस्को की प्रतिनिधि सूची में शामिल हैं, जैसे:

  • वैदिक मंत्रोच्चार

  • कुटियाट्टम

  • योग

  • कुंभ मेला

  • दुर्गा पूजा

  • गरबा

उन्होंने कहा कि ये सभी भारत की सांस्कृतिक पहचान के “कैलिडोस्कोप” हैं।

अग्रवाल ने यह भी रेखांकित किया कि अमूर्त सांस्कृतिक विरासत मानवता की “जीवंत धड़कन” है, जो प्रदर्शन कलाओं, शिल्प, उत्सवों, अनुष्ठानों और मौखिक परंपराओं के माध्यम से पीढ़ी दर पीढ़ी संरक्षित होती है।

विश्व स्तर पर अमूर्त विरासत के सामने चुनौतियाँ

सचिव ने बताया कि यह सत्र ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया भर में अमूर्त सांस्कृतिक विरासतें—

  • व्यावसायिक दबाव,

  • समुदायों की बदलती संरचना,

  • और विकसित होते डिजिटल परिवेश

जैसी चुनौतियों का सामना कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि यूनेस्को का मंच सहयोग, संवाद और सामूहिक संरक्षण के लिए अत्यंत आवश्यक है।

भारत की प्रतिबद्धता फिर दोहराई गई

प्रेस वार्ता में बोलते हुए विशाल वी. शर्मा ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दोहराया।

उन्होंने कहा कि समिति में भारत का कार्यकाल (2022–2026), वैश्विक चर्चाओं में भारत की भूमिका को और मजबूत करता है।

यूनेस्को प्रतिनिधि की प्रशंसा

यूनेस्को के सहायक महानिदेशक एर्नेस्टो ओत्तोने ने भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि—

  • नई दिल्ली में 20वें सत्र की मेजबानी से वे अत्यंत प्रसन्न हैं,

  • और उन्होंने भारत सरकार द्वारा सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

8–13 दिसंबर 2025 तक चलेगा सत्र

यह सप्ताहभर चलने वाला सत्र 8 से 13 दिसंबर 2025 तक आयोजित होगा, जिसमें लगभग 1000 प्रतिनिधि शामिल होंगे—
सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधि, सांस्कृतिक संस्थान, विशेषज्ञ, एनजीओ और पर्यवेक्षक।

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